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मजदूर से मोस्ट वांटेड तक कैसे पहुंचा 'मुकीम काला' जानिए

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Published : May 16, 2021, 11:47 AM IST

अपराधी मुकीम काला की हत्या
अपराधी मुकीम काला की हत्या

उत्तर प्रदेश के शामली जिले के कैराना से एक समय पर लोगों का पलायन बहुत तेजी से हुआ. प्रदेश के इस हिस्से में अपराध इतना बढ़ गया था कि लोग अपने घरों को छोड़कर चले गए. इसके पीछे हमेशा एक नाम चर्चा में रहा मुकीम काला का. कुख्यात मुकीम काला पर हत्या, लूट, डकैती आदि संगीन धाराओं में करीब 61 मुकदमे दर्ज थे. चित्रकूट जेल में हुए गैंगवार में एक कैदी ने उसकी गोली मारकर हत्या कर दी.

शामलीः अपराध के साम्राज्य में कदम रखने के बाद अपराधी खुद को जुर्म की दुनिया का सिरमौर समझ बैठते हैं. ऐसे में वें दूसरों की संवेदनाओं को किनारे लगाकर जघन्य अपराधों को भी अंजाम दे डालते हैं. क्राइम की दुनिया का बेताज बादशाह बनने की होड़ रखने वाले अपराधियों के लिए लोगों की जिंदगी भी मायने नहीं रखती. कुछ ऐसा ही कुख्यात अपराधी मुकीम काला ने भी किया. कैराना पलायन के जिम्मेदार इस अपराधी का अब जिंदगी से पलायन हो गया है, लेकिन मुकीम की मौत उसके द्वारा सताए गए परिवारों के लिए किसी मरहम से कम नहीं है.

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अपराधी मुकीम काला के खौफ से कैराना से लोगों का हुआ पलायन
मजदूर से मोस्ट वांटेड तक का सफरमुकीम काला का अतीत तंगहाली से गुजरा है. बताते हैं कि वह कभी राजमिस्त्री के पास में मजदूरी का कार्य करता था. कक्षा पांचवीं तक की पढ़ाई करने वाले मुकीम काला ने वर्ष 2012 में अपराध की दुनिया में कदम रखा था. सबसे पहले मुकीम ने अपने तीन साथियों के साथ मिलकर शामली निवासी विजय कुमार नामक व्यापारी से कैराना-पानीपत रोड पर लूट की वारदात को अंजाम दिया था. इस मामले में कैराना कोतवाली में मुकदमा पंजीकृत हुआ था. इसके बाद मुकीम काला ने यूपी के शामली व सहारनपुर के अलावा हरियाणा राज्य और उत्तराखंड में ताबड़तोड़ वारदातें अंजाम देकर दहशत फैलाई. कैराना में दो व्यापारियों शिव कुमार उर्फ शंकर व राजेंद्र कुमार उर्फ राजू की हत्या हो या फिर सहारनपुर में सिपाही राहुल ढाका की हत्या की वारदात. तनिष्क ज्वैलर्स शोरूम में डकैती और पेट्रोल पंप आदि पर लूटपाट. ऐसी कई बड़ी वारदातों को अंजाम देकर मजदूर से मोस्ट वांटेड तक का सफर तय करने वाले कुख्यात मुकीम काला पर हत्या, लूट, डकैती आदि संगीन धाराओं में करीब 61 मुकदमे दर्ज थे.
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मजदूर से मोस्ट वांटेड तक का सफर तय करने वाले कुख्यात मुकीम काला पर हत्या, लूट, डकैती आदि संगीन धाराओं में करीब 61 मुकदमे दर्ज थे.
कैराना पलायन का जिम्मेदार था मुकीम30 अप्रैल 2016 को भाजपा सांसद बाबू हुकुम सिंह ने कैराना की कश्मीर से तुलना की थी. उनका दावा था कि खौफ के कारण कैराना से 346 परिवारों ने पलायन किया है. उन्होंने कानून व्यवस्था को ध्वस्त बताते हुए सपा सरकार की घेराबंदी की थी. पलायन का असल जिम्मेदार भी मुकीम काला को ही माना जाता रहा है. देशभर में पलायन का मुद्दा गूंजने के बाद कैराना में राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग की टीम भी सत्यता जांचने पहुंची थी. भारतीय जनता पार्टी ने यूपी में विधानसभा-2017 के चुनाव में पलायन प्रकरण को बड़ा मुद्दा बनाया था. इसके बाद यूपी में भाजपा की सरकार भी बनी थी.सियासत ने बढ़ाया हौसलाअपराधिक वारदातों के बाद मुकीम काला पर राजनीतिक लोगों के हाथ भी बताए जा रहे हैं. समय-समय पर ऐसी चर्चाएं भी आम होती थी. शायद यही वजह थी कि मुकीम काला पर प्रभावी कार्रवाई नहीं हो पाती थी. राजनीतिक संरक्षण के चलते मुकीम काला का हौंसला इस कदर बढ़ गया था कि वह पुलिस पर भी हमला कर देता था. सहारनपुर में मुकीम ने सिपाही राहुल ढाका की हत्या कर दी थी. इसके अलावा तनिष्क ज्वैलर्स के शोरूम पर डकैती, पेट्रोल पंप पर लूट सहित कई बड़ी वारदातें भी अंजाम दी.तैयार किया था यूपी का सबसे बड़ा गैंगअपराध की दुनिया में कदम रखने के बाद मुकीम काला खूंखार अपराधी मुस्तफा उर्फ कग्गा गैंग से जुड़ गया था. कग्गा को एनकाउंटर में ढेर किए जाने के बाद मुकीम ने गैंग खड़ा कर दिया. इस गैंग में कम उम्र के लड़कों को जोड़ दिया था. बताते हैं कि इस गैंग में उन लड़कों को तरजीह दी जाती थी, जिनकी रंजिशें चली होती थी. इसके बाद गैंग द्वारा प्रतिद्वंदियों को मार दिया जाता था. रंजिश में हत्या की वारदात सामने भी आती रही हैं. इसके बाद यह गैंग पश्चिमी यूपी का सबसे बड़ा गैंग माना जाता था.

2015 में चढ़ा था एसटीएफ के हत्थे

कैराना में मुकीम गैंग ने दो ममेरे-फुफेरे भाइयों शिव कुमार उर्फ शंकर व राजेंद्र कुमार उर्फ राजू की रंगदारी नहीं देने पर दिनदहाड़े गोलियां बरसाकर हत्या कर दी थी. इसके बाद विरोध में करीब एक सप्ताह तक कैराना का बाजार भी बंद रहा था. इस बीच व्यापारियों ने धरना देकर हत्यारों की गिरफ्तारी की मांग की थी. सुरक्षा और गिरफ्तारी के आश्वासन के बाद ही कैराना का बाजार खुला था. बाद में मुकीम काला पर इनाम की घोषणा सवा दो लाख रुपये तक कर दी गई थी. 20 अक्टूबर 2015 को एसटीएफ ने मुकीम काला को शार्प शूटर साबिर जंधेड़ी सहित गिरफ्तार किया था. उस समय यह भी राजफाश हुआ था कि मुकीम ने गौतमबुद्धनगर के कुख्यात अपराधी अनिल दुजाना से एके-47 खरीदी थी.


टूट चुकी थी पीड़ितों की आस

हत्या, लूट, डकैती सहित पांच दर्जन से अधिक सभी मुकदमे कोर्ट में विचाराधीन चल रहे थे. इतने जघन्य अपराधों के बाद भी कोर्ट से मुकीम काला को किसी भी मामले में शीघ्र सजा नहीं हो सकी. ऐसे में पीड़ित डर के साये में रहते थे. सुरक्षा भी परिवारों को दी गई थी.

अपराधी के हाथ हुआ कुख्यात का खात्मा

अपराध जगत में कोई सिरमौर नहीं होता. चित्रकूट जेल में अंशुल का दांव लग गया तो उसने मुकीम काला का काम तमाम कर दिया. मुकीम की हत्या करने के बाद अंशुल भी अपनी बादशाहत संभाल नहीं पाया. पुलिस ने मुठभेड़ में अंशुल को ढेर कर दिया.

खंडहर बन चुका है मुकीम का मकान

मुकीम काला कैराना कोतवाली क्षेत्र के गांव जहानपुरा का रहने वाला था. इस गांव में मुकीम का मकान मौजूद है. परिवार पहले यहीं पर रहता था, लेकिन आज मकान पर वीरानी छायी हुई है. दरअसल, मुकीम काला द्वारा ताबड़तोड़ वारदातें अंजाम देने के बाद पुलिस की दबिशों के चलते परिवार यहां से किसी दूसरे स्थान पर जाकर रहने लगा था. इसी वजह से मुकीम का मकान खंडहर में तब्दील हो चुका है.

मुकीम के भाई समेत कई एनकाउंटर में ढेर

परिवार में मुकीम काला ही नहीं, बल्कि उसके परिवार के अन्य सदस्यों पर भी अपराधिक मुकदमे दर्ज बताए जाते हैं. सितंबर 2017 में मेरठ में एसटीएफ ने मुकीम काला के छोटे भाई वसीम को एनकाउंटर के दौरान ढेर कर दिया था. इसके अलावा मुकीम काला गैंग की बात करें, तो जनवरी 2018 की रात में पुलिस ने कैराना क्षेत्र के गांव जंधेड़ी निवासी साबिर को उसके गांव में ही मुठभेड़ के दौरान ढेर कर दिया था. साबिर पुलिस कस्टडी से भागकर फरारी काट रहा था. इसके अलावा फरवरी 2018 में झिंझाना क्षेत्र में पुलिस ने इसी गैंग के अकबर को भी मुठभेड़ में मार गिराया था.

कई गुर्गे जेलों में हैं बंद

मुकीम काला गैंग के कई शातिर बदमाश अभी जेल में बंद हैं. इनमें मुंशाद निवासी खंद्रावली दिल्ली की मंडौली जेल और डॉ. इसरार, निवासी गांव खुरगान कैराना और सादर निवासी गांव तितरो गंगोह सहारनपुर हरियाणा की जेलों में बंद बताए जा रहे हैं. इसी गैंग का शार्प शूटर महताब काना भी जेल में बंद बताया जा रहा है. बताया जा रहा है कि मुकीम काला का पिता मुस्तकीम सहारनपुर की जेल में बंद है.

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