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अय्याशी, साजिश और अपहरण के खेल में फंस गया टेक्नीशियन, अपहरण से गिरफ्तारी की पूरी कहानी

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Published : Oct 15, 2021, 2:08 PM IST

Updated : Oct 15, 2021, 2:59 PM IST

अधिक मुनाफे को आरोपी टावर टेक्नीशियन ने रची थी अपने ही अपहरण की साजिश
अधिक मुनाफे को आरोपी टावर टेक्नीशियन ने रची थी अपने ही अपहरण की साजिश

कहते हैं कि अपराधी चाहे कितना भी शातिर क्यों न हो. लेकिन अपराधी अपराध करते समय कोई न कोई सुबूत छोड़ ही देता है. चंदौली के टावर टेक्नीशियन अपहरण कांड में भी कुछ ऐसा ही हुआ. पुलिस ने एक ब्लाइंड केस को अपराधी की गलतियों की वजह से पकड़ लिया और 24 घंटे में ही इसका पर्दाफाश भी कर दिया. पुलिस खुलासे की मानें तो टेक्नीशियन दीपक ने खुद के अपहरण की कहानी प्लान थी.

चंदौली: कहते हैं कि अपराधी चाहे कितना भी शातिर क्यों न हो. लेकिन अपराधी अपराध करते समय कोई न कोई सुबूत छोड़ ही देता है. चंदौली के टावर टेक्नीशियन अपहरण कांड में भी कुछ ऐसा ही हुआ. पुलिस ने एक ब्लाइंड केस को अपराधी की गलतियों की वजह से पकड़ लिया और 24 घंटे में ही इसका पर्दाफाश भी कर दिया. पुलिस खुलासे की मानें तो टेक्नीशियन दीपक ने खुद के अपहरण की कहानी प्लान थी, जिसमें उसका साला और भाई बराबर शरीक रहे.

दरअसल, बुधवार की देर शाम पुलिस को सूचना मिली कि टावर इंजीनियर दीपक सिंह का अपहरण हो गया है और अपहरण से पूर्व दीपक ने अपने साले को फोन कर बताया था कि कोई व्यक्ति ब्लैक स्कार्पियो से उसका पीछा कर रहा था. अपहरण की बात से पुलिस महकमे में हड़कंप मच गया. एसपी चंदौली समेत तमाम पुलिस फोर्स मुगलसराय पहुंच छानबीन में जुट गई. इस दौरान दीपक की स्विफ्ट डिजायर कार मुगलसराय कोतवाली क्षेत्र के डांडी में पड़ी मिली. मौके से उसके मोबाइल फोन भी बरामद कर लिए गए थे.

अधिक मुनाफे को आरोपी टेक्नीशियन ने रची खुद के अपहरण की साजिश
अधिक मुनाफे को आरोपी टेक्नीशियन ने रची खुद के अपहरण की साजिश

प्राथमिक जांच में नहीं मिले अपहरण के सुबूत

वहीं, दीपक के भाई संदीप सिंह ने मुगलसराय कोतवाली पुलिस को भाजपा से जिला पंचायत सदस्य गोपाल सिंह बबलू उसके भाई विजय सिंह व अन्य साथियों के खिलाफ नामजद तहरीर दी, जिसके बाद पुलिस ने तत्काल इन लोगों को पूछताछ के लिए उठा लिया. लेकिन घंटों की पूछताछ के बाद भी अपहरण की घटना से जुड़े कोई सुबूत नहीं मिले. पुलिस की छानबीन में गाड़ी मिलने की जगह का सीसीटीवी फुटेज खोजा गया. लेकिन उसमें अपहरण की जैसी वारदात नहीं दिखी. गाड़ी सड़क किनारे खड़ी होते हुए दिखाई दी. इसके अलावा एक महीने पुराना कॉल रिकॉर्डिंग सामने आया, जिसमें दीपक खुद साजिशन गोपाल सिंह को धमकाने के लिए उकसाता सुनाई दिया.

आधा दर्जन लड़कियों के संपर्क में था दीपक

पुलिस ने बताया कि जांच का ट्रैक चेंज करने और पूरी घटना को संदिग्ध मानकर जांच शुरू करने पर कई चीजें अधिक स्पष्ट हो गई. साथ ही परत दर परत घटना खुलनी शुरू हुई. जानकारी जुटाने पर पता चला कि दीपक अय्यास किस्म का व्यक्ति है. एक दो नहीं, बल्कि आधा दर्जन से ज्यादा लड़कियों से इसके संपर्क है. सभी को ट्रेस करने पर पता चला कि अन्य नम्बर उससे बात करता मिला, जिससे इसकी लोकेशन ट्रेस की गई तो यह मथुरा के वृंदावन में मिला. जहां एक फ्लैट लेकर रह रहा था और अगले एक महीने के लिए वो बुक था. इसके बाद तत्काल मथुरा पुलिस से संपर्क साधकर उसे गिरफ्तार कर लिया गया. साथ ही उसे लाने के लिए चंदौली से पुलिस टीम भेज दी गई.

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वृंदावन में अय्यासी का तैयार था प्लेटफार्म

बताया जा रहा है कि अपहरण के दिन दीपक ने अपनी गाड़ी को आराम से डांडी में सड़क पार्क किया. उसके बाद ऑटो से वाराणसी पहुंचा, जहां लक्जरी बस से मथुरा पहुंचा. वहां से वृंदावन पहुंच कर एक महीने के लिए फ्लैट बुक किया. यहीं उसने एक ही दिन में ऐश ओ आराम के लिए ढ़ाई लाख रुपये की खरीदारी कर डाली और अपनी अय्यासी के लिए पूरा प्लेटफॉर्म तैयार कर लिया था और जल्द ही वह अपने गर्लफ्रेंड को भी वहां बुलाने की फिराक में था.

गौरतलब है कि आईटीआई पास टावर टेक्नीशियन करोड़ों का मालिक था और लक्जरियस लाइफ जीता था. 15 हजार की सैलरी पाने वाला 15 लाख रुपये महीने तेल के खेल से कमाता था. लेकिन उसके इस खेल में भाजपा नेता गोपाल सिंह बाधक बन गया था. ऐसे में दबंगई के चलते उसकी अवैध कमाई कम हो गई थी. वहीं, गोपाल के लोगों के पास भी 3 टावर का काम था, जहां से इसे मनमाफिक मुनाफा नहीं मिल पाता था. इस बात को लेकर गोपाल और दीपक के बीच कई बार कहासुनी भी हुई थी. लेकिन गोपाल की दबंगई के आगे उसकी एक न चली.

गोपाल सिंह को फंसाने के लिए रची अपहरण की साजिश

पुलिस ने बताया कि आरोपी ने गोपाल को रास्ते से हटाने के लिए साजिश रची थी और अपने ही अपहरण की पूरी कहानी प्लान कर ली, ताकि अपहरण के आरोप में गोपाल जेल चला जाए और उसका काम छीन जाए. इसके बाद नाटकीय घटनाक्रम के बाद पुलिस के सामने पेश हो जाएगा और फिर अपने लोगों के माध्यम तेल के खेल में एक छत्र राज करेगा. लेकिन वह खुद ही अपने बुने जाल में फंस गया.

एक टावर से होती है 50 हजार की अवैध कमाई

दीपक के पास 27 टॉवर की जिम्मेदारी है. एक टावर पर तेल के खेल से 50-60 हजार रुपये की अवैध कमाई होती है. ऐसे में हर महीने लाखों का वारा न्यारा होता है. यहीं नहीं टेक्नीशियन दीपक वाराणसी चंदौली समेत आसपास के जिलों का टेक्नीशियन संगठन का लीडर भी है. इंडस कंपनी के पास करीब 400 टावर का ठेका है. इसके बरामदगी न होने की सूरत में विरोध स्वरूप सभी कंपनियों के टावर बंद करने की भी बड़ी साजिश थी. लेकिन पुलिस ने समय रहते मामले का पर्दाफाश कर दिया.

लगी ईटीवी भारत की खबर पर मुहर

आखिरकार ईटीवी भारत की खबर पर मुहर लग ही गई. सबसे पहले ईटीवी भारत ने ही अपने पाठकों को अपहरण कांड का सच बताया था कि किस कदर अपहरण की कहानी मनगढ़ंत और फिल्मी है. खैर, पुलिस ने आरोपी टेक्नीशियन दीपक कुमार को खुद के अपहरण की साजिश रचने के आरोप में मथुरा के वृंदावन से गिरफ्तार कर लिया और बताया कि टावर के तेल के खेल पर वर्चस्व को लेकर अपहरण की झूठी साजिश रची गई थी.

इस पूरे मामले में चन्दौली के एसपी अमित कुमार ने बताया कि दीपक ने गोपाल को फंसाने के लिए अपहरण की साजिश रची थी, जिसे मथुरा पुलिस के सहयोग से वृंदावन से गिरफ्तार कर लिया गया है. जल्द ही पूरे घटनाक्रम का खुलासा कर दिया जाएगा.

Last Updated :Oct 15, 2021, 2:59 PM IST
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