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देवमणि द्विवेदी ने BSP के ब्राह्मण कार्ड पर किया कटाक्ष, बोले- परशुराम की मूर्ति पर चंदा वसूलने वाले सपाई चंदेल

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Published : Jul 31, 2021, 8:49 PM IST

ईटीवी भारत के संवाददाता ने सुलतानपुर जिले की लम्भुआ विधानसभा से भाजपा विधायक देवमणि द्विवेदी (MLA Devmani Dwivedi) से खास बात की. इस दौरान उन्होंने प्रबुद्ध सम्मेलन की आड़ में ब्राह्मण कार्ड खेलने को लेकर बसपा (bsp) के राष्ट्रीय महासचिव सतीश चंद्र मिश्रा (Satish Chandra Mishra) को आड़े हाथों लिया है. उन्होंने कहा कि गैर जाति के लोगों को भी जनसभा में ब्राह्मण(Brahmin card) दर्शाया जा रहा है जबकि ब्राह्मणों की संख्या 30 से 40% ही सभा में देखी जा रही है. परशुराम की प्रतिमा पर चंदा मांगने वाले सपा नेताओं को उन्होंने चंदेल की संज्ञा दी.

देवमणि द्विवेदी
देवमणि द्विवेदी

सुलतानपुर: यूपी में चुनावी समर का शंखनाद हो चुका है. साल 2022 में यूपी विधानसभा चुनाव(UP assembly elections) होने हैं. बसपा के राष्ट्रीय महासचिव सतीश चंद्र मिश्र (Satish Chandra Mishra) के प्रबुद्ध सम्मेलन की आड़ में ब्राह्मण कार्ड (Brahmin card) खेलने में लगे हैं. सपा भगवान परशुराम की प्रतिमा लगाने की बात कह रही है. वहीं प्रदेश में मेडिकल में आरक्षण देने की मांग की चल रही है. इन सब मुद्दों पर लम्भुआ से भाजपा विधायक देवमणि द्विवेदी (MLA Devmani Dwivedi) से ईटीवी भारत के संवाददाता ने खास बात की. देखिए ये खास रिपोर्ट...

भाजपा विधायक देवमणि द्विवेदी ने की ईटीवी भारत से खास बातचीत.
प्रश्न- बसपा का प्रबुद्ध सम्मेलन क्या है और ब्राह्मण कार्ड कहां तक सफल हो रहा है?उत्तर- चुनावी मौसम को देख कर रही सपा और बसपा कदम बढ़ा रही है. दूसरे दल के नेताओं को लगता है कि सनातन और हिंदुत्व कार्ड खेलने से उन्हें भी कुछ फायदा हो सकता है. ऐसे में वह भी हाथ-पांव मार रहे हैं. तिलक तराजू और तलवार इनको मारो जूते चार और इसके बाद ब्रह्मा विष्णु महेश हैं हाथी नहीं गणेश हैं के बयानों के जरिए जातिगत लोगों को लुभाने का प्रयास किया जा रहा है. सपा और बसपा मौसम विज्ञान के हिसाब से चलते हैं.

प्रश्न: बसपा के राष्ट्रीय महासचिव सतीश चंद्र मिश्र ब्राह्मण कार्ड खेल रहे हैं. इसका क्या प्रभाव देखा जा रहा है?
उत्तर: यह निकले हैं ब्राह्मणों को लुभाने के लिए, लेकिन इसका बहुत ठंडा रिस्पांस देखने को मिल रहा है. उनकी कादीपुर की जनसभा में 30 से 40% ही ब्राह्मण थे, बाकी अन्य जाति के लोग शामिल किए गए. गाड़ियां देकर लोगों को एकत्रित किया गया है. 1000 की भीड़ में 100-50 ब्राह्मण ही जनसभा में पहुंचे. जनसभाओं में 95% लोग ब्राह्मण नहीं हैं.

प्रश्न: समाजवादी पार्टी परशुराम की प्रतिमा लगाने की बात कह रही है. उनके पूर्व विधायक परशुराम के माध्यम से ब्राम्हण कार्ड खेल रहे हैं?
उत्तर: भगवान परशुराम के नाम पर जो लोग चंदा वसूल कर रहे हैं. वह ब्राह्मण नहीं चंदेल हैं. जो ना जीत में हैं ना हार में और कहीं नहीं कतार में. हर फ्रंट पर फेल हैं. जो ना दुश्मनों में हैं ना यार में, उनकी हम क्या चर्चा करें.

प्रश्न: ट्विटर पर मेडिकल आरक्षण को लेकर चर्चा छिड़ी है, उसको लेकर क्या कहना है?
उत्तर: आरक्षण एक संवेदनशील मुद्दा है और भाजपा एक संवेदनशील पार्टी है. जब संवेदनशील मुद्दे को संवेदनशील पार्टी उठाती है तो उसमें कोई दल-दल नहीं होता है. भाजपा समरसता पर काम करती है. हमारा नारा है सबका साथ सबका विकास. हम आंख नाक खोलकर बैठे हुए हैं. सारी बातों को सुना जा रहा है. भले ही कोई बोल नहीं रहा है.

प्रश्न: बीते 5 साल में विकास के प्रमुख रूप से आपके क्या आयाम रहे हैं.
उत्तर: कांग्रेस के समय में रोटी कपड़ा और मकान मुद्दा हुआ करता था. आज के समय में विकास है. हमने 17 पुल लंभुआ में तैयार कराए हैं. आजादी के पहले एक पुल और इन 70 साल में 2 पुल अभी तक मिल सके थे. 5 साल में 500 सड़कें सौगात के तौर पर नागरिकों को प्रदान की गई है.

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