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मां की भूमिका निभातीं हैं आंगनबाड़ी केंद्र की वर्कर : आनंदीबेन पटेल

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Published : Dec 8, 2021, 7:44 PM IST

राज्यपाल आनंदीबेन पटेल (Governor Anandiben Patel) ने सुल्तानपुर आगमन के दौरान आंगनबाड़ी केंद्र की तुलना महाविद्यालय और विश्वविद्यालय से की. कहा कि बच्चों में यह आदत डालनी होगी कि वह अपना काम स्वयं करें.

राज्यपाल आनंदीबेन पटेल
राज्यपाल आनंदीबेन पटेल

सुलतानपुर : राज्यपाल आनंदीबेन पटेल (Governor Anandiben Patel) ने सुल्तानपुर आगमन के दौरान आंगनबाड़ी केंद्र की तुलना महाविद्यालय और विश्वविद्यालय से की है. उन्होंने कहा कि आंगनबाड़ी केंद्र की वर्कर मां की भूमिका निभातीं हैं.

बच्चों को स्वच्छ रखती हैं और उन्हें व्यवहारिक के साथ शैक्षिक ज्ञान भी देतीं हैं. कहा कि आंगनबाड़ी केंद्र हमारे लिए महत्वपूर्ण है. दुल्हन को कार से निकालकर गोली मारने की घटना को लेकर राज्यपाल काफी दुखी दिखीं. मंच से उन्होंने इस घटना को लोगों से साझा किया.

राज्यपाल आनंदीबेन पटेल
पुलिस लाइन पहुंचने के बाद राज्यपाल आनंदीबेन पटेल पंडित राम नरेश त्रिपाठी सभागार (Pandit Ram Naresh Tripathi Auditorium) पहुंचीं. यहां उन्होंने आंगनबाड़ी वर्करों को आवश्यक सामग्री वितरित की ताकि छात्र-छात्राओं को शिक्षा के साथ खेल संसाधन भी मुहैया हो सके.

इस दौरान उन्होंने जनप्रतिनिधियों और सहयोगियों का आह्वान करते हुए कहा कि आंगनबाड़ी केंद्र की तरफ ध्यान दिया जाए. इसके उत्थान से भारत का भविष्य उज्ज्वल होगा. जिलाधिकारी रवीश गुप्ता, मुख्य विकास अधिकारी (Chief Development Officer Atul Vats) अतुल वत्स, पुलिस अधीक्षक विपिन मिश्र के साथ विधायक सीताराम वर्मा राज्यपाल का स्वागत अभिनंदन किया. छात्र-छात्राओं की उपस्थिति कार्यक्रम में आकर्षण का केंद्र रही.

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राज्यपाल ने कहा कि सबसे महत्वपूर्ण इकाई आंगनबाड़ी केंद्र है. बच्चे खेल के माध्यम से अंग्रेजी सीखें, विज्ञान सीखे और एक दूसरे से आचरण करने की सभ्यता सीखें, सहनशीलता सीखें, शक्ति आए और खेल से बच्चे बीमार नहीं होंगे.

आंगनबाड़ी पर सबसे अधिक ध्यान रखने की जरूरत है. आंगनबाड़ी वर्कर मां की तरह आंगनबाड़ी केंद्र में बच्चों की देखभाल करतीं हैं. बच्चों में यह आदत डालनी होगी कि वह अपना काम स्वयं करें.

कहा कि 2021 के बच्चों का आईक्यू बहुत तेज है. बच्चों को उनकी मातृभाषा में शिक्षा देने की जरूरत है क्योंकि वह सबसे अधिक मातृभाषा में ही विषयों को ग्रहण करने की क्षमता रखते हैं. कक्षा एक से 5 तक के बच्चों को उनकी मातृभाषा में ही ज्ञान दिया जाए. यही बड़े होकर देश के विकास में सहभागी बनेंगे.

उन्होंने कहा कि ग्राम प्रधान केंद्र और राज्य की योजनाओं का अधिक से अधिक लाभ ग्रामीणों को दें. कहा कि पिछले दिनों तीन-चार कम उम्र के बच्चों के कार से दुल्हन को निकालकर गोली मार देने की घटना झकझोरने वाली है. कहां गई शिक्षा और संस्कार. बिटिया हमारी धरोहर हैं. कई सेवाओं में खड़े होकर भी अच्छी सेवाएं प्रदान कर रहीं हैं. उनको उठाने की जरूरत है.


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