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मिर्जापुर: गंगा नदी से लिफ्ट कर शहर के हर घर को दिया जाएगा शुद्ध पानी

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Published : Oct 3, 2020, 7:57 PM IST

घटते वाटर लेवल और पॉल्यूशन युक्त पीने के पानी से शहरवासियों को अब जल्द निजात मिलने वाली है. जिसके लिए चार सौ करोड़ की लागत से अमृत जल योजना शुरू हो चुकी है. पुनर्गठन जल योजना के तहत गंगा नदी से पानी लिफ्ट करके 210 किलोमीटर पाइप नेटवर्क से घर-घर शुद्ध पेयजल की आपूर्ति के लिए तेजी से कार्य किए जा रहे हैं.

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शहर के हर घर को दिया जाएगा शुद्ध पानी

मिर्जापुर: घटते वाटर लेवल और पॉल्यूशन युक्त पीने के पानी से शहरवासियों को अब जल्द निजात मिलने वाली है. जिसके लिए चार सौ करोड़ की लागत से अमृत जल योजना शुरू हो चुकी है. पुनर्गठन जल योजना के तहत गंगा नदी से पानी लिफ्ट करके 210 किलोमीटर पाइप नेटवर्क से घर-घर शुद्ध पेयजल की आपूर्ति के लिए तेजी से कार्य किए जा रहे हैं. साथ ही 203 किलोमीटर सीवरेज पाइप बिछाई जा रही है घरों से गंदे पानी निकलने वाले को ट्रीटमेंट करके गंगा नदी में छोड़ा जाएगा, ताकि गंगा की शुद्धता बनी रहे. वर्तमान में लोगों को पानी की आवश्यकता 41 एमएलडी की है वहीं 2050 में 55 एमएलडी की डिमांड को देखते हुए 60 एमएलडी का ट्रीटमेंट प्लांट तैयार किया जा रहा है. सभी 38 वार्डों को 8 जोन में बांट कर 2021 तक शुद्ध पानी पहुचाने का लक्ष्य रखा गया है.

शहर के हर घर को दिया जाएगा शुद्ध पानी
इस योजना के बारे में विस्तृत जानकारी देते हुए जल निगम के अधिशासी अभियंता पंकज रंजन ने बताया कि देश में अमृत योजना की घोषणा 2015 में की गई थी. उत्तर प्रदेश के 75 जिलों में से 60 जनपदों में अमृत योजना का कार्य किया जा रहा है. प्रथम चरण 2015- 16 द्वितीय चरण 2016- 17 और तृतीय चरण 17 से 20 चरण में काम किया जाना है. प्रथम चरण में मिर्जापुर को पुनर्गठन जल योजना में घर घर में पानी कनेक्शन कार्य के लिए चयनित किया गया. द्वितीय चरण में पुनर्गठन जल योजना के कुछ जो पार्ट बच गए थे, उसे चयनित किया गया. तीसरे चरण में मिर्जापुर सीवरेज योजना का चयन किया गया. उन्होंने कहा कि मिर्जापुर सीवरेज योजना को दो भागों में बांटा गया एक मिर्जापुर और एक विंध्याचल. विंध्याचल पहले चरण में किया जा रहा है द्वितिय चरण में मिर्जापुर की सीवरेज का कार्य होना है, उसका टेंडर हो चुका है जल्द कार्य शुरू किया जाएगा.

अधिशासी अभियंता ने कहा कि 287 करोड़ से 203 किलोमीटर सीवरेज पाइप नेटवर्क बिछाकर पूरे मिर्जापुर को जोड़ा जाएगा, जो घरों से गंदा पानी निकल रहा है या गंदा पानी जमा हुआ है उसे ट्रीटमेंट करके गंगा नदी में छोड़ा जाएगा ताकि गंगा की शुद्धता बनी रहे. स्वच्छ भारत मिशन को काफी योगदान मिलेगा. इस कार्य को करने में 24 महीने का लक्ष्य रखा गया है. दूसरा कार्य 146 करोड़ से पेयजल का होना है इस योजना के तहत हर घर को नल से पानी सप्लाई करना है. ग्राउंड वाटर की घटती हुई लेबल के कारण नदी से पानी देने का प्रोजेक्ट तैयार किया जा रहा है. गंगा नदी को सोर्स मानकर यहां के लोगों को पानी दिया जाएगा.

गंगा नदी से पानी लिफ्ट करने के बाद पानी का ट्रीटमेंट किया जाएगा शुद्ध करके घर-घर पहुंचाया जाएगा. उन्होंने कहा कि वर्तमान में 41 एमएलडी की नगर में पानी की आवश्यकता है लेकिन 2050 में 55 एमएलडी की डिमांड को देखते हुए 60 एमएलडी का ट्रीटमेंट प्लांट तैयार किया जा रहा है. 210 किलोमीटर पाइप नेटवर्क के द्वारा 32315 घरों में पानी पहुंचाया जाएगा. एक व्यक्ति को 135 लीटर पानी की प्रतिदिन आवश्यकता होती है नगर में 2 लाख की संख्या हैं सभी को पूरा किया जाएगा. पॉल्यूशन मुक्त पानी रहेगा शुद्ध पानी मिलेगा आने वाला समय भयावह है वाटर का घटता हुआ लेवल गर्मियों में नलकूप सूख जाते हैं तो यहां मिर्जापुर नदी से जल को आपूर्ति करना एक जल के प्रति आत्मनिर्भर होंगे.



दरअसल शहरों के विकास के लिए केंद्र सरकार ने वर्ष 2015 में अमृत (अटल मिशन फॉर रिजूवनेशन एंड अर्बन ट्रांसफॉरमेशन )योजना की शुरुआत की थी. इससे सभी को दूषित पानी पीने से निजात मिल सके और लोगों की सेहत पर खराब असर न पड़े. प्रदेश के 60 शहरों को चयन किया गया था जिसमें मिर्जापुर भी शामिल है. इस योजना का काम 3 फेज में पूरा होना है. इस योजना के तहत शहर की पुरानी पाइपों को बदला जाएगा नई पाइप की जाल बिछाई जाएगी जिसका काम शुरू हो चुका है.



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