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एससी एसटी एक्ट में अग्रिम जमानत खारिज होने के खिलाफ हो सकती है अपील: हाईकोर्ट

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Published : Oct 3, 2022, 10:30 PM IST

हाईकोर्ट
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इलाहाबाद हाईकोर्ट ने एक आदेश (Allahabad High Court Order) में कहा है कि एससी-एसटी एक्ट में अग्रिम जमानत खारिज होने के खिलाफ अपील की जा सकती है.

प्रयागराज: इलाहाबाद हाईकोर्ट ने एक आदेश (Allahabad High Court Order) में कहा है कि एससी-एसटी एक्ट की धारा 14 ए के तहत विशेष अदालत से अग्रिम जमानत अर्जी खारिज करने के खिलाफ अपील दाखिल की जा सकती है. यह आदेश न्यायमूर्ति कृष्ण पहल ने एससी एसटी एक्ट के तहत अपराध के आरोपी की अग्रिम जमानत याचिका खारिज करते हुए दिया है. याची की अग्रिम जमानत अर्जी संबंधित विशेष न्यायाधीश एससी/एसटी एक्ट ने खारिज कर दी है.

कोर्ट ने कहा कि किसी अपराध में अग्रिम जमानत तभी दी जा सकती है जब एससी/एसटी एक्ट के तहत अपराध का आरोप लगाया गया हो और अदालत संतुष्ट हो कि प्रथमदृष्टया एससी/एसटी अधिनियम के तहत मामला नहीं बनता है. एक्ट की धारा 18ए के लागू होने के बाद भी कानून की स्थिति जस की तस बनी है. एससी/एसटी एक्ट के विशेष प्रावधानों के तहत पीड़ित और गवाहों का अधिकार सीआरपीसी के तहत प्रदान की तुलना में उच्च स्तर पर है.

एक्ट की पूरी योजना से विशेष न्यायालयों की शक्तियों सहित यह निष्कर्ष निकाला जा सकता है कि अधिनियम ने सामान्य न्यायालयों की तुलना में विशेष न्यायालयों को प्रधानता और विशिष्टता प्रदान की है. एससी/एसटी एक्ट की धारा 14ए में अभिव्यक्ति जमानत में अग्रिम जमानत भी शामिल है. एससी/एसटी एक्ट के प्रावधानों के तहत अग्रिम जमानत देने या अस्वीकार करने का आदेश एक्ट की धारा 14ए के तहत हाईकोर्ट के अपीलीय क्षेत्राधिकार के लिए उत्तरदायी होगा, न कि धारा 438 सीआरपीसी के तहत.

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