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चंदौली: थर्मल स्कैनर खरीद में घोटाले को लेकर धरने पर बैठे पूर्व विधायक, आंदोलन की दी चेतावनी

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Published : Jul 29, 2020, 9:37 PM IST

उत्तर प्रदेश के चंदौली में थर्मल स्कैनर खरीद में हुए घोटाले को लेकर पूर्व सपा विधायक मनोज सिंह डब्लू धरने पर बैठ गए हैं. पूर्व विधायक ने कहा कि यदि मामले की उच्चस्तरीय जांच नहीं कराई गई तो दोषियों को सजा दिलाने के लिए समाजवादी पार्टी बड़ा आंदोलन करेगी.

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धरने पर बैठे पूर्व विधायक मनोज सिंह डब्लू.

चंदौली: जिले में थर्मल स्क्रीनिंग मशीन की खरीद में हुई अनियमितता का मामला अब तूल पकड़ता जा रहा है. बरहनी ब्लॉक पर थर्मल स्कैनर एवं पल्स ऑक्सीमीटर के खरीद में हुए घोटाले के मामले को लेकर पूर्व विधायक मनोज सिंह डब्लू धरने पर बैठ गए. उन्होंने जिला प्रशासन पर आरोप लगाया कि इस कोरोना संक्रमण काल में 3 हजार के सामान की खरीदारी 13 हजार रुपये में की गई. इस घोटाले की उच्च स्तरीय जांच होनी चाहिए. ऐसा न होने पर समाजवादी पार्टी बड़े आंदोलन को बाध्य होगी.

सपा नेता मनोज सिंह डब्लू ने आरोप लगाया कि अधिकारी इस महामारी काल में भी अपनी तिजोरी भरने में जुटे हैं. गांव-गांव निगरानी समितियों को वितरित करने के लिए थर्मल स्कैनर की खरीद में बड़ा घोटाला किया गया है. इसके कमीशन का सही तरीके से बंदरबांट नहीं हो सका तो इसकी विभागीय मुखबिरी हो गई, जिसके बाद यह मामला सतह पर आ गया.

धरने पर बैठे पूर्व विधायक.

न बिल है और न ही रसीद
पूर्व सपा विधायक ने पंचायत विभाग की तरफ से ग्राम समितियों को दिए गए थर्मल स्क्रीनिंग मशीन और ऑक्सीमीटर दिखाते हुए बताया कि मार्केट में जिस थर्मल स्क्रीनिंग मशीन की कीमत मात्र 2 हजार रुपये है, उसे 10 हजार रुपये में खरीदा गया है. जबकि 200 से 300 में मिलने वाला ऑक्सीमीटर 3 हजार रुपये में लिया गया, लेकिन इस खरीदारी का न ही कोई बिल है और न ही कोई रसीद. यही नहीं, इस पूरे मामले की जानकारी के लिए जब बरहनी ब्लॉक पहुंचे तो यहां से एडीओ पंचायत और बीडीओ रफूचक्कर हो गए.

सपा नेता मनोज सिंह डब्लू ने बताया कि डीपीआरओ ने इस पूरे मामले में कोई जानकारी होने से इंकार कर दिया तो वहीं जिला अधिकारी ने इसे ग्राम पंचायत और सेक्रेटरी का मामला बताया. ग्राम प्रधान और सेक्रेटरी ने पहले ही बताया कि इसके भुगतान के लिए न ही किसी तरह का कोई चेक काटा गया है और न ही भुगतान किया गया है.

'मामले की हो उच्च स्तरीय जांच'
पूर्व विधायक मनोज सिंह डब्लू ने इस पूरे मामले की जांच के लिए गठित समिति पर सवाल उठाते हुए इसकी उच्च स्तरीय जांच की मांग की. उन्होंने कहा कि जिस पंचायत विभाग के कार्यों की जांच होनी है. उसी के अधिकारी को जांच समिति में पहले अध्यक्ष बनाया गया. बाद में डीएम ने एडीएम को इसकी जांच सौंप दी. लेकिन जिला पंचायत राज अधिकारी को इसका सदस्य बनाए रखा है. इसके अलावा उद्योग अधिकारी और वित्त लेखाधिकारी इसके सदस्य जरूर है. लेकिन वे सिर्फ हाथी के दांत की तरह है. ऐसी जांच समिति पर भरोसा नहीं है.

...नहीं तो बड़ा आंदोलन करेगी सपा
बरहनी ब्लॉक परिसर में धरनारत पूर्व विधायक मनोज सिंह डब्लू ने कहा कि इस संक्रमण काल में मामले की उच्चस्तरीय जांच के लिए वे आज अकेले धरनारत हैं. यदि इसकी उच्चस्तरीय जांच नहीं कराई गई तो इस घोटाले के दोषियों को सजा दिलाने के लिए समाजवादी पार्टी बड़ा आंदोलन करेगी.

एक पत्र से हुआ खुलासा
बता दें कि इसका खुलासा उपनिदेशक पंचायत वाराणसी एके सिंह के एक पत्र ने किया था, जिसमें चंदौली में पंचायती राज विभाग की तरफ से सभी थर्मल स्कैनर मशीन एक ही कंपनी से खरीदने और उसकी कीमत निर्धारित मूल्य से कहीं ज्यादा होने की बात का संज्ञान लेते हुए अनियमितता की आशंका जताई थी. इस बाबत जिलाधिकारी को पत्र भेजकर जांच करने को कहा था, जिसमें एडीपीआरओ समेत कई कर्मचारी व बीडीओ के मिली भगत का जिक्र किया था. जो कंपनी और खुद के लाभ पहुंचाने के लिए शासकीय धन का दुरुपयोग किये जाने की बात कही थी.

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बाजार मूल्य से ज्यादा दाम पर खरीदा गया स्कैनर
गौरतलब है कि कोविड संक्रमितों की जल्द पहचान हो सके, इसके लिए शासन के निर्देश पर जिले भर में सर्विलांस टीम बनाकर सभी 734 ग्राम सभाओं व 65 वार्डों में लोगों की थर्मल स्क्रीनिंग कराई जा रही है. इसके लिए निगरानी समिति और आशा बहुओं को थर्मल स्कैनर मशीन खरीदने की जिम्मेदारी ग्राम पंचायतों को सौंपी गई थी, लेकिन पंचायती राज विभाग के अधिकारियों-कर्मचारियों ने इसे एक ही कंपनी से खरीद कर वितरण कर दिया, जिसकी कीमत बाजार मूल्य से कहीं ज्यादा है.

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