प्रयागराज : अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष महंत नरेंद्र गिरि के मौत के मामले में सीएम योगी के सख्त निर्देशों के बाद डीआईजी सर्वश्रेष्ठ त्रिपाठी ने एसआईटी का गठन कर दिया है. 18 सदस्यीय इस विशेष जांच दल में दो डीएसपी अजीत सिंह चौहान व आस्था जायसवाल शामिल हैं. जबकि चार निरीक्षक के अलावा तीन उपनिरीक्षकों को भी इस टीम में शामिल किया गया है. इसके अलावा इस टीम में 9 सिपाही भी शामिल हैं. इस एसआईटी में क्राइम ब्रांच के साथ ही नारकोटिक्स प्रभारी और फील्ड यूनिट के एक्सपर्ट्स शामिल हैं,.जो इस पूरे मामले से जुड़े एक-एक तथ्यों की बारीकी से जांच कर घटना की सत्यता का पता लगाएंगे.
सीएम योगी ने दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई के दिए निर्देश
अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष के निधन के बाद मंगलवार को उनके अंतिम दर्शन के लिए प्रयागराज पहुंचे मुख्यमंत्री योगी आदित्यानाथ ने महंत नरेंद्र गिरि को श्रद्धांजलि अर्पित की. इसके बाद सीएम ने इस पूरे मामले की जांच के लिए पुलिस कमिश्नर, एडीजी, आईजी और डीआईजी को मामले की निष्पक्ष जांच कर दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने के निर्देश दिए थे.
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आनंद गिरि के खिलाफ नामजद मुकदमा दर्ज
अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष महंत नरेंद्र गिरि की की मौत के बाद पुलिस ने इस मामले में उन्हें आत्महत्या के लिए उकसाने का मुकदमा दर्ज किया है. मंगलवार की शाम सुसाइड नोट के सामने आने के बाद अब इस मामले में आरोपियों की संख्या बढ़ने के साथ ही ब्लैकमेल करने और धमकाने की धाराओं को भी बढ़ाया जाना तय है. जार्ज टाउन थाने में दर्ज इस मुकदमे की जांच में एसआईटी की टीम भी जुट गयी है. महंत नरेंद्र गिरि के शिष्य अमर गिरि पवन महाराज की तहरीर पर 21 सितंबर की तारीख में मुकदमा दर्ज किया गया है. जिसमें स्वामी आनंद गिरि पर धारा 306 के तहत केस दर्ज किया गया है. लेकिन, सुसाइड नोट सामने आने के बाद इस मामले में आरोपियों के खिलाफ और भी धारायें बढ़ायी जा सकती हैं. पुलिस ने अब तक इस मामले में आनंद गिरि के साथ ही बड़े हनुमान मंदिर के मुख्य पुजारी आद्या तिवारी को भी पूछताछ के बाद गिरफ्तार कर लिया है. हालांकि अभी आद्या तिवारी के बेटे संदीप तिवारी की गिरफ्तारी की पुष्टि नहीं पाई है.