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UP Election 2022: मिर्जापुर की चुनार विधानसभा सीट की डेमोग्राफिक रिपोर्ट, सभी पार्टियों की रहती है पटेलों पर नजर

उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव 2022 (UP Assembly Election) को लेकर यूपी में सियासी पारा चढ़ने लगा है. राजनीतिक पार्टियां पूरी तरह तैयारियों में जुट गई है. यूपी के मिर्जापुर की चुनार विधानसभा-398 सीट पर वर्तमान में भाजपा का कब्जा है. जानिए आगामी विधानसभा चुनाव में यहां का चुनावी समीकरण क्या होगा?

चुनार विधानसभा सीट की डेमोग्राफी रिपोर्ट
चुनार विधानसभा सीट की डेमोग्राफी रिपोर्ट
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Published : Oct 12, 2021, 1:07 PM IST

मिर्जापुर: जिले के पांच विधानसभाओं में चुनार विधानसभा सबसे ज्यादा विकसित है. चुनार विधानसभा उत्तर प्रदेश का बेहद अहम और प्राचीन शहर भी है, इसकी गिनती पुराने शहरों में की जाती है. यहां का चुनार किला और मिट्टी का बर्तन और गणेश लक्ष्मी की मूर्तियां पूरे देश में जानी जाती है. यहां का मुख्य व्यवसाय कृषि है. ज्यादा तर मानसून पर निर्भर है. यह विधानसभा 1952 से ही अस्तित्व में आई है. शुरू में कांग्रेस जनता दल लोकदल के बाद भारतीय जनता पार्टी की यहां पर सबसे अधिक बार जीत दर्ज हुई है. समाजवादी पार्टी एक बार जीत दर्ज की है, तो बहुजन समाज पार्टी कभी नहीं जीत पाई है.

सबसे ज्यादा यहां पर लगातार बीजेपी से ओमप्रकाश सिंह विधायक बने हैं. मगर 2012 के विधानसभा चुनाव में सपा की लहर में ओमप्रकाश सिंह हार गए और जगदंबा सिंह पटेल विधायक बने. तो वहीं 2017 के विधानसभा चुनाव में जगदंबा सिंह पटेल हार गए और ओमप्रकाश सिंह के बेटे अनुराग सिंह पहली बार भारतीय जनता पार्टी से विधायक बने हैं. यहां पर सबसे अधिक संख्या कुर्मी मतदाता का है, इसीलिए यहां पर हर बार पार्टियां पटेल को ही टिकट देती हैं और पटेल की जीत होती है.

जानकारी देते संवाददाता.

भारतीय जनता पार्टी का है यहां पर दबदबा
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के संसदीय क्षेत्र वाराणसी से सटी हुई चुनार 398 विधानसभा भाजपा का गढ़ कहा जाता है. विधानसभा 1993 से 2012 तक भारतीय जनता पार्टी के कद्दावर नेता व पूर्व प्रदेश अध्यक्ष ओमप्रकाश सिंह विधायक बनते थे. 2012 विधानसभा चुनाव में सपा की लहर में लगातार बन रहे विधायक ओमप्रकाश सिंह को सपा के जगदंबा सिंह पटेल पटकनी दे दिया था. 2017 के विधानसभा चुनाव में एक बार फिर भारतीय जनता पार्टी के खाते में यह सीट आ गई और ओमप्रकाश सिंह के बेटे अनुराग सिंह विधायक बने हैं. 1952 से लेकर अब तक यहां पर 6 बार कांग्रेस, 5 बार भारतीय जनता पार्टी, दो बार लोकदल ,दो बार जनता दल, तो वहीं एक एक बार संयुक्त सोशलिस्ट पार्टी, जनसंघ, जनता पार्टी और समाजवादी पार्टी की जीत हुई है. बहुजन समाज पार्टी कभी यहां से नहीं जीत पाई है.

1952 से लेकर अब तक जीते हुए विधायक

वर्षपार्टीविधायक
1952कांग्रेस पंडित राजकुमार शर्मा
1957 कांग्रेसपंडित राजकुमार शर्मा
1959कांग्रेस -उप चुनावपंडित ओमकार नाथ उपाध्याय
1962कांग्रेस राजनारायण सिंह दादाजी
1967कांग्रेसराजनारायण सिंह दादाजी
1969संयुक्त सोशलिस्ट पार्टी शिवदास तिवारी
1974जनसंघओमप्रकाश सिंह
1977जनता पार्टीओमप्रकाश सिंह
1980 लोकदल यदुनाथ सिंह
1985लोकदल यदुनाथ सिंह
1989जनता दल यदुनाथ सिंह
1991जनता दल यदुनाथ सिंह
1993भारतीय जनता पार्टीओमप्रकाश
1996 भारतीय जनता पार्टीओमप्रकाश सिंह
2002भारतीय जनता पार्टीओमप्रकाश सिंह
2007भारतीय जनता पार्टीओमप्रकाश सिंह
2012समाजवादी पार्टीजगदंबा सिंह पटेल
2017भारतीय जनता पार्टीअनुराग सिंह


दो दशक से यहां का मुद्दा
उत्तर प्रदेश के मिर्जापुर की चुनाव विधानसभा प्राचीन शहर है. चुनार किला और पॉटरी उद्योग पूरे देश में जाना जाता है. पर्यटकों के लिए चुनार का किला आकर्षण का केंद्र माना जाता है. चुनार के किले का कई खूबियां पर्यटकों को लुभाती है, बेहद खास प्राकृतिक नजारे देखने के लिए लोग सैकड़ों की संख्या में हर दिन पहुंचते हैं. यहां पर धारावाहिक चंद्रकांता के साथ ही बॉलीवुड के छोटे बड़े पर्दे से भी नाता रहा है, लेकिन आज चुनार का किला जर्जर हो चुका है. जनप्रतिनिधियों के कोई खास पहल नहीं करने से अब यहां पर पर्यटकों की संख्या कम होती चली जा रही हैं. चुनार किले के साथ ही अंतरराष्ट्रीय पहचान दिलाने वाला पॉटरी उद्योग अब समाप्ति के कगार पर है. पॉटरी उद्योग से बन रहे बर्तन और खिलौना पूरे देश में जाना जाता था, लेकिन जनप्रतिनिधियों के वजह से अब यह भी अंतिम सांस गिन रहा है. चुनार विधानसभा का सबसे अधिक व्यवसाय कृषि है. दो साल से अब आलू गोदाम भी यहां का मुद्दा बन गया है. किसान आलू पैदा करने के बाद कोल्ड स्टोरेज में नहीं रख पा रहे हैं. इनको वाराणसी या मिर्जापुर जाना पड़ रहा है, जैसे इस तरह के मुद्दे यहां पर बने हुए हैं.

इसे भी पढ़ें-UP Election 2022: मिर्जापुर सदर विधानसभा सीट पर भाजपा का रहा है दबदबा, क्या फिर हो पाएगी वापसी?

2017 विधानसभा चुनाव
भारतीय जनता पार्टी अनुराग सिंह को 105608 मत मिले
समाजवादी पार्टी से जगदंबा सिंह पटेल को 43380 वोट मिले
बहुजन समाज पार्टी से अनमोल सिंह को 39067 मत मिले

2012 विधानसभा चुनाव
समाजवादी पार्टी से जगदंबा सिंह पटेल को 67265 वोट मिले
बहुजन समाज पार्टी से घनश्याम को 46557 वोट
भारतीय जनता पार्टी से ओमप्रकाश सिंह को 35573

2007 विधानसभा चुनाव
भारतीय जनता पार्टी से ओमप्रकाश सिंह को 45025 वोट .
समाजवादी पार्टी से जगदंबा सिंह पटेल को 41582 वोट मिले थे.
बहुजन समाज पार्टी से रमेश चंद्र दुबे को 36804 वोट मिले थे.

चुनार विधानसभा सीट की डेमोग्राफी रिपोर्ट
चुनार विधानसभा सीट की डेमोग्राफी रिपोर्ट

जातिगत आंकड़ा
जातिगत आंकड़ा की बात किया जाए तो यहां पर सबसे ज्यादा पटेल मतदाता हैं. दूसरे नंबर पर दलित हैं. पटेलों की संख्या ज्यादा होने के चलते हर पार्टियां पटेल को ही टिकट यहां पर ज्यादातर देती हैं और पटेल ही जीत दर्ज करता है.

चुनार विधानसभा सीट की डेमोग्राफी रिपोर्ट
चुनार विधानसभा सीट की डेमोग्राफी रिपोर्ट

कुल मतदाता
चुनार विधानसभा सीट पर कुल मतदाता की बात किया जाए तो 343685 है. जिसमें 181078 पुरुष मतदाता है, तो वही 162607 महिला मतदाता हैं.

मिर्जापुर: जिले के पांच विधानसभाओं में चुनार विधानसभा सबसे ज्यादा विकसित है. चुनार विधानसभा उत्तर प्रदेश का बेहद अहम और प्राचीन शहर भी है, इसकी गिनती पुराने शहरों में की जाती है. यहां का चुनार किला और मिट्टी का बर्तन और गणेश लक्ष्मी की मूर्तियां पूरे देश में जानी जाती है. यहां का मुख्य व्यवसाय कृषि है. ज्यादा तर मानसून पर निर्भर है. यह विधानसभा 1952 से ही अस्तित्व में आई है. शुरू में कांग्रेस जनता दल लोकदल के बाद भारतीय जनता पार्टी की यहां पर सबसे अधिक बार जीत दर्ज हुई है. समाजवादी पार्टी एक बार जीत दर्ज की है, तो बहुजन समाज पार्टी कभी नहीं जीत पाई है.

सबसे ज्यादा यहां पर लगातार बीजेपी से ओमप्रकाश सिंह विधायक बने हैं. मगर 2012 के विधानसभा चुनाव में सपा की लहर में ओमप्रकाश सिंह हार गए और जगदंबा सिंह पटेल विधायक बने. तो वहीं 2017 के विधानसभा चुनाव में जगदंबा सिंह पटेल हार गए और ओमप्रकाश सिंह के बेटे अनुराग सिंह पहली बार भारतीय जनता पार्टी से विधायक बने हैं. यहां पर सबसे अधिक संख्या कुर्मी मतदाता का है, इसीलिए यहां पर हर बार पार्टियां पटेल को ही टिकट देती हैं और पटेल की जीत होती है.

जानकारी देते संवाददाता.

भारतीय जनता पार्टी का है यहां पर दबदबा
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के संसदीय क्षेत्र वाराणसी से सटी हुई चुनार 398 विधानसभा भाजपा का गढ़ कहा जाता है. विधानसभा 1993 से 2012 तक भारतीय जनता पार्टी के कद्दावर नेता व पूर्व प्रदेश अध्यक्ष ओमप्रकाश सिंह विधायक बनते थे. 2012 विधानसभा चुनाव में सपा की लहर में लगातार बन रहे विधायक ओमप्रकाश सिंह को सपा के जगदंबा सिंह पटेल पटकनी दे दिया था. 2017 के विधानसभा चुनाव में एक बार फिर भारतीय जनता पार्टी के खाते में यह सीट आ गई और ओमप्रकाश सिंह के बेटे अनुराग सिंह विधायक बने हैं. 1952 से लेकर अब तक यहां पर 6 बार कांग्रेस, 5 बार भारतीय जनता पार्टी, दो बार लोकदल ,दो बार जनता दल, तो वहीं एक एक बार संयुक्त सोशलिस्ट पार्टी, जनसंघ, जनता पार्टी और समाजवादी पार्टी की जीत हुई है. बहुजन समाज पार्टी कभी यहां से नहीं जीत पाई है.

1952 से लेकर अब तक जीते हुए विधायक

वर्षपार्टीविधायक
1952कांग्रेस पंडित राजकुमार शर्मा
1957 कांग्रेसपंडित राजकुमार शर्मा
1959कांग्रेस -उप चुनावपंडित ओमकार नाथ उपाध्याय
1962कांग्रेस राजनारायण सिंह दादाजी
1967कांग्रेसराजनारायण सिंह दादाजी
1969संयुक्त सोशलिस्ट पार्टी शिवदास तिवारी
1974जनसंघओमप्रकाश सिंह
1977जनता पार्टीओमप्रकाश सिंह
1980 लोकदल यदुनाथ सिंह
1985लोकदल यदुनाथ सिंह
1989जनता दल यदुनाथ सिंह
1991जनता दल यदुनाथ सिंह
1993भारतीय जनता पार्टीओमप्रकाश
1996 भारतीय जनता पार्टीओमप्रकाश सिंह
2002भारतीय जनता पार्टीओमप्रकाश सिंह
2007भारतीय जनता पार्टीओमप्रकाश सिंह
2012समाजवादी पार्टीजगदंबा सिंह पटेल
2017भारतीय जनता पार्टीअनुराग सिंह


दो दशक से यहां का मुद्दा
उत्तर प्रदेश के मिर्जापुर की चुनाव विधानसभा प्राचीन शहर है. चुनार किला और पॉटरी उद्योग पूरे देश में जाना जाता है. पर्यटकों के लिए चुनार का किला आकर्षण का केंद्र माना जाता है. चुनार के किले का कई खूबियां पर्यटकों को लुभाती है, बेहद खास प्राकृतिक नजारे देखने के लिए लोग सैकड़ों की संख्या में हर दिन पहुंचते हैं. यहां पर धारावाहिक चंद्रकांता के साथ ही बॉलीवुड के छोटे बड़े पर्दे से भी नाता रहा है, लेकिन आज चुनार का किला जर्जर हो चुका है. जनप्रतिनिधियों के कोई खास पहल नहीं करने से अब यहां पर पर्यटकों की संख्या कम होती चली जा रही हैं. चुनार किले के साथ ही अंतरराष्ट्रीय पहचान दिलाने वाला पॉटरी उद्योग अब समाप्ति के कगार पर है. पॉटरी उद्योग से बन रहे बर्तन और खिलौना पूरे देश में जाना जाता था, लेकिन जनप्रतिनिधियों के वजह से अब यह भी अंतिम सांस गिन रहा है. चुनार विधानसभा का सबसे अधिक व्यवसाय कृषि है. दो साल से अब आलू गोदाम भी यहां का मुद्दा बन गया है. किसान आलू पैदा करने के बाद कोल्ड स्टोरेज में नहीं रख पा रहे हैं. इनको वाराणसी या मिर्जापुर जाना पड़ रहा है, जैसे इस तरह के मुद्दे यहां पर बने हुए हैं.

इसे भी पढ़ें-UP Election 2022: मिर्जापुर सदर विधानसभा सीट पर भाजपा का रहा है दबदबा, क्या फिर हो पाएगी वापसी?

2017 विधानसभा चुनाव
भारतीय जनता पार्टी अनुराग सिंह को 105608 मत मिले
समाजवादी पार्टी से जगदंबा सिंह पटेल को 43380 वोट मिले
बहुजन समाज पार्टी से अनमोल सिंह को 39067 मत मिले

2012 विधानसभा चुनाव
समाजवादी पार्टी से जगदंबा सिंह पटेल को 67265 वोट मिले
बहुजन समाज पार्टी से घनश्याम को 46557 वोट
भारतीय जनता पार्टी से ओमप्रकाश सिंह को 35573

2007 विधानसभा चुनाव
भारतीय जनता पार्टी से ओमप्रकाश सिंह को 45025 वोट .
समाजवादी पार्टी से जगदंबा सिंह पटेल को 41582 वोट मिले थे.
बहुजन समाज पार्टी से रमेश चंद्र दुबे को 36804 वोट मिले थे.

चुनार विधानसभा सीट की डेमोग्राफी रिपोर्ट
चुनार विधानसभा सीट की डेमोग्राफी रिपोर्ट

जातिगत आंकड़ा
जातिगत आंकड़ा की बात किया जाए तो यहां पर सबसे ज्यादा पटेल मतदाता हैं. दूसरे नंबर पर दलित हैं. पटेलों की संख्या ज्यादा होने के चलते हर पार्टियां पटेल को ही टिकट यहां पर ज्यादातर देती हैं और पटेल ही जीत दर्ज करता है.

चुनार विधानसभा सीट की डेमोग्राफी रिपोर्ट
चुनार विधानसभा सीट की डेमोग्राफी रिपोर्ट

कुल मतदाता
चुनार विधानसभा सीट पर कुल मतदाता की बात किया जाए तो 343685 है. जिसमें 181078 पुरुष मतदाता है, तो वही 162607 महिला मतदाता हैं.

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