ETV Bharat / state

भारत के सबसे कम उम्र के चार्टर्ड साइंटिस्ट बने मिर्जापुर के डॉ मयंक सिंह

author img

By

Published : Aug 19, 2023, 2:09 PM IST

Updated : Aug 19, 2023, 2:56 PM IST

Etv bharat
Etv bharat

मिर्जापुर के डॉ. मयंक सिंह भारत के सबसे कम उम्र के चार्टर्ड साइंटिस्ट बने हैं. चलिए जानते हैं इस बारे में.

मिर्जापुर: वैज्ञानिक अनुसंधान में उत्कृष्ट योगदान के लिए भारतीय मूल के वैज्ञानिक डॉ. मयंक सिंह को लंदन की रॉयल सोसाइटी ऑफ केमिस्ट्री एवं साइंस काउंसिल द्वारा 2023 का चार्टर्ड साइंटिस्ट के रूप में टीम में शामिल किया गया है. इस टीम में शामिल होने वाले साइंटिस्ट डॉ. मयंक कम उम्र के पहले भारतीय हैं. उन्होंने डेंड्रिमर नैनो टेक्नोलॉजी के क्षेत्र में महत्वपूर्ण योगदान दिया है.


वर्तमान में डॉ. मयंक संयुक्त राज्य अमेरिका के नेशनल डेंड्रिमर एंड नैनोटेक्नोलॉजी सेंटर में अनुसंधान और विकास के वरिष्ठ वैज्ञानिक हैं. साथ ही युनाइटेड किंगडम-लंदन बायोमिमेटिक रसायन विज्ञान के विशेषज्ञ हैं. वर्तमान में विभिन्न अंतरराष्ट्रीय संगठनों एवं एजेंसियों के मूल्यवान सदस्य भी हैं.भारत में अब तक 10 चार्टर्ड साइंटिस्ट हुए हैं उनमे से उत्तर प्रदेश के मिर्जापुर जनपद के चुनार क्षेत्र के बगही गांव के रहने वाले वैज्ञानिक डॉ. मयंक सिंह एक हैं.

लंदन की रॉयल सोसाइटी ऑफ केमिस्ट्री एवं साइंस काउंसिल का गठन रासायनिक विज्ञान के क्षेत्र में उत्कृष्टता को आगे बढ़ाने के लिए वर्ष 1841 में 77 वैज्ञानिकों द्वारा किया गया था. डायलिसिस और गैसों के प्रसार के आविष्कारक थॉमस ग्राहम संस्था के पहले अध्यक्ष के रूप में चुने गए थे. उन्हें कोलाइड रसायन विज्ञान के संस्थापकों में से एक माना जाता है.


सात साल बाद लंदन की रानी विक्टोरिया द्वारा शाही दर्जा दिया गया जिसे आज रॉयल सोसाइटी ऑफ केमिस्ट्री के नाम से जाना जाता है.आरएससी दुनिया का सबसे पुराना रासायनिक संगठन है और वर्तमान में यह अपने 182 वर्ष को पूरा कर लिया है.


साल 2022 की उपलब्धि डॉ. प्रकाश दीवान (सेवानिवृत्त) को दिया गया, जो नईपर हैदराबाद (भारतीय सार्वजनिक दवा अनुसंधान विश्वविद्यालय) के पूर्व निदेशक और सीएसआईआर-आईआईसीटी के निदेशक ग्रेड मुख्य वैज्ञानिक थे. आपको बताते चले की वर्तमान में डॉ. दीवान 74 वर्ष के हैं और अभी भी विज्ञान के क्षेत्र में योगदान दे रहे हैं.



इस योग्यता के धारक अपने नाम के बाद पोस्ट-नॉमिनल अक्षरों (सीएससीआई) का उपयोग करते है. डॉ. मयंक को विश्व प्रसिद्ध कई अमेरिकी वैज्ञानिकों द्वारा (16 नवंबर, 2022) चार्टर्ड साइंटिस्ट के लिए नामित किया गया था.मूल्यांकन प्रक्रिया में लगभग 8 महीने लगे जिसमें अधिकांश विशेषज्ञ संयुक्त राज्य अमेरिका, कनाडा, जापान और भारत सहित वैश्विक दुनिया की अन्य अंतरराष्ट्रीय एजेंसियों से थे. डॉ. मयंक के वैज्ञानिक क्षमता का मूल्यांकन उनके ज्ञान, व्यक्तिगत जिम्मेदारी, पारस्परिक कौशल, पेशेवर अभ्यास, पेशेवर मानकों जैसे विभिन्न चरणों में किया गया था.



डॉ. मयंक इस महत्वपूर्ण उपलब्धि के लिए डेंड्रिमर प्रौद्योगिकी के जनक कहे जाने वाले अमेरिका के मुख्य वैज्ञानिक, डॉ. डोनाल्ड टोमालिया के मार्गदर्शन, सहयोग और समर्थन के लिए धन्यवाद व्यक्त किया हैं. डॉ. डोनाल्ड टोमालिया ने ईटीवी भारत के साथ बातचीत में बताया कि डॉ. मयंक के लिए यह बहुत बड़ी सफलता है.वह बहुत ही ऊर्जावान है. लैब में कार्य के दौरान वह अपने कामों को जल्द पूरा कर अगले अभियान में जुट जाते हैं.


ये भी पढ़ेंः Ghosi Assembly By-Election: अरविंद राजभर समेत 6 उम्मीदवारों का नामांकन रद, ओपी राजभर लगाया गंभीर आरोप

ये भी पढ़ेंः Etawah Lion Safari : शेरनी सोना के शावकों की मौत से खुला राज, पहली बार जन्मे शावक कभी नहीं बचते

Last Updated :Aug 19, 2023, 2:56 PM IST
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.