मुजफ्फरनगर: जनपद में सब्जी गोभी के कम रेट मिलने से परेशान किसान अब अपनी फसल को सड़क पर फेंक रहे हैं. वहीं कुछ किसान फ्री में पब्लिक के बीच गोभी बांट रहे हैं. किसान खेतों से गोभी की फसल को मंडी तक ले जाने का भाड़ा भी नहीं निकाल पा रहे हैं. इन दिनों गोभी किसान मंदी की मार झेल रहे हैं.
अब इस बदलते मौसम का फसलों पर असर पड़ रहा है. दिन का तापमान 28 डिग्री के आसपास बना हुआ है. देखा जाए तो गेहूं की फसल पर संकट है और साथ ही गोभी भी तेजी से तैयार हो रही है. वहीं, गोभी की पैदावार बढ़ने से दामों में तेजी से गिरावट के कारण उत्पादकों में मायूसी है. इसमें थोक भाव सिर्फ दो रुपये किलो मिल रहा है. अचानक पैदावार बढ़ने के कारण मंडी में गोभी के भाव धड़ाम हो गए है. पहले दाम 60 रुपए तक थे और अभी भी देखा जाए तो रिटेलर दुकानदार गोभी को 10 रुपए किलो तक बेच रहे है, लेकिन बल्क में किसानों को अब बहुत नुकसान झेलना पड़ रह है.
मुजफ्फरनगर ही नहीं बल्कि और भी जगहों पर भी गोभी के फूल फ्री में बांटे जा रहे हैं. गोभी पर बहुत बड़ी मंदी की मार पड़ रही है. ऐसी हालत बन चुकी है कि गोभी को एक और 2 रुपए में भी कोई खरीदने को तैयार नहीं है. यहां तक कि शादियों का सीजन भी चल रहा है. जानकारी में आया है कि मुजफ्फरनगर के चरथावल में किसान अपने गोभी के खेत खाली कर रहे हैं. वह गोभी फ्री में बांट दे रहे हैं या बहुत ही कम दाम में बेच रहे हैं. मुजफ्फरनगर ही नहीं अन्य कई जगहों पर भी किसानों ने अपने गोभी के खेतों में ट्रैक्टर चला दिया. किसान गोभी हटाकर नई फसलें लगाने लगे हैं, जिससे वह मुनाफा कमा सके. क्योंकि पहले ही उन्हें बहुत बड़ा नुकसान झेलना पड़ रहा है.
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