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बजट पर बोले शाहजहांपुर के किसान - प्रीपेड चुनावी लालीपॉप है 6000 रुपये देने की घोषणा

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Published : Feb 1, 2019, 4:28 PM IST

Updated : Sep 4, 2020, 3:10 PM IST

किसानों का कहना है कि ये रुपये बहुत कम हैं और चुनावी घर में ही क्यों किसानों की मदद करने की बात सामने आई है. 6000 रुपये में किसानों का कोई भला नहीं होने वाला.

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शाहजहांपुर : बजट को लेकर देश भर के किसानों की अलग-अलग प्रतिक्रियाएं आई हैं. यूपी के शाहजहांपुर में किसानों ने बजट को किसान विरोधी बताया है और किसानों के लिए जो 6000 रुपये देने की बात कही है, उसे ऊंट में जीरा के बराबर बताया है.

यहां के दौरान किसानों का कहना है कि जिस तरह दूसरी चीजों में महंगाई बढ़ी है, उसी तरह किसानी करने में किसानों को सभी वस्तुएं महंगी मिलती हैं, इसलिए 6000 रुपये बहुत कम हैं यह सब चुनावी बातें हैं.

देखें क्या कहना है शाहजहांपुर के किसानों का.

दरअसल, बजट में 2 हेक्टेयर तक के खेती वाले किसानों को 6000 रुपये देने की घोषणा की गई है. इसको लेकर शाहजहांपुर के किसानों में अलग-अलग प्रतिक्रियाएं सामने आई हैं. किसानों का कहना है कि ये रुपये बहुत कम हैं और चुनावी घर में ही क्यों किसानों की मदद करने की बात सामने आई है. 6000 रुपये में किसानों का कोई भला नहीं होने वाला. यह रकम और बढ़ा देनी चाहिए.

किसानों का कहना है कि उनकी कर्ज माफी भी नहीं हुई. उसके बाद आने वाले चुनाव के लिए 6000 रुपये देने की घोषणा प्रीपेड चुनावी लालीपॉप है. ऐसे में किसानों का कहना है कि 6000 रुपये सालाना देना किसानों के लिए ऊंट के मुंह में जीरा के समान है. किसान इस तरह की घोषणा को चुनावी स्टंट के रूप में देख रहा है.

Intro:स्लग- बजट पर किसान की राय
एंकर- बजट को लेकर किसान की अलग-अलग प्रतिक्रिया आई हैं यूपी के शाहजहांपुर में किसानों ने बजट को किसान विरोधी बताया है और किसानों के लिए जो 6000 रुपए देने की बात कही है उसे ऊंट में जीरा के बराबर बताया है इस दौरान किसानों का कहना है कि जिस तरह दूसरी चीजों में महंगाई बढ़ी है उसी तरह किसानी करने में किसानों को सभी वस्तुएं महंगी मिलती हैं इसलिए 6000 रुपए बहुत कम है यह सब चुनावी बातें हैं


Body:दरअसल बजट में 2 हेक्टेयर तक के खेती वाले किसानों को 6000 रुपए देने की घोषणा की गई है इसको लेकर शाहजहांपुर के किसानों में अलग-अलग प्रतिक्रिया हैं किसानों का कहना है कि रुपए बहुत कम है और चुनावी घर में ही क्यों किसानों की मदद करने की बात सामने आई है 6000 रूपा में किसानों का कोई भला नहीं होने वाला यह रकम और बढ़ा देनी चाहिए तो वहीं कुछ कहा कुछ किसानों की राय है कि किसानों को सरिता जाता है उन्हें मिलता कुछ नहीं


Conclusion:किसानों का कहना है कि उनकी कर्ज माफी भी नहीं हुई उसके बाद आने वाले चुनाव के लिए ₹6000 देने की घोषणा प्रीपेड चुनावी लालीपाप है ऐसे में किसानों का कहना है कि 6000 रुपए सालाना देना किसानों के लिए ऊंट के मुंह में जीरा के समान है किसान इस तरह की घोषणा को चुनावी स्टंट के रूप में देख रहा है
बाइट महेश
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Last Updated : Sep 4, 2020, 3:10 PM IST
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