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मुख्तार गैंग के दो शूटर ढेर, रांची के जेलर की लेने वाले थे जान

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Published : Mar 4, 2021, 8:18 AM IST

Updated : Mar 4, 2021, 7:19 PM IST

यूपी के प्रयागराज जिले में मुख्तार अंसारी गैंग के दो शूटरों को एसटीएफ ने मुठभेड़ में मार गिराया. इन दोनों ने रांची के होटवार जेल के एक अधिकारी को मारने की सुपारी ली थी.

एटीएफ मुठभेड़ में मारे गए बदमाश.
एटीएफ मुठभेड़ में मारे गए बदमाश.

प्रयागराज: जिले में एसटीएफ की प्रयागराज यूनिट और बदमाशों के बीच मुठभेड़ हो गई. इस दौरान एसटीएफ की जवाबी फायारिंग में दो शातिर बदमाश मारे गए. मारे गए दोनों बदमाशों के पर इनाम घोषित था. मुठभेड़ में ढेर हुए दोनों इनामी बदमाश मुख्तार अंसारी और मुन्ना बजरंगी गैंग के शार्प शूटर थे. इन दिनों ये दोनों प्रयागराज के पूर्व ब्लॉक प्रमुख दिलीप मिश्रा के संपर्क में थे.

मुख्तार अंसारी गैंग के दो शूटर मुठभेड़ में ढेर

नैनी थाना क्षेत्र के अरैल में हुई मुठभेड़

प्रयागराज के नैनी थाना क्षेत्र के अरैल इलाके में भोर में एसटीएफ प्रयागराज यूनिट दो शार्प शूटरों को पकड़ने के लिए पहुंची थी. शूटरों को आता देख पुलिस ने उन्हें रुकने का इशारा किया तो दोनों बदमाश यमुना के कछार की तरफ भागने लगे. इस पर एसटीएफ ने उनका पीछा शुरू कर दिया. एसटीएफ के पीछा करने पर बदमाशों ने उन पर फायरिंग शुरू कर दी. इसके बाद एसटीएफ की टीम ने भी जवाबी कार्रवाई करते हुए फायरिंग शुरू कर दी. एसटीएफ की जवाबी फायरिंग में गोली लगने से दोनों बदमाश मारे गए.

मारे गये बदमाश पर था 50 हजार का इनाम

एसटीएफ से मुठभेड़ में मारे गए दोनों बदमाश भदोही जिले के रहने वाले थे. इनमें से एक का नाम वकील पांडेय उर्फ राजू पांडेय था. उसके ऊपर 50 हजार रुपये का इनाम घोषित था. मृतक बदमाश पर ये इनाम प्रयागराज पुलिस ने ही घोषित किया था. उसके साथ मुठभेड़ में मारा गया उसका साथी अमजद उर्फ पिंटू था. दोनों ही शातिर किस्म के अपराधी थे. उनके खिलाफ कई आपराधिक मुकदमे दर्ज थे.

मारे गए बदमाशों के थे कई नाम

एटीएफ मुठभेड़ में मारा गया राजीव पांडेय जुर्म की दुनिया में कई नामों से जाना जाता था. राजीव पांडेय भदोही जिले के गोपीगंज थाना क्षेत्र का रहने वाला था. उसे राजीव पांडेय के अलावा वकील पांडेय और राजू पांडेय के नाम से भी जाना जाता था. मुठभेड़ में ढ़ेर हुए वकील पांडेय के ऊपर प्रयागराज, मिर्जापुर, भदोही, वाराणसी, सोनभद्र के साथ ही झारखंड के धनबाद जिले में कई मामले दर्ज हैं. उसके ऊपर हत्या समेत कई संगीन धाराओं में केस दर्ज थे. जबकि उसके साथी अमजद उर्फ पिंटू के भी कई नाम थे. अमजद उर्फ पिंटू उर्फ अंगद उर्फ डॉक्टर के नाम से जरायम की दुनिया में पहचाना जाता था. अमजद भी भदोही का रहने वाला था. उसके खिलाफ कुल 24 आपराधिक मुकदमें दर्ज हैं. इसमें हत्या समेत कई संगीन धाराएं शामिल हैं. अमजद के खिलाफ भदोही, वाराणसी, मिर्जापुर, प्रयागराज के अलावा झारखंड के धनबाद जिले में केस दर्ज हैं.

दोनों एक साथ मिलकर घटनाओं को देने लगे थे अंजाम

राजीव पांडेय ने जहां 2009 में जुर्म की दुनिया में कदम रखा था. वहीं अमजद उसके दो साल बाद 2011 अपराध की दुनिया में आया. दोनों एक ही जिले के रहने वाले थे. उनमें जल्दी ही दोस्ती हो गई. इसके बाद दोनों मुन्ना बजरंगी और मुख्तार अंसारी के लिए वारदातों को अंजाम देने लगे. उसी दौरान मुन्ना बजरंगी के इशारे पर 2013 में इस जोड़ी ने मिलकर वाराणसी में डिप्टी जेलर अनिल त्यागी को गोलियों से छलनी कर मौत के घाट उतार दिया था. वहीं पिछले दिनों प्रयागराज में पकड़े गए शातिर शूटर नीरज सिंह ने भी पूछताछ में बताया था कि उसने वकील पांडेय के साथ मिलकर नैनी के रहने वाले एक आरएसएस पदाधिकारी और एक सपा नेता को मारने की साजिश रची थी. उसी दौरान नीरज सिंह पकड़ा गया, जिसके बाद वकील फरार हो गया था. उसी के बाद से प्रयागराज पुलिस वकील की तलाश में जुट गई थी.

मुन्ना बजरंगी और मुख्तार गैंग के थे दोनों शूटर

एसटीएफ के साथ मुठभेड़ में मारे गये दोनों ही बदमाश शातिर किस्म के अपराधी थे. दोनों मिलकर मुन्ना बजरंगी और मुख्तार अंसारी गैंग के लिए काम करते थे. मुन्ना बजंरगी की मौत के बाद ये दोनों प्रयागराज के पूर्व ब्लॉक प्रमुख दिलीप मिश्रा के संपर्क थे. इन दिनों दिलीप मिश्रा भी जेल में बंद हैं. इसके बाद इनका संपर्क रांची जेल में बंद शातिर बदमाश अमन सिंह के साथ हो गया.

रांची के जेल अधिकारी को मारने की सुपारी ली थी

मुठभेड़ में मारे गए दोनों बदमाश मुन्ना बजरंगी गैंग के शूटर थे. इन दोनों ने रांची के होटवार जेल के किसी अधिकारी को मारने की सुपारी ली थी. होटवार जेल में बंद अमन सिंह के कहने पर दोनों जेल के अधिकारी को मारने की योजना बना चुके थे. अमन सिंह रांची के कोयला व्यापारी व नेता नीरज सिंह की हत्या के आरोप में जेल में बंद है. जेल में अपना दबदबा कायम करने के लिए उसने किसी जेल अधिकारी को मरवाने की योजना बनाई थी और वह इसकी सुपारी इन दोनों को दे चुका था. उसी वारदात को अंजाम देने के लिये दोनों रांची जाने वाले थे. रांची जाने से पहले इन दोनों ने प्रयागराज के किसी नेता या संभ्रांत व्यक्ति को मारने की योजना बनायी थी. उसी को अंजाम देने के बाद दोनों को रांची जाना था. एसटीएफ को जब इस बात की जानकारी मिली तो दोनों को पकड़ने के लिये उनकी टीम ने घेराबंदी की थी. इसके बाद बुधवार की आधी रात के बाद दोनों को जाता देखा गया था. पुलिस टीम ने रुकने का इशारा किया को दोनों ने पुलिस वालों पर फायर कर दिया. इसके बाद जवाबी फायरिंग में दोनों शातिर अपराधी ढेर हो गए.

वाराणसी में जेलर अनिल त्यागी की हत्या की थी

एसटीएफ के साथ मुठभेड़ में मारे गए दोनों बदमाश प्रोफेशनल किस्म के हत्यारे थे. एसटीएफ के अफसरों के मुताबिक इन्हीं दोनों ने मिलकर 2013 में वाराणसी में जेलर अनिल त्यागी को गोली मारकर हत्या कर दी थी. दोनों ने पहले से तय योजना के तहत जेलर अनिल त्यागी को जिम जाते समय गोली मारी थी. एसटीएफ दोनों की तलाश काफी दिनों से कर रही थी .एसटीएफ की टीम अब इस बता का पता लगा रही है कि इसके साथ के दूसरे लोग कौन हैं. इन्होंने प्रयागराज में किसको मारने की योजना बनाई थी.

Last Updated :Mar 4, 2021, 7:19 PM IST
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