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पॉलीथिन का उपयोग रोकने के लिए जरूरी है इच्छा शक्तिः HC

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Published : Dec 15, 2022, 10:04 PM IST

High court news
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इलाहाबाद हाईकोर्ट (Allahabad High Court) ने कहा कि पॉलीथिन के इस्तेमाल को रोकने के लिए इच्छा शक्ति की आवश्यकता है. पॉलीथिन का प्रयोग रोकने के लिए उसके उत्पादन पर लगाम लगाने की कार्रवाई करना चाहिए.

प्रयागराजः इलाहाबाद हाईकोर्ट ( Allahabad High Court) ने कहा कि पॉलीथिन के इस्तेमाल को रोकने के लिए इच्छा शक्ति की आवश्यकता है. पॉलीथिन का प्रयोग रोकने के लिए उसके उत्पादन पर लगाम लगाने की कार्रवाई करना चाहिए. हायर स्कूली छात्रों के माध्यम से उनकी पढ़ाई में बाधा उत्पन्न किए बगैर जन जागरूकता अभियान चलाया जाना चाहिए. कोर्ट ने माघ मेला के दौरान गंगा में पर्याप्त जल छोड़ने का निर्देश दिया है. कोर्ट ने नगर निगम के पर्यावरण अभियंता को दो सप्ताह में शहर के नाले-नालियों से कचरा व पॉलीथिन की सफाई करने और अगली सुनवाई पर अनुपालन रिपोर्ट पेश करने को कहा है.

यह आदेश मुख्य न्यायमूर्ति राजेश बिंदल (Chief Justice Rajesh Bindal) की अध्यक्षता वाली तीन सदस्यीय पूर्ण पीठ ने गंगा प्रदूषण पर नियंत्रण की जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए दिया है. कोर्ट ने कहा कि पॉलिथिन का कचरा फैलने से रोकने के लिए चिप्स, टॉफी व बिस्किट मिनरल वॉटर कंपनियों को भी सामाजिक दायित्व निभाना चाहिए. कुछ ऐसी स्कीम बनाने की जरूरत है, जिनसे इस कार्य में जन सहभागिता बढ़े. इसके लिए एक उदाहरण भी दिया कि मिनरल वॉटर की खाली बोतल लौटाने पर डिस्काउंट बाउचर या कूपन देने या कुछ पैसे लौटाने की स्कीम से लोग भी जुड़ेंगे. पूर्ण पीठ ने जनहित याचिका पर अगली सुनवाई के लिए पांच जनवरी की तारीख लगाई है.

लॉ इंटर्न व स्टूडेंट्स ने बताई असलियत
लॉ इंटर्न और स्टूडेंट्स ने गुरुवार को इलाहाबाद हाईकोर्ट में पॉलीथिन की बिक्री व इस्तेमाल पर रोक के आदेश पर अमल की कलई खोल दी. कोर्ट द्वारा गठित लॉ इंटर्न और स्टूडेंट्स की टीमों ने अपनी फोटोज एवं रिपोर्ट के माध्यम से बताया कि उच्च न्यायालय परिसर के बाहर से लेकर संगम क्षेत्र तक शहर के विभिन्न मोहल्लों में धड़ल्ले से पॉलीथिन में फल, सब्जी व ग्रोसरी के आईटम बेचे जा रहे हैं. पॉलीथिन की थैलियों की थोक व फुटकर बिक्री भी हो रही है. यह पॉलीथिन नालों से होकर सीधे गंगा व यमुना में जा भी रही है. कोर्ट ने नालों से सलोरी की ओर गंगा में और करेली की तरफ यमुना में पॉलीथिन व कचरा गिरने की फोटो व रिपोर्ट पर कहा कि इससे साफ है कि कोई कार्रवाई व निगरानी नहीं होती. केवल कागजी खानापूर्ति है. सुनवाई के दौरान उपस्थित नगर निगम के पर्यावरण अभियंता ने शहर में डोर टू डोर कूड़ा कलेक्शन की योजना की जानकारी देते हुए जगह जगह पॉलीथिन के कचरे के लिए लोगों को भी जिम्मेदार बताया. इस पर लॉ इंटर्न व स्टूडेंट्स ने डोर टू डोर कूड़ा कलेक्शन की खामियां भी बताई. कोर्ट ने लॉ इंटर्न व स्टूडेंट्स की लेटे हनुमान मंदिर के पास भंडारों के कारण कचरा फैलने की रिपोर्ट पर मेला प्राधिकरण की ओर से उपस्थित अधिकारी से पूछा कि भंडारे की अनुमति कौन देता है तो वह सही स्थिति नहीं बता सके.

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