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चंदौली: थर्मल स्कैनर खरीद में घोटाले का आरोप, धरने पर बैठे पूर्व विधायक

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Published : Jul 31, 2020, 3:42 PM IST

चंदौली के बरहनी ब्लॉक पर थर्मल स्कैनर एवं पल्स ऑक्सीमीटर के घोटाले के मामले को लेकर पूर्व विधायक मनोज सिंह डब्लू धरने पर बैठे हैं. धरने के दूसरे दिन पार्टी जिलाध्यक्ष सत्य नारायण राजभर समेत अन्य कार्यकर्ता भी उनके साथ धरने पर बैठ गए.

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धरने पर बैठे पूर्व विधायक मनोज सिंह डब्लू

चंदौली: जिले में थर्मल स्कैनिंग मशीन खरीद के मामले में भ्रष्टाचार की जांच की मांग को लेकर क्रमिक धरने पर बैठे पूर्व विधायक मनोज सिंह डब्लू को समाजवादी पार्टी का साथ मिला है. धरने के दूसरे दिन पार्टी जिलाध्यक्ष सत्य नारायण राजभर समेत अन्य कार्यकर्ता भी धरने पर बैठ गए और थर्मल स्कैनर खरीद में हुए भ्रष्टाचार की जांच की आवाज को बुलंद किया.

बरहनी ब्लॉक पर थर्मल स्कैनर एवं पल्स ऑक्सीमीटर के घोटाले के मामले को लेकर धरनारत पूर्व विधायक मनोज सिंह डब्लू ने आरोप लगाया कि अधिकारी इस महामारी काल में भी अपनी तिजोरी भरने में जुटे हुए हैं. गांव-गांव निगरानी समितियों को वितरित करने के लिए थर्मल स्कैनर की खरीद में बड़ा घोटाला हुआ है.

एक थर्मल स्कैनिंग मशीन को 10 हजार में खरीदने का आरोप
पंचायत विभाग की तरफ से ग्राम समितियों को दिए गए थर्मल स्कैनिंग मशीन और ऑक्सीमीटर दिखाते हुए उन्होंने बताया कि मार्केट में जिस थर्मल स्कैनिंग मशीन की कीमत दो हजार रुपये है. उसे 10 हजार में खरीदा गया है, जबकि 200 से 300 में मिलने वाला ऑक्सीमीटर तीन हजार रुपये लिया गया, लेकिन इस खरीदारी का न ही कोई बिल है और न ही कोई रसीद.

जांच समिति का गठन
इस पूरे मामले कि जांच के लिए गठित समिति पर नाराजगी जताते हुए उच्च स्तरीय जांच की मांग की है. पूर्व विधायक मनोज सिंह डब्लू ने कहा कि जिस पंचायत विभाग के कार्यों की जांच होनी है. उसी के अधिकारी को जांच समिति का अध्यक्ष बनाया गया है. सवाल उठाने के बाद डीएम ने एडीएम के नेतृत्व में इसकी जांच सौंपी, लेकिन जिला पंचायत राज अधिकारी को इसका सदस्य बनाए रखा. इसके अलावा उद्योग अधिकारी और वित्त व लेखाधिकारी (बेसिक शिक्षा) सदस्य है.

आरोप तथ्यहीन
बरहनी ब्लॉक के बीडीओ एमपी चौबे ने कहा कि थर्मल स्कैनर खरीद में किसी तरह का घोटाला नहीं हुआ है. यह आरोप तथ्यहीन है. इसकी खरीद ग्राम पंचायतों द्वारा की गई है. अभी तक इसका भुगतान नहीं किया गया है, जिसकी कीमत 3700 रुपये है. बावजूद इसके जिलाधिकारी ने जांच समिति बना दी है. जिले भर में सर्विलांस टीम बनाकर सभी 734 ग्राम सभाओं और 65 वार्डों में लोगों की थर्मल स्कैनिंग कराई जा रही है. इसके लिए निगरानी समितियों और आशा बहुओं को थर्मल स्कैनर खरीदने की जिम्मेदारी ग्राम पंचायतों को सौंपी गई थी, लेकिन एक ही कंपनी से थर्मल स्कैनर और पल्स ऑक्सीमीटर खरीदकर वितरण किए जाने की बात कही जा रही है.

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