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सहारनपुर: मानसून की देरी से भुखमरी की कगार पर अन्नदाता

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Published : Jul 3, 2019, 8:23 PM IST

Updated : Sep 17, 2020, 4:21 PM IST

जिले में उम्मीद के मुताबिक अभी तक बरसात नहीं हुई है, जिसके चलते किसानों की समस्याएं बढ़ती जा रही है. मानसून के आते ही किसान धान की रोपाई शुरू कर देते हैं. लेकिन इस बार पानी की कमी से किसान परेशान हैं.

मानसून की देरी से सूख रहे खेत.

सहारनपुर: जिले में मानसून की देरी से किसानों की समस्याएं बढ़ गई हैं. बारिश न होने की वजह से धान की फसल को लेकर किसानों की चिंताएं बढ़ गई हैं. शीघ्र ही वर्षा न हुई तो किसानों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ेगा. उन्हें लागत के अनुसार दाम नहीं मिल पाएगा और वह भुखमरी की कगार पर आ जाएंगे.

मानसून की देरी से बढ़ सकती है किसानों की समस्याएं.

मानसून की देरी के चलते बढ़ सकती है किसानों की समस्याएं

  • जिले में 15 जून से मानसून शुरू हो जाना चाहिए था.
  • मानसून के आते ही किसान धान की रोपाई शुरू कर देते हैं.
  • इस बार मानसून की देरी से किसानों की समस्याएं बढ़ गई हैं.

बरसात अभी तक नहीं हुई है. दवाई और पानी ज्यादा लगेगा, जिस कारण फसल मंहगी हो जाएगी. सरकार हमें फसल का पिछला दाम ही देगी. इसके चलते हम कर्जदार भी होएंगे.
सुरेंद्र कुमार, किसान

Intro:मानसून की देरी की वजह से सभी किसानों के चेहरे मुरझाए हुए हैं,वही आसमान से बरस रही आग फसलो के साथ साथ किसानों को भी झुलसा रही है। जिस कारण धान की फसल को लगाने में देरी हो रही है।


Body:मानसून की देरी की वजह से सभी किसानों के चेहरे मुरझाए हुए हैं,वही आसमान से बरस रही आग फसलो के साथ साथ किसानों को भी झुलसा रही है। जिस कारण धान की फसल को लगाने में देरी हो रही है।
15 जून से मानसून का आरंभ माना जाता है, मानसून के आते ही अन्नदाता हमारे लिए धान की रोपाई शुरू कर देते हैं। 15 जून से 15 जुलाई तक लगभग सभी किसान धान की रोपाई कर देते है। पर इस बार मानसून की देरी ने किसानों का खेल बिगाड़ दिया है। वे धान के फसल लगाने में लेट हो रहे है। जिस कारण धान की फसल कमजोर रहने की आशंका है। और उसमें खाद पानी भी ज्यादा देना होगा। इस वजह से फसल में लागत ज्यादा आएगी , और किसानों इसकी लागत के अनुसार दाम नही मिल पायेगा। जिस कारण वे कर्जदार होने को बाध्य होंगे। उन्होंने सरकार से मांग की है कि सरकार को उन्मी फसलो के दाम उनकी लागत के अनुसार ही तय करने चाहिए। अगर शीघ्र ही वर्षा न हुई तो किसानों की फसल में लागत ज्यादा आएगी और मुनाफा कम होगा। जिस कारण वे भुखमरी की कगार पर आ जायेंगे।
वर्षा में लिए हर कोई भगवान से प्रार्थना कर रहा हैं क्योंकि किसानों के अलावा जनमानस का भी गर्मी से बुरा हाल है । इस बार पारा 42 से 45 डिग्री तक पहुंच रहा है। भयंकर गर्मी के चलते बिमारियों ने दस्तक देनी शुरू कर दी है।
अब देखना यह है कि इंद्र भगवान अन्नदाता से कब तक रुष्ठ रहते है।

बाइट - सुरेंद्र कुमार
किसान



Conclusion:मानसून की देरी की वजह से किसान हुए परेशान , धान की फसल को लेकर किसानों की चिंता बढ़ी। शीघ्र ही वर्षा न हुई तो किसानो का करना पड़ेगा भारी परेशानी का सामना। उन्हें उनकी लागत के अनुसार दाम नही मिल पाएंगे। और वे भुखमरी की कगार पर आ जाएंगे।

बलवीर सैनी
देवबन्द, सहारनपुर
मोबाइल 9319488130
Last Updated : Sep 17, 2020, 4:21 PM IST
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