प्रयागराज: निकाय चुनाव में महापौर की सीट ओबीसी वर्ग के लिए रिजर्व होने से बीजेपी में जहां दावेदारों की संख्या में कमी आ गई थी. वहीं, महापौर के टिकट की लड़ाई में किन्नर अखाड़े की एंट्री से दूसरे दावेदारों में खलबली मच गई है. किन्नर अखाड़े की महामंडलेश्वर कौशल्यानंद गिरी ने भाजपा से टिकट मिलने की उम्मीद भी जताई है. उनका कहना है कि भाजपा सरकार ने किन्नर कल्याण के लिए बहुत काम किया है. यही वजह है कि उन्हें विश्वास है कि बीजेपी का टिकट उन्हें ही मिलेगा.
प्रयागराज में महापौर की सीट पिछड़ा वर्ग के लिए आरक्षित हो गई है. जिस वजह से टिकट के दावेदारों की संख्या खुद ही कम हो गई. जिससे पिछड़ा वर्ग के टिकट दावेदारों में खुशी का माहौल बन गया था. लेकिन इसी बीच उत्तर प्रदेश किन्नर कल्याण बोर्ड की सदस्य कौशल्यानंद ने चुनाव मैदान में उतरने का एलान कर दिया है. कौशल्यानंद गिर ने कहा कि उन्होंने महापौर पद के लिए चुनाव लड़ने के लिए भाजपा से टिकट लेने के लिए दावेदारी की है. उनका कहना है कि भाजपा सरकार ने किन्नरों के उत्थान के लिए कई सराहनीय कदम उठाए हैं. जिससे उन्हें भरोसा है कि भाजपा किन्नर समाज को मुख्य धारा से जोड़ने का प्रयास कर रही है. किन्नर अखाड़े की महामंडलेश्वर का कहना है कि बीजेपी उन्हें महापौर का उम्मीदवार बनाकर किन्नर समाज को मुख्य धारा में लाने के लिए एक और कदम उठाएगी.
एमसीडी चुनाव में जीत से किन्नर समाज भी है उत्साहित: दिल्ली में आए एमसीडी चुनाव के नतीजे में बॉबी किन्नर की जीत से प्रयागराज के किन्नर भी खुश हैं. उनका कहना है कि समाज जब किन्नरों को मौका देगा, तो वो समाज के जरूर काम करेंगे. क्योंकि पूरे समाज को किन्नर अपना परिवार मानते हैं. कौशल्यानंद गिरी ने कहा कि जिस तरह से दिल्ली सुल्तानपुरी वार्ड की जनता ने चुनाव मैदान में उतरी किन्नर को अपना नेता चुना है. उसी तरह से प्रयागराज में भी भाजपा उन्हें महापौर का उम्मीदवार बनाती है, तो वो भी चुनाव जीतकर एक मिसाल पेश करेंगी.
घर घर जाकर वोट मांगने की तैयारी: किन्नर अखाड़े की महामंडलेश्वर और यूपी किन्नर कल्याण बोर्ड की सदस्य कौशल्यानंद गिरी के लिए किन्नर समाज वोट मांगने को भी तैयार है. कौशल्यानंद गिरी के पक्ष में चुनाव प्रचार करने और लोगों से वोट कैसे मांगने के लिए किन्नर समाज के लोग घर-घर जाकर वोट मांगने की तैयारी कर रहे हैं. उनका कहना है कि अभी तक वो लोगों के घरों में किसी खुशी के मौके पर जाकर आशीर्वाद देते रहे हैं. लेकिन अगर बीजेपी उनकी महामंडलेश्वर को मेयर का उम्मीदवार बनाती है. तो, सालों से जिन घरों में जाकर वो दुआ और आशीर्वाद देते रहे हैं. उन घरों के लोगों से जाकर अपने लिए वोट मांगेंगे.
दूसरे दावेदारों में मची खलबली:प्रयागराज मेयर की सीट ओबीसी होने के बाद ओबीसी उम्मीदवरों की दावेदारी मजबूत हो गई थी. सामान्य जाति के दावेदारों के रेस से बाहर होने के बाद ओबीसी उम्मीदवारों में जितनी खुशी थी. किन्नर अखाड़े के महामंडलेश्वर की एंट्री से वो सारी खुशी गायब हो गई और उनकी चिंता भी बढ़ गई है. क्योंकि इससे पहले गोरखपुर नगर निगम के आशा किन्नर महापौर बन चुकी हैं. ऐसे में महापौर के टिकट के ओबीसी दावेदारों में इस बात का डर हो गया है कि कहीं उन्हें टिकट की लड़ाई में ही किन्नर अखाड़े की महामंडलेश्वर से हारना न पड़ जाए.
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