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पैगंबर मोहम्मद साहब के जन्मदिवस पर मुस्लिम महिलाओं ने मनाया करुणा दिवस

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Published : Oct 10, 2022, 3:19 PM IST

पूरे विश्व के मुसलमान इस्लाम के पैगंबर हजरत मोहम्मद सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम का जन्मदिन ईद मिलादुन्नबी मना रहे हैं. रामपुर के विभिन्न स्थानों पर मुसलमान जहां ईद मिलादुन्नबी के जुलूस निकाल रहे हैं तो वहीं, एक सामाजिक संस्था की महिलाओं ने इसे 'करुणा दिवस' के रूप में मनाते हुए खाने पीने की चीजें जरूरतमंदों को वितरित की.

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मुस्लिम महिलाओं ने खाने पीने की चीजें बाटी

रामपुर: पैगंबर इस्लाम हजरत मोहम्मद सल्लल्लाहू अलेही वसल्लम के जन्मदिन को करुणा दिवस के रूप में मनाकर उत्तर प्रदेश के रामपुर में मुस्लिम महिलाओं ने खाने पीने की चीजें बाटीं. इस अवसर पर जहां इन मुस्लिम महिलाओं ने करुणा का संदेश दिया वहीं, स्थानीय लोगों ने इस कार्य को सराहते हुए उनका भरपूर स्वागत किया.

पूरे विश्व के मुसलमान इस्लाम के पैगंबर हजरत मोहम्मद सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम का जन्मदिन ईद मिलादुन्नबी मना रहे हैं. रामपुर के विभिन्न स्थानों पर मुसलमान जहां ईद मिलादुन्नबी के जुलूस निकाल रहे हैं तो वहीं, एक सामाजिक संस्था वर्क यानी वर्ल्ड ऑर्गेनाइजेशन ऑफ रिलीजन एंड नॉलेज के कार्यकर्ता इसको 'करुणा दिवस' के रूप में मनाते हैं. वर्क से जुड़ी महिला कार्यकर्ताओं ने करुणा दिवस के अवसर पर रेहड़ी पटरी पर सब्जियां बेचने वाले लोगों को खाने पीने की चीजें बांटकर करुणा का संदेश दिया. करुणा का संदेश देते हुए इकरा ने बताया कि, पवित्र कुरान में अल्लाह ने पैगंबर मोहम्मद साहब को रहमतुलिल् आलामीन अर्थात विश्व करुणा कहा है. उन्होंने कहा कि पैगंबर साहब सब के काम आते थे, सबके दुख दर्द में शामिल होते थे. वह बहुत दयालु थे. उन्होंने कहा था कि, मजदूर की मजदूरी उसका पसीना सूखने से पहले दे देनी चाहिए. इकरा ने कहा कि हम पैगंबर की शिक्षाओं के अनुसार उनके जन्मदिन को लोगों के बीच पहुंचकर करुणा के रूप में मना रहे हैं.

सामाजिक संस्था की कार्यकर्ता और स्थानीय निवासी ने दी जानकारी



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मुस्लिम महिलाओं के समाज सेवा के इस कार्यक्रम को मुस्लिमों के साथ ही दूसरे समुदाय की महिलाओं ने भी काफी सराहा. राजकीय संस्थान से जुड़ी सरिता सक्सेना ने कहा कि, मानवता की सेवा सबसे बड़ा पुण्य का काम है. उन्होंने कहा कि बुर्का पहने ये महिलाएं जिस संस्था से जुड़कर मानवता की सेवा का काम कर रही हैं, मैं चाहूंगी कि भविष्य में मैं भी इनके साथ जुड़कर मानवता की सेवा करूं.

ज्ञात रहे कि, इस्लामिक कैलेंडर के तीसरे महीने रबीउल अव्वल की दिनांक 12 को पैगंबर इस्लाम हजरत मोहम्मद का जन्म अरब देश के मक्का शहर में हुआ था. उन्होंने मानवता तक ईश्वर का संदेश पहुंचाया. उनका कहना था कि एक ईश्वर के अलावा कोई पूज्य नहीं और मैं उस ईश्वर का संदेशटा और पैगंबर हूं. इसके साथ ही अल्लाह के पैगंबर ने मानवता की भलाई के बहुत से कार्य किए थे. यही वजह है कि उनके अनुयायी मुसलमान उनके जन्मदिन को 'करुणा दिवस' के रूप में मनाते हैं.

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