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चाइनीज मांझे से युवक का कटा गला, खुद बाइक चलाकर पहुंचा डॉक्टर के पास

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By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Nov 14, 2023, 6:25 PM IST

सहारनपुर में चाइनीज मांझे (Chinese manja) के कारण एक बार फिर किसी की जान पर बन आई. बाइक सवार युवक के गले में मांझा लिपट गया. युवक को 24 टांके (24 stitches) लगाने पड़े हैं.

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सहारनपुर : एक ओर सरकार जहां चाइनीज मांझे पर अंकुश लगाने के दावे कर रही है, वहीं यह शहर में खुलेआम बिक रहा है. जिससे आए दिन हादसे हो रहे हैं. दिवाली पर फिर ऐसी ही घटना हुई. चाइनीज मांझे की चपेट में आकर फिर एक युवक गंभीर रूप से घायल हो गया. घायल युवक खुद ही चिकित्सक के पास पहुंच गया. यहां उसके गले में 24 टांके लगाने पड़े. गला कटने से काफी खून बह गया था. चिकित्सकों के मुताबिक यदि युवक आने में जरा भी देर कर देता तो उसकी जान जा सकती थी.

दिवाली की मिठाई देकर लौट रहा था, गले में फंस गया मांझा

थाना मंडी इलाके में सम्राट विक्रम कॉलोनी निवासी संतोष कुमार का 17 वर्षीय पुत्र करण छोटी बहन के साथ थाना सदर बाजार इलाके में परिचित के यहां दिवाली की मिठाई देकर लौट रहा था. जैसे ही करण बाइक से शारदा नगर रेलवे पुल पर पहुंचा, अचानक गले में चाइनीज मांझा लिपट गया. जब तक वह कुछ समझ पाता तेज धार मांझे से उसका गला कट गया. गले से खून बहता देख उसके होश उड़ गए. साहस का परिचय देते हुए गंभीर रूप से घायल करण बहन के साथ निजी चिकित्सक के पास पहुंचा. यहां उसकी हालत देख चिकित्सक भी हैरान रह गए. करण के गले से काफी खून बह चुका था.

सहारनपुर में चाइनीज मांझे की चपेट में आकर युवक घायल हुआ.
सहारनपुर में चाइनीज मांझे की चपेट में आकर युवक घायल हुआ.

24 टांके लगाने पड़े, तब रुका खून

चिकित्सकों की टीम ने करण के गले में टांके लगाए और उसका इलाज किया. मांझे से करण का गला इतना कट गया था कि 24 टांके लगाने पड़े. इसके बाद उसके गले से बहते खून को रोका जा सका. डॉ. हंसराज सैनी के मुताबिक घायल युवक सम्राट विक्रम कॉलोनी का रहने वाला है. सोमवार शाम करीब 4 बजे उनके क्लिनिक पर पहुंचा. उसका गला पूरी तरह से कटा हुआ था. उन्होंने सर्जन को बुलाया और उसका इलाज शुरू कर दिया. अगर वह आने में थोड़ी देर कर देता तो शायद उसको बचा पाना मुश्किल होता. फिलहाल उसकी हालत खतरे से बाहर है.

छापेमारी के नाम पर पुलिस करती है खानापूर्ति

हर साल बसंत पंचमी पर चाइनीज मांझे से कोई न कोई हादसा होता है. बावजूद इसके मांझे का गोरखधंधा जोरों पर चल रहा है. पुलिस की छापेमारी खानापूर्ति ही होती है. नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (एनजीटी) की ओर से देशभर में लगाए गए प्रतिबंध का भी कोई असर यहां नहीं दिख रहा है. शहर के थाना कुतुबशेर इलाके बुड्ढी माई चौक, लक्की गेट, आली की चुंगी, हकीकत नगर, पुराने शहर में तोता चौक सहित आदि इलाकों में चाइनीज मांझा खुलेआम बिक रहा है.

सस्ते में मिल जाता है चाइनीज मांझा

चाइनीज मांझा खुदरा विक्रेताओं को साधारण मांझे से आधी कीमत में मिल जाता है. इसका एक किलो का पैकेट 300 रुपये में मिलता है जबकि बाजार में साधारण मांझे का 500 ग्राम का पैकेट 450 रुपये तक में बिक रहा है. खास बात यह है कि चाइनीज मांझा साधारण मांझे से ज्यादा मजबूत होता है. यही वजह है कि इसकी मांग ज्यादा होती है. विशेषज्ञों के मुताबिक़ चाइनीज मांझा ट्यूबलाइट्स, बल्ब आदि के कांच के बुरादे और अंडे की जर्दी से तैयार किया जाता है. पतंग उड़ाने के शौकीन साधारण मांझा खरीदते ही नहीं हैं. बसंत पंचमी पर अकेले सहारनपुर शहर में लगभग 40 करोड़ का कारोबार चाइनीज मांझे और पतंग का होता है.
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