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मुरादाबाद: रेलवे कॉलोनी में मंदिर-मस्जिद एक साथ, लोगों को पढ़ा रहे साम्प्रदायिक सौहार्द का पाठ

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Published : Dec 26, 2019, 4:33 PM IST

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यहां एक साथ अमन चैन से होती है आरती और अजान.

मुरादाबाद के सिविल लाइन थाना क्षेत्र स्थित रेलवे कॉलोनी सालों पहले बनाई गई थी. इस कॉलोनी में साम्प्रदायिक सौहार्द की एक अनूठी तस्वीर देखने को मिलती है. यहां एक तरफ मस्जिद की अजान गूंजती है तो दूसरी तरफ मंदिर से राम नाम की धुन. एक ही चौहद्दी में बने मंदिर और मस्जिद लोगों को जीवन जीने का सबक सिखा रहे हैं.

मुरादाबाद: भारत को हमेशा से गंगा-जमुनी तहजीब के दर्पण की तरह देखा जाता रहा है. समय-समय पर देशवासियों ने आपसी भाईचारे से इसको साबित भी किया है. देश में रहने वाले अलग-अलग सम्प्रदायों के बीच बना भाईचारा इस देश की एकता की मिसाल प्रदर्शित करता है. देश में भाईचारे की इसी मिसाल को बयां करती नजर आती है, मुरादाबाद स्थित रेलवे कॉलोनी. इस कॉलोनी में मंदिर और मस्जिद एक दीवार भर दूरी पर बने हैं और दोनों धार्मिक स्थान पर जाने वाले एक-दूसरे का पूरा सम्मान करते हैं.

यहां एक साथ अमन चैन से होती है आरती और अजान.

राम और रहीम की मिसाल
इस जगह पर एक तरफ अजान की आवाज गूंजती है तो दूसरी तरफ मंदिर से राम नाम के भजन. लोगों को एक-दूसरे के साथ रहकर जिंदगी जीने का सबक सिखाते हैं. जिले के सिविल लाइन थाना क्षेत्र स्थित रेलवे कॉलोनी सालों पहले बनाई गई थी. रेलवे में तैनात कर्मचारियों के लिए बनाई गई इस कॉलोनी में साम्प्रदायिक सौहार्द की अनूठी तस्वीर नजर आती है. सालों पहले मुगल सेना के लिए यहां मस्जिद का निर्माण किया गया था, जिसे छावनी वाली मस्जिद के नाम से जाना जाता है.

मनोकामना हनुमान मंदिर
वर्तमान में यह रेलवे कॉलोनी मस्जिद के नाम से जानी जाती है. इसी मस्जिद से सटा है 'मनोकामना हनुमान मंदिर' जिसका इतिहास भी सैंकड़ों साल पुराना है. मंदिर और मस्जिद के बीच में सिर्फ एक दीवार का फासला है और दोनों की छत एक होने का अहसास कराती है. मंदिर के मुख्य पुजारी का आवास भी मस्जिद की दीवार से लगा हुआ है.

दुनिया को मानवता का संदेश
रेलवे कॉलोनी में रहने वाले लोगों के अलावा पूरे जनपद से यहां बड़ी संख्या में लोग पहुंचते हैं और अपने धार्मिक रीति-रिवाजों को निभाते हैं. मस्जिद के इमाम हरियाणा के रहने वाले हैं और पिछले 5 साल से यहां पर नमाज अदा कर रहे हैं. इमाम के मुताबिक एक साथ खड़े मंदिर-मस्जिद दुनिया को मानवता का संदेश दे रहे हैं. उनके अनुसार एक-दूसरे के साथ मिलकर रहने और देश को आगे बढ़ाने का इससे बढ़िया सन्देश नहीं हो सकता.

एक साथ होती है अजान और आरती
मस्जिद से सटे मनोकामना हनुमान मंदिर में भी हर रोज श्रद्धालुओं की भीड़ जमा रहती है. यहां हर रोज सुबह-शाम पूजा-पाठ किया जाता है. मंदिर के पुजारी के मुताबिक आज तक कभी भी कोई दिक्कत महसूस नहीं हुई. दोनों समुदायों के लोग एक-दूसरे की धार्मिक भावना का हमेशा ध्यान रखते हुए आगे बढ़े हैं. मंदिर के भजन, मस्जिद की अजान, कभी-कभी एक साथ ही सम्पन्न होती है और हर कोई इसे देखकर इंसानियत की सीख लेता है.

दोनों समुदायों में कभी कोई मतभेद नहीं
समाज में नफरत फैलाने वाले भले ही लाख कोशिश करें, लेकिन देश में सौहार्द के आगे उनकी कोशिश कभी कामयाब होने वाली नहीं है. रेलवे कॉलोनी में शान से एक-दूसरे के साथ खड़े मंदिर मस्जिद गवाह हैं कि नफरत हमेशा हारी है और आगे भी हारती रहेगी. इन धार्मिक स्थलों का यह सन्देश हर उस व्यक्ति के लिए एक सबक है, जो समाज को जोड़ने में अवरोध उत्पन्न करने की कोशिश करता है.

इसे भी पढ़ें:- मुरादाबाद: अस्पताल के टॉयलेट में बच्ची के साथ दुष्कर्म करने की कोशिश, आरोपी गिरफ्तार

Intro:एंकर: मुरादाबाद: भारत को हमेशा से गंगा-जमुनी तहजीब का देश कहा जाता है और समय-समय पर देशवासियों ने आपसी भाईचारे से इसको साबित भी किया है. देश में रहने वाले अलग-अलग सम्प्रदायों के बीच बना भाईचारा इस देश की एकता को भी प्रदर्शित करता है. देश में भाईचारे की इसी मिसाल को बयां करती नजर आती है मुरादाबाद स्थित रेलवे कॉलोनी. इस कालोनी में मंदिर और मस्जिद एक दीवार भर दूरी पर बने है और दोनों धार्मिक स्थान पर जाने वाले एक दूसरे का पूरा सम्मान करते है. एक तरफ जहां मस्जिद से अजान की आवाज गूंजती है तो दूसरी तरफ मंदिर से बजते भजन लोगों को एक-दूसरे के साथ रहकर जिंदगी जीने का सबक सिखा देते है. पेश है एक रिपोर्ट


Body:वीओ वन: मुरादाबाद के सिविल लाइन थाना क्षेत्र स्थित रेलवे कॉलोनी सालों पहले बनाई गई थी. रेलवे में तैनात कर्मचारियों के लिए बनाई इस कालोनी में साम्प्रदायिक सौहार्द की अनूठी तस्वीर नजर आती है. सालों पहले मुगल सेना के लिए यहां मस्जिद का निर्माण किया गया था जिसे छावनी वाली मस्जिद के नाम से जाना जाता रहा और वर्तमान में यह रेलवे कॉलोनी मस्जिद के नाम पर जानी जाती है. इसी मस्जिद से सटा है मनोकामना हनुमान मंदिर जिसका इतिहास भी सालों सौ साल से अधिक का है. मंदिर और मस्जिद के बीच में सिर्फ एक दीवार का फासला है और दोनों की छत एक होने का अहसास कराती है.मंदिर के मुख्य पुजारी का आवास भी मस्जिद की दीवार से लगा हुआ है.
बाईट: निसार खान- स्थानीय निवासी
वीओ टू: रेलवे कॉलोनी में रहने वाले लोगों के अलावा पूरे जनपद से यहां बड़ी संख्या में लोग पहुंचते है और अपने धार्मिक रीति-रिवाजों को निभाते है. मस्जिद के इमाम हरियाणा के रहने वाले है और पिछले पांच साल से यहां पर नमाज पड़ा रहें है. इमाम के मुताबिक एक साथ खड़े मंदिर-मस्जिद दुनिया को मानवता का संदेश दे रहें है और एक दूसरे के साथ मिलकर रहने और देश को आगे बढ़ाने का इससे बढ़िया सन्देश नही हो सकता.
बाईट: महम्मुदुल्ला हसन - इमाम
वीओ तीन: मस्जिद से सटे मनोकामना हनुमान मंदिर में भी हर रोज श्रद्धालुओ की भीड़ जमा रहती है. यहां हर रोज सुबह-शाम पूजा पाठ किया जाता है. मंदिर के पुजारी के मुताबिक आज तक कभी भी उन्हें कोई दिक्कत महसूस नहीं हुई और दोनों समुदायों के लोग एक दूसरे की धार्मिक भावना का हमेशा ध्यान रखते हुए आगे बढ़े है. मंदिर के भजन मस्जिद की अजान कभी-कभी एक साथ ही सम्पन्न होती है और हर कोई इसे देख इंसानियत की सीख लेता नजर आता है.
बाईट: हरिदत्त शास्त्री- पुजारी


Conclusion:वीओ चार: समाज में नफरत फैलाने वाले भले ही लाख कोशिश करें लेकिन देश में सौहार्द के आगे उनकी कोशिश कामयाब नहीं होने वाली. रेलवे कॉलोनी में शान से एक दूसरे के साथ खड़े मंदिर मस्जिद गवाह है कि नफरत हमेशा हारी है और आगे भी हारती रहेगी. इन धार्मिक स्थलों का यह सन्देश हर उस व्यक्ति के लिए एक सबक है. जो समाज को जोड़ने में अवरोध उतपन्न करने की कोशिश करता है.
भुवन चन्द्र
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