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हॉस्टल तोड़े जाने के विरोध में किया प्रदर्शन, कहा- दलित छात्रों का उत्पीड़न कर रही सरकार

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Published : Jul 28, 2023, 6:09 PM IST

प्रयागराज में दलित छात्रावास को तोड़ने के विरोध में छात्रों और अन्य लोगों ने सरकार के खिलाफ प्रदर्शऩ करते हुए जमकर नारेबाजी की. प्रदर्शनकारियों का कहना है कि सरकार दलित छात्रों का उत्पीड़न कर रही है. उन्हे शिक्षा से वंचित रखना चाहती है.

महाशय मसूरिया दीन पासी छात्रावास
महाशय मसूरिया दीन पासी छात्रावास

प्रयागराज: संगम नगरी में हॉस्टल तोड़े जाने के आरोप को लेकर छात्रों ने प्रशासन के खिलाफ नारेबाजी की. प्रदर्शनकारियों का आरोप है कि सरकार दलित छात्रों के सिर से छत छीनकर पढ़ाई से वंचित करना चाहती है. छात्रों की मांग है कि हॉस्टल को दोबारा सुधारकर कमरे वापस दिए जाएं.

हॉस्टल तोड़े जाने के विरोध में प्रदर्शन
हॉस्टल तोड़े जाने के विरोध में प्रदर्शन

शहर के जार्ज टाउन थाना क्षेत्र में बालसन चौराहे पर स्थित महाशय मसूरिया दीन पासी छात्रावास है. जहां पर दलित छात्र रहकर शिक्षा हासिल करते हैं. वहीं कुछ प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारियां करते हैं. हॉस्टल की ऊपरी मंजिल को प्रशासन ने जर्जर बताकर तोड़ दिया. जिसपर हॉस्टल में रह रहे छात्रों ने शुक्रवार सिविल लाइंस में धरना स्थल चौराहे पर विरोध प्रदर्शन किया. वहीं, छात्रों ने हॉस्टल खाली करवाने के विरोध में छात्रों के साथ कई अन्य लोगों भी शामिल हुए. इस दौरान पुलिस प्रशासन भी मौके पर मौजूद रहा.

प्रदर्शन में छात्र दलित छात्रावास बचाओं के पोस्टर और बैनर लेकर प्रदर्शनकारियों ने सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की. प्रदर्शनकारियों ने प्रशासन पर दलित छात्रों के उत्पीड़न का भी आरोप लगाया है. उनका कहना है कि एसीएम चतुर्थ द्वारा हॉस्टल की ऊपरी मंजिल को जर्जर बताकर सीढ़ी को तुड़वा दिया गया है. जिससे इस हास्टल में रहकर पढ़ाई करने वाले दलित छात्रों के सिर से छत छिन गई है. प्रशासन दलित छात्रों को पढ़ाई से वंचित करने के लिए उनको हॉस्टल विहीन कर रहा है.


गौरतलब है, स्वतंत्रता संग्राम सेनानी और संसद सदस्य रहे महाशय मसूरिया दीन पासी के नाम पर प्रयागराज के बालसन चौराहे पर एक हॉस्टल का निर्माण 1952 में कराया गया था. इसमें रहकर दलित छात्र शिक्षा हासिल करने के साथ ही प्रतियोगी परीक्षाओं करते हैं. प्रदर्शनकारियों के मुताबिक 2008 तक समाज कल्याण विभाग से दलित छात्रावास को अनुदान भी मिलता था. लेकिन बाद में इसे बंद कर दिया गया. आरोप है कि हॉस्टल के नीचे बनी कुछ दुकान के मालिकों के दबाव में प्रशासन ने छात्रावास को जर्जर बताकर छात्रों को बाहर कर दिया है. प्रदर्शनकारियों ने दलित छात्रावास की मरम्मत कराकर छात्रों को प्रवेश दिलाए जाने की मांग की है. इसके साथ ही दलित छात्रावासों को समाज कल्याण से आवंटित होने वाली राशि को भी बहाल किए जाने की मांग की.अपनी मांगों को लेकर प्रदर्शनकारियों ने सीएम को संबोधित ज्ञापन भी भेजा है.

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