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इलाहाबाद हाई कोर्ट का डीएम को निर्देश, पूछा बिना अधिग्रहण भूमिधरी जमीन पर कैसे बन रहा रास्ता

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Published : May 14, 2022, 9:26 PM IST

इलाहाबाद हाईकोर्ट ने जिलाधिकारी प्रयागराज को निर्देश दिया है कि वो देखें कि किन परिस्थितियों में याची की भूमिधरी खेती की जमीन पर बिना अधिग्रहण, बैनामा या उसकी सहमति के ग्राम प्रधान रास्ता बना रहे हैं.

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इलाहाबाद हाई कोर्ट

प्रयागराजः इलाहाबाद हाईकोर्ट ने जिलाधिकारी प्रयागराज को निर्देश दिया है कि वो देखें कि किन परिस्थितियों में याची की भूमिधरी खेती की जमीन पर बिना अधिग्रहण, बैनामा या उसकी सहमति से ग्राम प्रधान रास्ता बना रहे हैं. कोर्टे ने ग्राम प्रधान धर्मेंद्र सिंह और याची को सुनकर चार हफ्ते में फैसला लेने और सकारण आदेश पारित करने का निर्देश दिया है.

कोर्ट ने जमीन की अगले पांच हफ्ते तक यथास्थिति बरकरार रखने का भी निर्देश दिया है. ये आदेश न्यायमूर्ति वी के बिड़ला औ न्यायमूर्ति विकास की खंडपीठ ने जयहिंद सिंह की याचिका को निस्तारित करते हुए दिया है. याचिका पर अधिवक्ता अभिषेक यादव ने बहस की.

इसे भी पढ़ें- ज्ञानवापी मस्जिद मामला : सर्वे के नतीजे के पहले जानिए ज्ञानवापी मस्जिद का सच

इनका कहना है कि याची की हंडिया तहसील की गांव सभा महजना में खसरा नंबर 374 रकबा 0.098 भूमिधरी जमीन है. जिस पर ग्राम प्रधान मनमाने और अवैध तरीके से रास्ते का निर्माण करा रहा है. जो संविधान के अनुच्छेद 300 ए के संपत्ति के अधिकार का उल्लंघन है. क्यों कि याची गण की जमीन का न तो अधिग्रहण किया गया है और न ही खरीदा गया है. बिना सहमति कानूनी प्रक्रिया का पालन किये बगैर जबरन उसकी जमीन से रास्ता बनाया जा रहा है. कोर्ट ने जिलाधिकारी को याची की शिकायत पर सकारण आदेश पारित करने का निर्देश दिया है.

प्रयागराजः इलाहाबाद हाईकोर्ट ने जिलाधिकारी प्रयागराज को निर्देश दिया है कि वो देखें कि किन परिस्थितियों में याची की भूमिधरी खेती की जमीन पर बिना अधिग्रहण, बैनामा या उसकी सहमति से ग्राम प्रधान रास्ता बना रहे हैं. कोर्टे ने ग्राम प्रधान धर्मेंद्र सिंह और याची को सुनकर चार हफ्ते में फैसला लेने और सकारण आदेश पारित करने का निर्देश दिया है.

कोर्ट ने जमीन की अगले पांच हफ्ते तक यथास्थिति बरकरार रखने का भी निर्देश दिया है. ये आदेश न्यायमूर्ति वी के बिड़ला औ न्यायमूर्ति विकास की खंडपीठ ने जयहिंद सिंह की याचिका को निस्तारित करते हुए दिया है. याचिका पर अधिवक्ता अभिषेक यादव ने बहस की.

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इनका कहना है कि याची की हंडिया तहसील की गांव सभा महजना में खसरा नंबर 374 रकबा 0.098 भूमिधरी जमीन है. जिस पर ग्राम प्रधान मनमाने और अवैध तरीके से रास्ते का निर्माण करा रहा है. जो संविधान के अनुच्छेद 300 ए के संपत्ति के अधिकार का उल्लंघन है. क्यों कि याची गण की जमीन का न तो अधिग्रहण किया गया है और न ही खरीदा गया है. बिना सहमति कानूनी प्रक्रिया का पालन किये बगैर जबरन उसकी जमीन से रास्ता बनाया जा रहा है. कोर्ट ने जिलाधिकारी को याची की शिकायत पर सकारण आदेश पारित करने का निर्देश दिया है.

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