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खबर का असर: इलाज के अभाव में बुजुर्ग ने तोड़ा था दम, 3 कर्मचारी निलंबित

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Published : Jul 29, 2020, 8:24 PM IST

Updated : Sep 17, 2020, 4:22 PM IST

उत्तर प्रदेश के सहारनपुर जिले में इलाज के अभाव में बुजुर्ग की मौत हो गई थी. मौत के बाद घंटों तक शव अस्पताल के बाहर बारिश में भीग रहा था. इस खबर को ईटीवी भारत ने प्रमुखता से चलाया था, जिसके बाद खबर का असर हुआ है. अस्पताल प्रशासन ने जिला अस्पताल के तीन कर्मचारियों को निलंबित कर दिया है.

ईटीवी भारत की खबर का असर
ईटीवी भारत की खबर का असर

सहारनपुर: जनपद में ईटीवी भारत की खबर का एक बार फिर असर हुआ है. इलाज के अभाव में बुजुर्ग की मौत की खबर ईटीवी भारत पर खबर प्रसारित किए जाने के बाद स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों ने खबर का संज्ञान लिया है. इलाज के अभाव में बुजुर्ग की मौत के मामले में जिला अस्पताल के तीन कर्मचारियों को निलंबित कर दिया गया है. बुजुर्ग की मौत क्यों और कैसे हुई इस बात की जांच के लिए अस्पताल में लगे सीसीटीवी फुटेज चेक किए जा रहे हैं, जबकि इमरजेंसी वार्ड के बाहर खुले आसमान के नीचे बारिश में भीगता शव और पास में बैठी बुजुर्ग की पत्नी स्वास्थ्य विभाग की पोल खोलने के लिए काफी हैं.

ईटीवी भारत की खबर का असर

जानें पूरा मामला
बता दें कि सोमवार को जिला अस्पताल में न सिर्फ इलाज के अभाव में एक बुजुर्ग की मौत हो गई, बल्कि अस्पताल परिसर में पड़ा हुआ शव घंटों तक बारिश में भीगता रहा. इतना ही नहीं बुजुर्ग की बेबस पत्नी मदद की आस में घंटों तक शव के पास बैठी रही, लेकिन अस्पताल स्टाफ तो दूर वहां से गुजर रहे अन्य मरीजों और तीमारदारों ने भी उसकी मदद करने की जरूरत नहीं समझी. सोशल मीडिया के जरिए स्वास्थ्य विभाग की लापरवाही का वीडियो ईटीवी भारत के पास पहुंचा. ईटीवी भारत ने अस्पताल की लापरवाही की इस खबर को प्रमुखता से प्रसारित किया, तो अस्पताल प्रशासन में हड़कंप मच गया. आनन-फानन में सीएमएस डॉ. एस. के. वार्ष्णेय ने पूरे मामले की जांच कराई और लापरवाही पाए जाने पर तीन कर्मचारियों को निलंबित कर दिया है.

बताया जा रहा है कि तीनों कर्मचारी जमीन पर पड़े बुजुर्ग को देखने जरूर गए लेकिन उन्हें स्ट्रेचर मुहैया कराए बिना ही वहां से निकल गए. जबकि दो युवकों ने बारिश में भीग रहे शव को उठाकर रैन बसेरे में रख दिया था. वीडियो वायरल होने के बाद शव को वहां से उसके घर भेज दिया था. बता दें कि सहारनपुर के सरकारी अस्पताल में स्टाफ की लापरवाही का यह कोई पहला मामला नहीं है. इससे पहले भी कई मामले सामने आ चुके है और विभागीय अधिकारी वार्ड ब्वॉय के खिलाफ निलंबन की कार्यवाई कर अपना बचाव कर लेते है.

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सोमवार की सुबह एक बुजुर्ग महिला अपने बीमार पति को लेकर जिला अस्पताल पहुंची, जहां इमरजेंसी वार्ड में तैनात स्टाफ ने मरीज को भर्ती कर इलाज करना तो दूर स्ट्रेचर देना भी जरूरी नहीं समझा. बुजुर्ग जमीन पर गिर गया तो उसको उठाने की भी जहमत नहीं उठाई. हद तो उस वक्त हो गई, जब मरीज इलाज के लिए तड़पने लगा और अस्पताल का स्टाफ तमाशबीन बना रहा. जिंदगी-मौत के बीच फंसा बुजुर्ग आखिर में मौत से हार गया और तड़प-तड़पकर उसने दुनिया को अलविदा कह दिया. जिला अस्पताल के इमरजेंसी वार्ड के बाहर जमीन पर पड़े शव को अन्य मरीज, तीमारदारों के साथ अस्पताल का स्टाफ भी टकटकी लगाए देख रहा था, लेकिन किसी ने भी शव को उठाकर छाया में रखने की जरूरत नहीं समझी. बुजुर्ग का शव और उसकी पत्नी घण्टों तक बारिश में भीगते रहे. जिला अस्पताल की लापरवाही और मनमानी की यह करतूत किसी शख्स ने अपने कैमरे में कैद कर ली और उसे वायरल कर दिया.

वायरल वीडियो में साफ देखा जा सकता है किस तरह शव खुले आसमान के नीचे बारिश में भीग रहा है और बुजुर्ग महिला शव के पास बैठी अपनी किस्मत एवं सरकारी व्यवस्था को कोस रही है. शव को भींगता देख दो युवकों का दिल पसीजा तो उन्होंने शव को छाया में रख दिया. इसके बाद भी स्वास्थ्य विभाग के कान पर जूं नही रेंगी. इस मामले पर जब ईटीवी भारत ने सीएमएस डॉ. एस.के.वार्ष्णेय से बात की तो उन्होंने बेतुका जवाब देते हुए बताया कि बुजुर्ग व्यक्ति का शव अकेले ही अस्पताल आया था, जिसको डॉ. प्रवेश अहमद ने चेक किया तो वह ब्रॉड डेड मिला. इसके बाद महिला का आना बताया जा रहा है. उन्होंने बताया कि जिन युवकों ने शव को उठाकर रैन बसेरे में रखा है, उन लोगों ने मास्क लगाया हुआ था, जिसकी वजह से उनकी पहचान नहीं हो पा रही है.

Last Updated : Sep 17, 2020, 4:22 PM IST
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