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सीतापुर: आठ लोगों की मौत से गांव में पसर गया मातम

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Published : Jun 19, 2019, 4:53 PM IST

उत्तर प्रदेश के सीतापुर जिले के शाहपुर दलावल गांव में बारात जाते समय हुए भीषण सड़क हादसे में आठ लोगों की मौत हो गई थी. पोस्टमार्टम कराकर शवों को गांव ले जाया गया और अंतिम संस्कार कर दिया गया. इस हादसे से गांव में मातम पसर गया.

भीषण सड़क हादसे में आठ लोगों की मौत.

सीतापुर: जिले के शाहपुर दलावल गांव में सोमवार को हुए भीषण सड़क हादसे में आठ लोगों की मौत हो गई थी. मंगलवार को पोस्टमार्टम की प्रक्रिया पूरी होने के बाद जब इस हादसे का शिकार हुए लोगों के शवों को गांव ले जाया गया तो वहां का नजारा रूह कंपा देने वाला था. शोक की इस घड़ी मे लोगों के पास संवेदना व्यक्त करने के लिए शब्द ही नाकाफी हो गए थे. हर तरफ मातम का माहौल था.

सीतापुर में हादसे की लोगों ने दी जानकारी.

कैसे हुआ हादसा

  • जिले के शाहपुर दलावल गांव में आठ लोग सोमवार को बारात जाते समय भीषण सड़क हादसे का शिकार हो गए थे.
  • पोस्टमार्टम की प्रक्रिया पूरी होने के बाद जब इस हादसे का शिकार हुए लोगों के शवों को गांव ले जाया गया तो वहां का नज़ारा रूह कंपा देने वाला था.
  • किसी के परिवार का साया उठ गया था, तो किसी के घर किलकारी हमेशा के लिए शान्त हो गई थी.
  • खेतों में ले जाकर इन शवों को चिता के हवाले कर दिया गया.
  • आस-पास के गांव वाले भी इस मौके पर इकठ्ठा थे.
  • नेताओं ने भी शोक की इस घड़ी में गांव पहुंचकर अपनी संवेदना व्यक्त की.

एक-एक कर पांच शवों का अंतिम संस्कार कर दिया गया, जबकि लखनऊ में इलाज के दौरान खत्म हुए तीन बच्चों के शवों का अंतिम संस्कार करने के लिए इंतजार किया जा रहा था.

-पप्पू, प्रधान

Intro:सीतापुर:सोमवार को हुए भीषण सड़क हादसे के बाद मंगलवार को शाहपुर दलावल गांव में दिल दहलाने वाला नज़ारा था. लाशों को चिता में जलाया जा रहा था और उनके घरों के लोग फफक फफक कर रो रहे थे. लोग एक दूसरे को दिलासा दिला रहे थे किसी के घर में परिवार से मुखिया का साया उठ गया था तो किसी के परिवार का चिराग ही बुझ गया था. शोक की इस घड़ी मे लोगो के पास संवेदना व्यक्त करने के लिए शब्द ही नाकाफी हो गए थे. हर तरफ मातम का माहौल था.



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यह नजारा था उस शाहपुर दलावल गांव का,जहाँ के आठ लोग सोमवार को बारात जाते समय भीषण सड़क हादसे का शिकार हो गए थे. पोस्टमार्टम की प्रक्रिया पूरी होने के बाद जब इस हादसे का शिकार हुए लोगों के शवों को गांव ले जाया गया तो वहां का नज़ारा रूह कंपा देने वाला था. लोगो की आंखों से निकलने वाले आंसू थमने का नाम नही ले रहे थे. आँसू थमते भी आखिर कैसे. किसी के परिवार का साया उठ गया था तो किसी के घर किलकारी हमेशा के लिए शान्त हो गई थी.

कुछ देर बाद शुरू हुई इन शवो के अंतिम संस्कार की प्रक्रिया. खेतो में ले जाकर इन शवो को चिता के हवाले कर दिया गया. आस पास के गांव वाले भी इस मौके पर इकठ्ठा थे.नेताओं ने भी शोक की इस घड़ी में गांव पहुंचकर अपनी संवेदना व्यक्त की. शोक व्यक्त करने के लिए उनके शब्द नाकाफी हो रहे थे.आखिरकार सब इस हादसे को नियति का खेल मानकर सब्र करने का ही दिलासा दिलाने को मजबूर थे.


Conclusion:एक एक कर पांच लोगों की लाशो का अंतिम संस्कार कर दिया गया जबकि लखनऊ में इलाज के दौरान खत्म हुई तीन बच्चों की लाशों का अंतिम संस्कार करने के लिए इंतजार किया जा रहा था. इस गांव के लोग इस तरह की घटना के पहली बार साक्षी बने थे. उन्होंने भी कभी यह कल्पना नहीं की थी कि उन्हें एक ही दिन में एक साथ कई जवान और बच्चों की लाशों के अंतिम संस्कार में शामिल होने की परिस्थितियों का सहभागी बनना पड़ेगा.

बाइट-पप्पू (प्रधान)
बाइट-रामहेत भारती (पूर्व मंत्री एवं बीजेपी नेता)
पीटीसी-नीरज श्रीवास्तव

सीतापुर से नीरज श्रीवास्तव की रिपोर्ट,9415084887
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