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सुलतानपुर: हिंदू अनुयायियों ने अलविदा नमाज की निगाहबानी कर एकता का दिया संदेश

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Published : Jun 1, 2019, 9:29 PM IST

जिले में शुक्रवार को अलविदा की नमाज के दौरान हिंदू-मुस्लिम एकता और राष्ट्र की सुरक्षा के लिए दुआ मांगी गई. यहां के समाजसेवियों ने एकता जताते हुए कहा कि कुछ लोग धार्मिक उन्माद फैलाकर गंगा जमुनी तहजीब को प्रभावित करने का प्रयास करते हैं, लेकिन वह सफल नहीं हो सकेंगे.

अलविदा की नमाज में देश की शांति के लिए मांगी गई दुआ.

सुलतानपुर: जिले में गंगा जमुनी तहजीब की एक अनोखी मिसाल देखने को मिली. अलविदा जुमे की आखिरी नमाज में हिंदु धर्म के लोगों ने आपस में मिल-जुलकर नमाज की तमाम तैयारियां की. नमाज के दौरान देश में अमन और शांति की दुआ मांगी गई. यहां हिंदू धर्म के अनुयाईयों ने चारों तरफ से अलविदा नमाज की निगाहबानी की.

गंगा जमुनी तहजीब की अनोखी मिसाल

  • शुक्रवार को अलविदा जुमे की आखिरी नमाज के लिए हिंदु भाईयों ने मिलकर इंतजाम किए.
  • लोगों का कहना है कि सांप्रदायिक उन्माद फैलाकर गंगा जमुनी तहजीब को कुछ लोग प्रभावित करने का प्रयास करते हैं.
  • अलविदा की नमाज में गंगा जमुनी तहजीब को बनाए रखने का संकल्प लिया गया.
  • यहां हिंदुओं के त्यौहार में मुस्लिम भाई और मुस्लिमों के त्यौहार में हिंदू भाई शरीक होते हैं.
    अलविदा की नमाज में देश की शांति के लिए मांगी गई दुआ.


कुछ लोग उन्माद फैलाकर गंगा जमुनी तहजीब को प्रभावित करने का प्रयास करते हैं. यह कुछ भी करें लेकिन सुल्तानपुर की गंगा जमुनी तहजीब को प्रभावित नहीं कर पाएंगे.

-सरदार बलदेव सिंह, समाजसेवी

अलविदा की नमाज के दौरान हिंदू मुस्लिम एकता और राष्ट्र की सुरक्षा -संरक्षा की दुआ मांगी गई .यहां हिंदुओं के त्यौहार में मुस्लिम भाई और मुस्लिमों के त्यौहार में हिंदू भाई शरीक होते हैं. गंगा जमुनी तहजीब का बेहतरीन नमूना है सुल्तानपुर.

-अलीमुद्दीन, सदस्य,अपराध निरोधक समिति

कुछ लोग धार्मिक उन्माद फैलाकर सौहार्द बिगाड़ने का काम करते हैं, लेकिन वह सफल नहीं हो सकेंगे.

-कासिब, समाज सेवी

हिंदू मुस्लिम एकता को संजोने वाली गंगा जमुनी तहजीब सुल्तानपुर की धरोहर है. इस को संजो कर रखना है. विश्व पटल पर सुल्तानपुर का नाम यही तहजीब रखती है. इसकी जिम्मेदारी हम सब पर है. सुल्तानपुर की शांति व्यवस्था कायम होनी चाहिए.

-राजेंद्र सेठ संरक्षक, केंद्रीय पूजा समिति

Intro:exclusive story
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शीर्षक - गंगा जमुनी तहजीब की मिसाल ; यहां हिंदू करते अलविदा नमाज की निगाहबानी।


यह सुल्तानपुर के हिंदू और मुसलमान भाई हैं। जो हर धार्मिक अपकृत्य का मुंहतोड़ जवाब देते हैं। बाबरी मस्जिद ध्वंस हो या मोहर्रम और दुर्गा पूजा के त्यौहार। कभी नहीं दिखा सुल्तानपुर में सांप्रदायिक उन्माद । यहां अलविदा नमाज़ की निगाह बानी करते हैं हिंदू धर्म के अनुयाई।। चारों तरफ से इनकी होती है। घेराबंदी और इनकी सुरक्षा में मुस्लिम भाई करते हैं इबादत। अलविदा की नमाज के दौरान एक बार फिर धार्मिक उन्माद पर प्रहार हुआ। गंगा जमुनी तहजीब को बनाए रखने का संकल्प लिया गया।


Body: कुछ लोग उन्माद फैलाकर गंगा जमुनी तहजीब को प्रभावित करने का प्रयास करते हैं। यह कुछ भी करें लेकिन सुल्तानपुर की गंगा जमुनी तहजीब को प्रभावित नहीं कर पाएंगे।

समाजसेवी सरदार बलदेव सिंह


अलविदा की नमाज के दौरान हिंदू मुस्लिम एकता और राष्ट्र की सुरक्षा संरक्षा की दुआ मांगी गई । यह हिंदुओं के त्यौहार में मुस्लिम भाई और मुस्लिमों के त्यौहार में हिंदू भाई शरीक होते हैं। गंगा जमुनी तहजीब का बेहतरीन नमूना है सुल्तानपुर।

अपराध निरोधक समिति के सदस्य अलीमुद्दीन


बल्दीराय में धार्मिक उन्माद फैलाने की घटना का जितना निंदा की जाए उतना कम है। कुछ लोग धार्मिक उन्माद फैलाकर सौहार्द बिगाड़ने का काम करते हैं। लेकिन वे सफल नहीं हो सकेंगे।

समाजसेवी कासिब







Conclusion:बस यही कहूंगा कि सुल्तानपुर की जो धरोहर है। हिंदू मुस्लिम एकता को संजोने वाली गंगा जमुनी तहजीब । इस को संजो कर रखना है। विश्व पटल पर सुल्तानपुर का नाम यही तहजीब रखती है। कहीं पर कोई अप्रिय घटना न हो, इसकी जिम्मेदारी हम सब पर हैं । सुल्तानपुर की शांति व्यवस्था कायम होने चाहिए। कुछ एक शरारती तत्व धार्मिक उन्माद पैदा करते हैं। उन्हें मुंहतोड़ जवाब देना है।

केंद्रीय पूजा समिति के संरक्षक राजेंद्र सेठ उर्फ रज्जन सेठ


आशुतोष मिश्रा , सुल्तानपुर, 94 15049 256
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