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सरकार की निष्क्रियता से अब्बास अंसारी को मिली राहत, हाईकोर्ट ने जारी समन पर लगाई रोक

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Published : Oct 14, 2022, 8:43 PM IST

अब्बास अंसारी
अब्बास अंसारी

मुख्तार अंसारी के पुत्र अब्बास अंसारी को आपत्तिजनक भाषण देने के मामले में इलाहाबाद हाईकोर्ट ने बड़ी राहत दी है. सरकार की ओर से समय से जवाब न दे पाने के कारण अब्बास के खिलाफ जारी समन आदेश पर रोक लगा दी है.

प्रयागराजः मऊ के विधायक और माफिया मुख्तार अंसारी के पुत्र अब्बास अंसारी (Abbas Ansari son of mukhtar ansari)को आपत्तिजनक भाषण देने के मामले में अदालत में सरकार की निष्क्रियता के कारण फौरी राहत मिल गई है. सरकारी वकील द्वारा समय से याचिका पर जवाब दाखिल कर पाने में असफल रहने के कारण इलाहाबाद हाईकोर्ट (Allahabad High Court) ने अब्बास अंसारी के खिलाफ जारी समन आदेश पर रोक लगा दी है. कोर्ट ने कहा कि यह आदेश सरकार की ओर से जवाब दाखिल करने में दिखाई गई निष्क्रियता के कारण दे रहे हैं.

अब्बास अंसारी ने हाई कोर्ट में याचिका दाखिल कर स्पेशल कोर्ट एमपी एमएलए मऊ द्वारा अब्बास के खिलाफ दाखिल चार्जशीट पर संज्ञान लेने पर समन जारी करने के 23 मई 2022 के आदेश को चुनौती दी थी. याचिका दाखिल कर इस आदेश को रद्द करने तथा 11 मई 2022 को दाखिल चार्जशीट और एफ आई आर रद्द करने की मांग की थी.

याचिका पर सुनवाई करते हुए न्यायमूर्ति समित गोपाल ने 6 सितंबर 2022 को सरकारी अधिवक्ता को इस मामले की जानकारी उपलब्ध कराने का निर्देश दिया था. इसके जवाब में सरकारी अधिवक्ता रामेन्दु कुमार सिंह ने कोर्ट को बताया कि याची का अपराधिक इतिहास है, जिसे उसने इस याचिका में छिपाया है. उन्होंने अदालत से मामले में जवाब दाखिल करने के लिए 2 सप्ताह का समय मांगा था. कोर्ट ने सरकारी वकील को जवाब दाखिल करने की मोहलत दे दी.14 अक्टूबर को इस मामले की सुनवाई के दौरान सरकारी वकील ने कोर्ट से अनुरोध किया कि कुछ कठिनाइयों के कारण जवाब नहीं दाखिल किया जा सका हैं. उन्होंने इसके लिए 10 दिन की और मोहलत मांगी.

वहीं, याची के अधिवक्ता उपेंद्र उपाध्याय ने इसका विरोध करते हुए कहा कि यह मामला 6 सितंबर 22 से लंबित है. सरकारी वकील को जानकारी उपलब्ध कराने और फिर जवाब दाखिल करने के लिए 2 बार समय दिया जा चुका है. सरकार की ओर से अभी तक जवाब नहीं दाखिल किया गया. इस दौरान मामले के विवेचक ने स्पेशल कोर्ट एमपी एमएलए से याची के खिलाफ गैर जमानती वारंट हासिल कर लिया है. उन्होंने कहा कि सरकार की निष्क्रियता के कारण मामले की सुनवाई नहीं हो पा रही है, इसलिए याची को अंतरिम संरक्षण दिए जाने की आवश्यकता है. क्योंकि वह इस याचिका के जरिए अपने पास उपलब्ध वैकल्पिक उपचार का प्रयोग कर रहा है.

कोर्ट ने कहा कि दो बार समय दिए जाने के बावजूद सरकार की ओर से इस मामले में जवाब दाखिल नहीं किया जा सका है. इसलिए कोर्ट ने अगली सुनवाई तक स्पेशल कोर्ट एमपी एमएलए द्वारा 23 मई 2022 को जारी 4 सीट पर संज्ञान लेने व समन जारी करने के आदेश पर अगली सुनवाई तक के लिए रोक लगा दी है. मामले की अगली सुनवाई 22 नवंबर को होगी.

यह था मामला
विधानसभा चुनाव के दौरान मऊ से प्रत्याशी अब्बास अंसारी ने एक भाषण के दौरान आपत्तिजनक टिप्पणी करते हुए कहा था कि चुनाव जीतने के बाद वह अधिकारियों का स्थानांतरण नहीं होने देंगे और पहले उनसे हिसाब किताब पूरा किया जाएगा। निर्वाचन आयोग के निर्देश पर उनके इस आपत्तिजनक भाषण के खिलाफ पुलिस ने आईपीसी की धारा 177 एफ, 506,186,189,153ए और 120 बी के तहत कोतवाली मऊ में मुकदमा दर्ज कर लिया. पुलिस ने जांच के बाद इसमें चार्जशीट दाखिल कर दी जिस पर स्पेशल कोर्ट एमपी एमएलए ने संज्ञान लेते हुए अब्बास अंसारी को समन जारी किया है. याचिका में एमपी एमएलए कोर्ट के आदेश के साथ साथ ही चार्ज शीट और प्राथमिकी रद्द करने की मांग की गई है.

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