अजीज कुरैशी ने की योगी सरकार के खिलाफ अमर्यादित टिप्पणी, जानिए क्या बोले

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Published : Sep 5, 2021, 12:20 PM IST

Updated : Sep 5, 2021, 8:06 PM IST

पूर्व राज्यपाल अजीज कुरैशी

प्रदेश के पूर्व राज्यपाल अजीज कुरैशी शनिवार देर रात रामपुर पहुंचे. इसके बाद वे सपा सांसद आजम खां के आवास पहुंचे. उन्होंने आजम खां की पत्नी ताजीन फातिमा से मुलाकात की. इस दौरान उन्होंने योगी सरकार पर निशाना साधा.

रामपुर: प्रदेश के पूर्व राज्यपाल अजीज कुरैशी शनिवार देर रात सपा सांसद आजम खां के आवास पहुंचे. उन्होंने आजम खां की पत्नी ताजीन फातमा से मुलाकात की और परिवार का दुख-दर्द बांटा. उन्होंने योगी सरकार पर निशाना साधा. उन्होंने ने कहा कि ये शैतान की और इंसान की लड़ाई है. कुरैशी ने योगी सरकार की तुलना शैतान, खून पीने वाले दरिंदे से की. अजीज कुरैशी ने कहा कि जौहर यूनिवर्सिटी को आजम खां और मुलायम सिंह ने अपने खून-पसीने से सींचा है. मुलायम सिंह ने इस यूनिवर्सिटी में 50 प्रतिशत सीट मुस्लिमों के लिए रिजर्व रखने की बात कही थी, जो एक वर्ग के लोगों को मंजूर नहीं थी.

पूर्व राज्यपाल अजीज कुरैशी ने कहा कि मैं भाभी के पास आया था. उन्होंने कहा कि मैं डेढ़ साल से घर से बाहर नहीं निकला. कोरोना की वजह से घर में ही कैद था. बहुत समय बाद घर से बाहर आया हूं. उन्होंने कहा कि आजम खां के साथ जो जुल्म और ज्यादती इस सरकार ने की है उसके लिए मुझे कुछ कहने की जरूरत नहीं है. कुरैशी ने कहा कि योगी सरकार को शर्म आनी चाहिए है. अजीज कुरैशी ने कहा कि बेगरती हमारी कोम की है और रामपुर वालों की है. उन्होंने कहा कि पहले कभी ऐसा नहीं हुआ जो इस गवर्नमेंट ने किया है. यह हमारे लोगों की कमी है. पूर्व राज्यपाल ने कहा कि मैं भी रामपुर से हूं, मेरी ननिहाल रामपुर की है, मेरी मां रामपुर की है. उन्होंने कहा कि रेलवे स्टेशन, रास्तों को रोक देना चाहिए था, यूथ को आगे आना चाहिए था.

पूर्व राज्यपाल अजीज कुरैशी.

पूर्व राज्यपाल अजीज कुरैशी ने कहा कि मुलायम सिंह ने जौहर यूनिवर्सिटी के लिए 50 प्रतिशत सीट मुसलमानों के लिए रिजर्व करने की बात कही थी, जो एक वर्ग को मंजूर नहीं थी, क्योंकि कुछ लोग इस कोम को जाहिल ही देखना चाहते हैं. कुरैशी ने कहा कि जौहर यूनिवर्सिटी को विधानसभा से पास करने के 10 साल बाद भी इस बिल को मंजूरी नहीं दी गई. उसको पेंडिंग रखने की सिर्फ एक वजह यह थी कि मुलायम सिंह ने बतौर चीफ मिनिस्टर बिल पास करने दिया था.

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उन्होंने कहा कि जाहिल कोम मिट्टी उठाने वाली, मजदूरी करने वाली, जूते पॉलिश करने वाली यह कैसे पढ़ लिख जाएगी. इसमें डॉक्टर अगर होंगे तो 50 मुस्लिम डॉक्टर होंगे, यह इन्हें बर्दाश्त नहीं था, इसलिए इन्होंने इस बिल को मंजूर नहीं किया. आजम खां ने इस यूनिवर्सिटी को खून-पसीने से सींचा था उसको वजूद में लाने के लिए मैंने सिर्फ दस्तखत किए. कारनामा तो आजम भाई और मुलायम सिंह यादव का है.

Last Updated :Sep 5, 2021, 8:06 PM IST
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