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जेएनयू के दिव्यांग छात्र की मां का छलका दर्द, कहा- बढ़ी फीस वापस लेकर न्याय करे सरकार

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Published : Nov 21, 2019, 9:52 AM IST

Updated : Sep 10, 2020, 12:22 PM IST

जेएनयू में बढ़ी हुई फीस के खिलाफ छात्रों का प्रदर्शन जारी है. छात्रों को रोकने के लिए पुलिस ने लाठीचार्ज किया. इसमें कई छात्रों के साथ संतकबीर नगर के राजापुर सरैया गांव के दोनों आंखों से दिव्यांग छात्र शशि भूषण भी घायल हो गए. इसको लेकर दिव्यांग छात्र का परिवार सरकार से न्याय की मांग कर रहा है.

छलका जेएनयू के दिव्यांग छात्र के मां का दर्द.

संत कबीर नगर: 18 नवंबर से जेएनयू में बढ़ी हुई फीस के खिलाफ तमाम छात्र फीस को कम करने के लिए विरोध कर रहे हैं. विरोध कर रहे छात्रों पर पुलिस ने लाठीचार्ज किया. इसमें कई छात्र घायल हो गए. पुलिस ने उस लाठीचार्ज में दोनों आंखों से दिव्यांग छात्र शशि भूषण को भी नहीं बख्शा. इसको लेकर दिव्यांग छात्र का परिवार गमजदा है और सरकार से न्याय की मांग कर रहा है.

छलका जेएनयू के दिव्यांग छात्र की मां का दर्द.


पुलिस के लाठीचार्ज में जेएनयू का दिव्यांग छात्र घायल

  • बता दें कि सोमवार 18 नवंबर से जेएनयू के छात्र बढ़ी हुई फीस के खिलाफ विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं.
  • पुलिस ने उन्हें रोकने के लिए बर्बरता से उन पर लाठियां बरसाई.
  • इसमें कई छात्र बुरी तरह से जख्मी हो गए.
  • उसमें संत कबीर नगर के खलीलाबाद तहसील में आने वाले राजापुर सरैया गांव का दोनों आंखों से दिव्यांग छात्र शशि भूषण भी शामिल था.

वहीं जब जेएनयू में हुए बवाल की खबर दिव्यांग छात्र शशि भूषण के परिवार को मिली तो पूरा परिवार दुखी हो गया. इतना ही नहीं दिव्यांग छात्र शशि भूषण के दादा फूलचंद पांडे और मां उषा पांडे का कहना है कि उन्हें अपने बेटे पर फक्र है. उन्होंने कहा कि उनके बेटे ने बढ़ी हुई फीस के खिलाफ आवाज उठाई, वह बेहद ही सराहनीय है. वहीं छात्र के दादा और मां ने सरकार से गरीब छात्रों की बढ़ी हुई फीस को वापस लेकर सभी छात्रों के साथ न्याय करने की मांग की है.

इसे भी पढ़ें:- प्रयागराज: जेएनयू छात्रों के समर्थन में उतरे इलाहाबाद विश्वविद्यालय के छात्र, किया विरोध प्रदर्शन

शशि भूषण के दादा ने बताया कि उनका पोता मेहनत से पढ़कर आज जेएनयू में पहुंचा है. हक की मांग उठाने को लेकर पुलिस ने बर्बरता से पिटाई की जो पूरी तरह से गलत है. सरकार से मांग करते हैं कि जिन लोगों ने छात्रों पर लाठियां बरसाईं उनके ऊपर कार्रवाई करें और बढ़ी हुई फीस को वापस कर उन्हें न्याय दिलाएं.

Intro:संतकबीरनगर- कैमरे के सामने छलका जेएनयू के दिव्यांग छात्र के मां का दर्द


Body:एंकर- 18 नवंबर सोमवार का वह दिन जब जेएनयू में बढ़ी हुई फीस के खिलाफ तमाम छात्र फीस को कम करने के लिए विरोध कर रहे थे जिसके बाद पुलिस ने छात्रों पर बर्बरता से लाठिया बरसाई जिसमें कई छात्र घायल हो गए और उसी भीड़ में पुलिस ने संत कबीर नगर के दोनों आंखों से दिव्यांग छात्र शशि भूषण को भी नहीं बख्शा जिसको लेकर दिव्यांग छात्र का परिवार गमजदा है और सरकार से न्याय की मांग कर रहा है।


Conclusion:आपको बता देगी सोमवार 18 नवंबर को जेएनयू में छात्रों और पुलिस के बीच जो जंग छिड़ी वह किसी से छिपी नहीं है जहां बड़ी हुई पीस के खिलाफ छात्रों का विरोध प्रथम चल रहा था जिस पर पुलिस ने उन्हें रोकने के लिए बर्बरता से लाठियां बरसाई जिसमें कई छात्र बुरी तरह से जख्मी हो गए और उन्हीं छात्रों में से संत कबीर नगर जिले के खलीलाबाद तहसील में आने वाले राजापुर सरैया गांव का दोनों आंखों से दिव्यांग छात्र शशि भूषण भी शामिल था और वह दिव्यांग छात्र भी पुलिस की बर्बरता का शिकार हो गया वहीं जब जेएनयू में हुए बवाल की खबर दिव्यांग छात्र शशि भूषण के परिवार को मिलती है जिसके बाद शशि भूषण का परिवार पूरी तरह से दुखी हो गया इतना ही नहीं दिव्यांग छात्र शशि भूषण के दादा फूलचंद पांडे और मां उषा पांडे ने नम आंखों से अपने बेटे पर फक्र महसूस किया उन्होंने कहा कि उनके बेटे ने बढ़ी हुई फीस के खिलाफ आवाज उठाई है वह बेहद ही सराहनीय है क्योंकि वह मेरा बेटा है जो गलत के खिलाफ आवाज उठा रहा। कोई छात्र के दादा और मां ने सरकार से गरीब छात्रों की बढ़ी हुई फीस को वापस लेकर सभी छात्रों के साथ न्याय करने की मांग उठाई है इतना ही नहीं शशि भूषण के बुजुर्ग दादा ने अपने पोते की तारीफ करते हुए बताया कि उनका पोता कितनी मेहनत से पढ़कर आज जेएनयू में पहुंचा है जहां उस पर हक की मांग उठाने को लेकर पुलिस ने बर्बरता से पिटाई की जो पूरी तरह से गलत है और हम सरकार से मांग करते हैं कि जिन लोगों ने छात्रों पर लाठियां बरसाईं उनके ऊपर कार्यवाही करें और छात्र की बढ़ी हुई फीस को वापस कर उन्हें न्याय दिलाएं। कोई पीड़ित के दादा की माने तो दोनों आंखों से दिव्यांग या छात्र शुरू से पढ़ाई के साथ-साथ संगीत और शायरी और ढोल बजाने का माहिर कलाकार था ऐसे में अगर प्रशासन इस तरीकों से छात्रों से बर्बरता पूर्वक व्यवहार करेगा तो छात्रों का भविष्य कैसे उज्जवल होगा।


बाइट-फूलचंद पाण्डेय छात्र के दादा

बाइट- उषा पाण्डेय छात्र की मां
Last Updated :Sep 10, 2020, 12:22 PM IST
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