प्रयागराजः इलाहाबाद हाईकोर्ट ने चिकित्सा शिक्षा विभाग के महनिदेशक (डीजीएमई) को मेडिकल कॉलेज में तैनात रेडियो थेरेपी ऑपरेटर को एक्स-रे टेक्नीशियन के मुताबिक वेतनमान देने पर निर्णय लेते हुए तीस दिन के भीतर बकाया वेतन का भुगतान करने का निर्देश दिया है. कोर्ट ने यह आदेश आगरा के सरोजनी नायडू मेडिकल कॉलेज के रेडियो थेरेपी विभाग में तैनात थेरेपी ऑपरेटर संजय कुमार सिंह राठौर की याचिका पर अधिवक्ता सुनील यादव को सुनकर दिया है.
अधिवक्ता सुनील यादव के अनुसार याची वर्ष 2006 से आगरा मेडिकल कॉलेज में थेरेपी ऑपरेटर के पद पर कार्यरत है. विभागीय जरूरत पूरा करने के लिए शासन की अनुमति से उसे एक्स-रे टेक्नीशियन का विशेष प्रशिक्षण पूरा कराया. इसके बाद याची संजय कुमार सिंह को नियमित रूप से रेडियो थेरेपी ऑपरेटर का काम कर रहा है. लेकिन उसे शासन द्वारा एक्स-रे टेक्नीशियन के समान वेतनमान नहीं दिया गया.
अधिवक्ता सुनील यादव ने दलील दी कि रेडियो थेरेपी ऑपरेटर का पद एक्स-रे टेक्नीशियन कैडर का पद है. इसलिए समान कार्य के लिए समान वेतन के आधार पर याची एक्सरे टेक्नीशियन के समान वेतनमान पाने का अधिकारी है. याची शासन को प्रतिवेदन भेजा है, जिसपर वर्ष 2015 से अब तक निर्णय नहीं लिया गया. कोर्ट ने याचिका निस्तारित करते हुए चिकित्सा शिक्षा विभाग के महानिदेशक को याची के वेतन पर विधि अनुसार निर्णय लेते हुए आदेश करने और तीस दिन के भीतर संशोधित वेतनमान के मुताबिक बकाया वेतन का भुगतान करने का निर्देश दिया है.
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