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सीएम योगी नहीं, नाथ सम्प्रदाय के पीठाधीश्वर और अघोर पंथ के सिद्धार्थ गौतम राम का है समागम

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Published : Dec 5, 2021, 9:15 AM IST

Updated : Dec 5, 2021, 10:37 AM IST

सूबे के मुखिया सीएम योगी आदित्यनाथ आज यानी रविवार को चन्दौली दौरे पर रहेंगे. जहां अघोर पंथ के महान संत बाबा कीनाराम जन्मस्थली पहुचेंगे. जहां बाबा कीनाराम धार्मिक स्थल को पर्यटन से जोड़ने के साथ ही इस पुण्य स्थली की भव्यता कर लिए सौगात देंगे. लेकिन इस दौरान एक दुर्लभ तश्वीर देखने को मिलेगी. जब देश के दो महान संत योगी आदित्यनाथ और अघोर संत सिद्धार्थ गौतम राम एक साथ होंगे. जो अपने आप मे अलौकिक होगा और इस कार्यक्रम को दिव्यता प्रदान करेगा.

बाबा कीनाराम स्मारक स्थल के भी करेंगे दर्शन
बाबा कीनाराम स्मारक स्थल के भी करेंगे दर्शन

चन्दौली: उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ रविवार को चंदौली दौरे पर रहेंगे. जहां चंदौली में रामगढ़ स्थित बाबा कीनाराम आश्रम को पर्यटन से जोड़ने के साथ ही करीब 20 करोड़ की लागत से इसके विकास कार्यों का शिलान्यास करेंगे. इसके अलावा जिले के विकास से जुड़े अन्य कई परियोजनाओं का लोकार्पण एवं शिलान्यास भी करेंगे. इस दौरान वह जनसभा को संबोधित भी करेंगे जहां कई महत्वपूर्ण घोषणाएं भी हो सकती है. सीएम योगी के प्रस्तावित कार्यक्रम के मद्देनजर सभी तैयारियां पूर्ण कर ली गई है. जबकि सुरक्षा की भी चाक चौबंद व्यवस्था कर ली. वहीं सीएम के कार्यक्रम को देखते हुए वीवीआईपी प्रोटोकॉल मेंटेन किया किया जा रहा है.

ये है सीएम योगी का कार्यक्रम

सीएम योगी आदित्यनाथ प्रोटोकॉल के तहत दोपहर 1:30 बजे बाबा कीनाराम इंटर कालेज पहुंचेंगे. वहां करीब 1 घण्टे बाबा कीनाराम मठ के लिए रिजर्व रहेगा. इस दौरान वे कीनाराम जन्मस्थली का अवलोकन करेंगे साथ ही दिव्यता भव्यता को बढ़ाने के लिए विभिन्न विकासपरक योजनाओं का लोकार्पण, शिलान्यास करेंगे. इस दौरान उनकी महंत से मुलाकात भी होगी.

आज पहुंच रहे हैं सीएम योगी आदित्यनाथ

जिसके बाद सीएम योगी आदित्यनाथ रामगढ़ स्थित कीनाराम इंटर कालेज के मैदान में सभा को संबोधित करेंगे. इस दौरान राजकीय मेडिकल कालेज का नाम कीनाराम के नाम पर रखे जाने को औपचारिक घोषणा कर सकते है. इसके अलावा जिले को अन्य कई योजनाओं की सौगात भी मिल सकती है. साथ ही कई लाभार्थी परक योजनाओं से जुड़े लाभार्थियों को मंच से चेक व प्रमाण पत्र का वितरण करेंगे. इसके अलावा सकलडीहा विधानसभा चुनाव से पूर्व जिले को अन्य किसी की बड़ी परियोजना की सौगात भी मिल सकती है.

नाथ सम्प्रदाय के पीठाधीश्वर और अघोर पंथ के सिद्धार्थ गौतम राम का समागम है योगी का आगमन


बाबा कीनाराम स्मारक स्थल के महामंत्री सूर्यनाथ सिंह ने बताया कि लोग योगी आदित्यनाथ के इस दौरे को योजनाओं के सौगात या कुछ लेने वाले के तौर पर देख रहे हैं. लेकिन वास्तव में ऐसा नहीं है. योगी आदित्यनाथ की यह दूसरी यात्रा न तो आर्थिक है और न ही सामाजिक और न ही धार्मिक है. उनकी यह यात्रा आध्यात्मिक है. इससे पूर्व में भी वह इस पीठ पर 2019 में भी पधार चुके है.जो दो संतों के लिए समागम का एक संयोग है. यह पीठ रहस्यों से परिपूर्व और अध्यात्म की अमानत है. यहां से जो एक ऊर्जा निकलती निकलती है, उसे पूरे भारत भूमि पर बिखेरने का एक प्रयास है.



उन्होंने एक आध्यात्मिक परिकल्पना पर प्रकाश डालते हुए कहा कि रविवार को जैसे दोनों संतों का संगम देखने को मिलेगा. इसी प्रकार गुजरात के गिरनार आश्रम में भगवान दत्ताद्रेय और गुरु गोरखनाथ दोनों लोग अध्यात्म का आदान प्रदान कर रहे थे. उस वक्त यह कहा गया कि 'दत्ता-गोरख की एक माया और बीच मे औघड़ आय समाया.' उस वक्त बाबा कीनाराम चिरकालिक रूप में वहां मौजूद थे.

बाबा कीनाराम स्मारक स्थल के महामंत्री सूर्यनाथ सिंह से खास बातचीत




बाबा कीनाराम के जीवन पर प्रकाश डालते हुए उन्होंने बताया कि बाबा कीनाराम ने कहा था कि जब मैं काशी में पुनः आऊंगा तो 11वीं गद्दी का पीठाधीश्वर के रूप में आऊंगा. मेरा खप्पर जयपुर के राजघराने और कुबड़ी सकलडीहा के ताजपुर में एक क्षत्रिय परिवार में रखा हुआ है. जो यह लेकर आएगा यह समझ लेना वह स्वयं बाबा कीनाराम होगा और ऐसा ही हुआ. बाबा अघोरेश्वर भगवान अवधूत राम जी के रूप में पुनः रूप वे आए. उन्होंने अपनी ऊर्जा और शक्ति से जिस बालक को जन्म दिया उसी बालक को 8 साल की अवस्था में 1978 में क्रीं कुंड का पीठाधीश्वर बनाया गया. जो आज बाबा सिद्धार्थ गौतम राम के नाम से जाने जाते हैं.

वहीं दूसरी तरफ गोरक्ष पीठ में महंत अवैधनाथ जी ने जिस अजय बिष्ट यानी योगी आदित्यनाथ को वहां का पीठाधीश्वर बनाया. जिस प्रकार पुरातन काल में दत्तात्रेय, गुरु गोरखनाथ, बाबा कीनाराम जी एक साथ थे. उसी प्रकार वर्तमान में भगवान अवधूत राम, सिद्धार्थ गौतम राम और योगी आदित्यनाथ हैं. यह एक रहस्य है, वह किसी राजनीतिक, सामाजिक, धार्मिक कारणों से नहीं पधार रहे हैं. बल्कि वे इसलिए पधार रहे हैं कि आज हमारा देश और प्रदेश विषम परिस्थितियों से गुजर रहा है. रिश्ते गौण हो गए है. नैतिकता का क्षरण हो रहा है. भारत को संस्कृति खतरे में पड़ी हुई है.अगली पीढ़ी दिग्भ्रमित और कुंठाग्रस्त है. उसे सुधारने और नया प्रकाश देने के लिए दोनों युवा संत का समागम हो रहा है.एक तरफ जहां विश्व की जानी मानी गोरक्षपीठ के महंत गोरखपुर से दूसरी तरफ काशी के क्रीं कुंड और रामशाला रामगढ़ से सिद्धार्थ गौतम राम का मिलन हो रहा है. एक नया प्रकाश लेकर इस कालखंड को हटाने को लेकर आ रहे है. अभी इस मुलाकात में कई रहस्य है, ऐसा हो सकता है उनका यह दौरा दूसरा कई दौरे में बदल जाए.


ऐसी मान्यता है कि बाबा कीनाराम ने अपने हाथों से खोदकर एक कुआं बनाया था. जो कि गोबर के उपले में बनाई गई है और इस कुएं के चार घाट से चार तरह पानी निकलता है. बाबा कीनाराम ने आर्शीवाद दिया था जब तक काशी में गंगा में बहेंगी. तब तक इस कुएं का दैहिक दैविक भौतिक ताप का कष्ट दूर होगा. रविवार और मंगलवार को यहां का पानी पीने और नहाने से सभी प्रसार के कष्ट दूर हो जाते है. चाहे वी चर्म रोग हो या बांझपन. बाबा की तपोभूमि पर पूजनअर्चन से सभी कष्ट दूर हो जाते है.ऐसी मान्यताएं हैं कि बाबा कीनाराम इस कुंए में कूदते थे तो काशी के क्रीं कुंड में भी निकलते थे. जहां हरिश्चन्द्र घाट पर जलने वाली मुर्दों की शेष लकड़ियों के धुनि रमाई जा रही है जो 15वीं शताब्दी से ही अनवरत जल रही है. उसके राख से एक बार मुर्दा भी जिंदा हो जाएगा. ऐसी मान्यता और सत्यता है. कीनाराम बाबा की कहानी बताएं तो पूरी रात बीत जाएगी. ऐसी ही तमाम तरह ऊर्जा और शक्तियां काशी के क्रीं कुंड और रंग शाला रामगढ़ और गोरक्षपीठ गोरखपुर में हैं.


इस देश प्रदेश क्षेत्र और धरती का सौभाग्य है कि आज सभी लोग यह आ रहे है. लेकिन लोग पंडाल देख है ग्राउंड देख रहे है. लेकिन मंदिर परिसर में घूमे है तो यहां की अलौकिक शक्तियों से रूबरू हो सकते है. रात्रि में यहां इस परिसर मे घूमकर देखे तो आपको यहां एक ऊर्जा का संचार होता दिखेगा उनका दर्शन भी प्राप्त कर सकते है. यह स्थल बाबा कीनाराम के मंत्रों के अभिसिंचित सिद्धपीठ है. यहां जो इस भावना से आएगा. उसे सबकुछ उपलब्ध हो सकता है.

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Last Updated : Dec 5, 2021, 10:37 AM IST
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