राकेश टिकैत का बड़ा बयान- आंदोलन करने से ही बचेगा देश, न चुनाव लड़ेंगे और न ही राजनीति में आएंगे

राकेश टिकैत का बड़ा बयान- आंदोलन करने से ही बचेगा देश, न चुनाव लड़ेंगे और न ही राजनीति में आएंगे
संभल में भाकियू प्रवक्ता राकेश टिकैत (BKU spokesperson Rakesh Tikait) ने कहा है कि उनका किसी सरकार से कोई विरोध नहीं है. जो भी सरकार किसानों के विरोध में नीतियां बनाएगी, भाकियू उसका विरोध करेगी. साथ ही कहा कि वे कभी राजनीति में नहीं आएंगे.
संभल : भाकियू प्रवक्ता राकेश टिकैत ने कहा है कि वह सरकार की गलत नीतियों का विरोध करते रहेंगे. इस देश को आंदोलन ही बचाएगा, इसलिए देश में आंदोलन होते रहेंगे. उन्होंने यह भी कहा कि न तो वह चुनाव लड़ेंगे और न ही राजनीति में आएंगे.
सरकार से नहीं, किसान विरोधी नीतियों से परेशानी
संभल के चंदौसी स्थित भाकियू के प्रदेश प्रमुख विजेंद्र यादव के आवास पर सोमवार को पहुंचे भाकियू प्रवक्ता राकेश टिकैत ने कहा कि वह राजनीति में नहीं आएंगे और न ही उनका चुनाव लड़ने का कोई इरादा है. कहा कि चुनाव से भाकियू का कोई संबंध नहीं है. राजनीतिक दल चुनाव लड़ते हैं. कहा कि हर राज्य की सरकार अलग-अलग पॉलिसी लाती है, लेकिन जो सरकार किसानों को लेकर गलत निर्णय लेगी, हम उसका कड़ा विरोध करेंगे. टिकैत ने बिहार और छत्तीसगढ़ का उदाहरण देते हुए कहा कि इन राज्यों में सरकारें जो पॉलिसी लेकर आई हैं, वह गलत हैं. जिनका भाकियू विरोध कर रही है. कहा कि हमें किसी सरकार से कोई परेशानी नहीं है, लेकिन सरकारों की किसान विरोधी पॉलिसी से नाराजगी है, जिसका विरोध जारी रहेगा.
सिर्फ आंदोलन से ही बचेगा देश
टिकैत ने कहा कि इस देश को सिर्फ आंदोलन ही बचाएगा, इसलिए आंदोलन होते रहेंगे. आंदोलन होने से सरकार चेतेगी और नई पॉलिसी लेकर आएगी. राकेश टिकैत ने कहा कि कृषि कानून बिल के खिलाफ 13 महीने तक आंदोलन किया. इसके बाद कृषि कानून बिल वापस हो गया, लेकिन दूसरे अन्य कानून आ रहे हैं . उन्होंने तेलंगाना पॉलिसी की सराहना की. कहा कि तेलंगाना पॉलिसी लागू होने से किसानों का भला होगा.
औद्योगिक गलियारे के लिए बाजार भाव पर ली जाए जमीन
औद्योगिक गलियारों के लिए ली जा रही किसानों की जमीन को लेकर किसान नेता ने कहा कि फ्री में जमीन नहीं दी जाएगी, बाजार भाव पर दी जाएगी. संभल जिले में भी औद्योगिक गलियारे के लिए ली जा रही किसानों की जमीन के मसले पर कहा कि इसके खिलाफ आंदोलन किया जाएगा. कहा कि फसल की एमएसपी की तरह सरकार बिजली का रेट तय करे तथा किसान को फसल का मूल्य दे. उन्होंने एमएसपी के लिए बड़े आंदोलन की जरूरत बताई.
