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50 लाख के लिए बच्चे को फावड़े से काटने वाले नौकरों को उम्रकैद

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Published : Dec 23, 2022, 6:17 PM IST

Updated : Dec 23, 2022, 7:45 PM IST

जिला सत्र न्यायाधीश जय प्रकाश पांडे की अदालत ने शुक्रवार को सुल्तानपुर के बहुचर्चित श्रेयांस अपहरण और मर्डर केस में सजा सुनाई. कोर्ट ने 50 लाख फिरौती की खातिर मासूम की फावड़े से काटकर हत्या करने वाले चार हत्यारों को आजीवन कारावास की सजा दी है. साथ ही उन पर 14-14 लाख का अर्थदंड भी लगाया है.

Etv Bharat shreyans murder case of sultanpur
Etv Bharat shreyans murder case of sultanpur

सुल्तानपुर : सुल्तानपुर के बहुचर्चित कटका कांड में 4 साल बाद जिला एवं सत्र न्यायालय (District Sessions Court Sultanpur) ने सजा सुनाई है. कोर्ट ने 50 लाख फिरौती की खातिर अपने ही मालिक के मासूम बच्चे की फावड़े से काट कर हत्या करने वाले नौकरों को दोषी माना है. अदालत ने अपहरण को बाद हत्या की घटना को नृशंस मानते हुए चारों हत्यारों को आजीवन कारावास की सजा सुनाई है. साथ ही प्रत्येक को 14-14 लाख रुपये का अर्थदंड भी दिया गया है. इस राशि का 80 प्रतिशत मृतक मासूम के पिता को देने का आदेश दिया है. दोषियों ने श्रेयांस के छोटे भाई दिव्यांग को घायल कर दिया था. उस हमले के बाद से दिव्यांश भी दिव्यांग हो गया.

shreyans murder case of sultanpur
श्रेयांस और देवांश की फाइल फोटो
यह मामला सुल्तानपुर जिले के गोसाईगंज थाना क्षेत्र अंतर्गत कटका खानपुर के महिलो आशापुर इलाके का है. 20 दिसंबर 2018 को नौकरों ने स्कूल गए सगे भाई श्रेयांश (6 वर्ष) और दिव्यांश (8 वर्ष) का अपहरण कर लिया था. नौकरों ने अपने मालिक से बच्चों की रिहाई के एवज में 50 लाख रुपये की फिरौती की मांग की थी. तत्कालीन पुलिस अधीक्षक अनुराग वत्स ने टीम गठित कर बच्चों की तलाशी का प्रयास किया था. खुद को फंसता हुआ देखकर नौकरों ने एक बच्चे श्रेयांश की करौंदिया मोहल्ले में रखे अज्ञात स्थान पर फावड़े से काट कर हत्या कर दी थी. हमलावरों ने दिव्यांश को भी गंभीर रूप से जख्मी कर दिया गया था. पुलिस की सतर्कता से दूसरे बच्चे की जान बचाई जा सकी थी. दिव्यांश आज भी दिव्यांग बच्चों का जीवन व्यतीत कर रहा है. वह न तो बिस्तर से उठ पाता है और ना ही चल फिर सकता है.

हत्या के इस मामले में गोसाईगंज थाने में मुकदमा पंजीकृत किया गया था. पुलिस ने घर के नौकर रघुवर यादव, सह आरोपी सूरज और शिवानंद उर्फ हरिओम समेत शिवपूजन शर्मा को आरोपी बनाया था. इस केस में एक किशोर की संलिप्तता भी पाई गई थी. पुलिस ने इन सभी के खिलाफ कोर्ट (District Sessions Court Sultanpur) में चार्जशीट दायर किया था. आरोपी किशोर के खिलाफ जूवेनाइल कोर्ट में अभी भी सुनवाई चल रही है.

अभियोजन पक्ष के निजी अधिवक्ता एवं पूर्व डीडीसी क्रिमिनल तारकेश्वर सिंह की बहस के बाद चारों दोषियों को कोर्ट ने आजीवन कारावास की सजा सुनाई है. सभी को अपराध में संलिप्त मानते हुए जिला सत्र न्यायाधीश जय प्रकाश पांडे की अदालत ने पहले ही दोषी करार दे दिया था. इन दोषियों पर 14-14 लाख रुपये का अर्थदंड भी लगाया गया है. जुर्माना राशि अदा न करने पर अदा न करने पर 3 साल अतिरिक्त कैद काटने का भी आदेश दिया है.

वहींं, कोर्ट के फैसले पर पिता राकेश अग्रहरि चारो दोषियों को उम्रकैद की सजा होने के बाद संतुष्ट नहीं हैं. उन्होंने कहा कि टीस अभी बाकी है, इनको तो सजायें मौत होनी चाहिए थी. हम सजा बढ़ाने के लिये मुकदमे की पैरवी जारी रखेंगे. वहीं, मासूम की मां ने कहा कि जिसको परिवार का हिस्सा मानती थी उसने विश्वास का कत्ल किया है. उनके साथ कोई ढिलाई नहीं होनी चाहिए. दोषियों ने जो किया है, उसका गम जीवन भर रहेगा.

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Last Updated :Dec 23, 2022, 7:45 PM IST
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