सोनभद्र : उत्तर प्रदेश सरकार का मंत्रिमंडल विस्तार रविवार को हुआ. मंत्रिमंडल में सोनभद्र के ओबरा विधायक संजीव गोंड़ उर्फ संजय गोड़ को भी जगह दी गयी है. ओबरा विधायक को योगी मंत्रिमंडल में शामिल करने के पीछे, आगामी विधानसभा चुनाव में बीजेपी द्वारा सोनभद्र और आसपास के जिलों के गोंड़ आदिवासी वोट को साधने की कवायद माना जा रहा है. बता दें, कि ओबरा विधानसभा 402 की सीट अनुसूचित जनजाति के लिए आरक्षित है. और यहां गोंड़ वोटों की संख्या बहुतायत में है, जो कि इस सीट पर जीत-हार का समीकरण तय करते हैं. ऐसा माना जा रहा है- गोंड़ आदिवासी समुदाय के संजय गोंड़ को मंत्रिमंडल में शामिल करके बीजेपी आदिवासी वोटों को लुभाना चाहती है.
बीजेपी आदिवासी समुदाय को लुभाना चाहती है !
पूर्वांचल के सोनभद्र, मिर्जापुर और चंदौली समेत कई जिलों में गोंड़ जाति की बहुलता है. इसको देखते हुए योगी मंत्रिमंडल में ओबरा क्षेत्र के विधायक संजीव उर्फ संजय गोंड़ को जगह दी गई है. इससे पूर्व भी सपा की सरकार में दुद्धी क्षेत्र के विधायक विजय सिंह गोंड़ को आदिवासी वोटों की गणित के चलते ही सपा सरकार में राज्य मत्री का दर्जा मिल चुका है. सोनभद्र की अनुसूचित जनजाति के लिए आरक्षित दो सीटों ओबरा (402) और दुद्दी (403) पर गोंड़ वोटों की बहुलता है. इन सीटों पर गोंड़ जाति जीत-हार में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है.
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सोनभद्र जिले की ओबरा अनुसूचित जनजाति के लिए सुरक्षित विधानसभा क्षेत्र से वर्ष 2017 के चुनावों में संजय गोंड़ विजयी घोषित हुए थे. बता दें कि वर्ष 2017 में ही सोनभद्र जिले की ओबरा और दुद्धी विधानसभा सीटों को चुनाव आयोग ने अनुसूचित जनजाति के लिए आरक्षित घोषित किया था. वर्ष 2017 में ही संजीव उर्फ संजय गोंड़ पहली बार इस सीट से निर्वाचित घोषित हुए थे और उन्होंने जिले के कद्दावर नेता विजय सिंह गोंड़ के बेटे वीरेंद्र सिंह गोंड़ को हराया था. जातीय समीकरण की गणित के चलते ही अब उन्हें योगी सरकार के मंत्रिमंडल में भी जगह मिली है. इस तरह से आगामी विधानसभा चुनाव को देखते हुए उत्तर प्रदेश की बीजेपी सरकार ने आदिवासी वोटों के लिए एक बड़ा दांव खेला है.