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इंडियन बैंक लॉकर लूटकांड के दो आरोपियों की जमानत खारिज, जानिए क्या दी गयी दलील

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Published : Apr 26, 2022, 3:27 PM IST

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इंडियन बैंक लॉकर लूटकांड के दो आरोपियों की जमानत खारिज

इंडियन बैंक में 40 लॉकरों को गैस कटर से काटकर करोड़ों के गहने और कीमती जेवरात लूट के मामले में दो आरोपियों की जमानत मंगलवार को जिला और सत्र न्यायाधीश ने खारिज कर दी. 30 जनवरी की रात बैंक के 40 लॉकर को गैस कटर से काटकर करोड़ों रुपये के गहने और कीमती जेवरातों की डकैती की गई थी.

चंदौली: जिले के इंडियन बैंक में 40 लॉकरों को गैस कटर से काटकर करोड़ों के गहने और कीमती जेवरात लूट के मामले में दो आरोपियों की जमानत मंगलवार को जिला और सत्र न्यायाधीश ने खारिज कर दी. गिरफ्तार किए गए आपरोपियों में सोनू खान उर्फ अशफाक खान और पवन शाहा पुत्र शंभू शाहा ने जमानत याचिका दाखिल की थी.

चंदौली जिले के इंडियन बैंक (Indian Bank of Chandauli District) में 30 जनवरी की रात बैंक के 40 लॉकर को गैस कटर से काटकर करोड़ों के गहने और कीमती जेवरातों की डकैती की गई थी. इस मामले में चंदौली कोतवाली पुलिस ने काफी मशक्कत के बाद कई लुटेरों के लूट के माल और गहनों के साथ गिरफ्तार किया था. इस मामले में चंदौली पुलिस ने मुखबिर की सूचना पर पवन शाहा और उनके साथ अभियुक्त के रूप में सोनू खान उर्फ अशफाक खान को लूट के गहने और कीमती सामानों के साथ-साथ नकदी के साथ गिरफ्तार किया था.

इस मामले में दाखिल की गई जमानत याचिका पर सुनवाई हुई तो इस मामले में जनपद और सत्र न्यायाधीश पीड़ित पक्ष और सरकारी वकीलों की दलील सुनने के बाद मामले की गंभीरता, साक्ष्यों, परिस्थितियों तथा अपराध की प्रकृति की गंभीरता को देखते हुए इनकी जमानत याचिका खारिज कर दी है.

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बिहार के मोहनिया की बड़ी बाजार से सोनू खान उर्फ अशफाक खान की ओर से दाखिल जमानत याचिका में कहा था कि पुलिस ने जो भी नकदी और गहने उसके यहां से बरामद किए हैं. वह सब उनके घर परिवार के हैं. वह रियाद में काम करता है. वहीं से 6 जनवरी को लौटा है. उसके पिता राज्य सुन्नी वफ्फ बोर्ड के सचिव है. सारे रुपये उनको मिले दान और चंदा के रूप में घर में रखे गए थे. पुलिस ने उसे घर से उठाकर फर्जी तरीके से गिरफ्तारी की है.

वहीं, झारखंड के बेगमगंज इलाके के रहने वाले पवन शाहा ने खुद को ड्राइवर बताते हुए अपनी जमानत याचिका दाखिल की है. कहा कि वह एक दुकान पर चाय नाश्ते के लिए गए था. तभी पुलिस ने गिरफ्तार करके फर्जी तरीके से लूट के मामले में फंसा दिया. सरकार की तरफ से जिला शासकीय अधिवक्ता दांडिक शशि शंकर सिंह ने पक्ष रखा. दोनों पक्षों की दलील सुनने के बाद जिला और सत्र न्यायाधीश ने इनकी जमानत याचिका खारिज कर दी है.

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