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Conjunctivitis को कैसे पहचानें, क्या हैं बचाव के तरीके और उपचार, देखें पूरी रिपोर्ट

बरसात का मौसम (Rainy Season) है कभी तेज बारिश होने लगती है, तो कभी पलभर में तेज धूप निकलने लगती है. ऐसे में संक्रमण (Infection) का खतरा बना रहता है. खासकर देखने में आ रहा है कि कंजेक्टिवाइटिस (Conjunctivitis) या सामान्य भाषा में कहें तो आई फ्लू (EYE FLU) के मरीजों की संख्या बहुत बढ़ गई है. आईए जानते हैं कैसे अनमोल आंखों को सुरक्षित रखा जा सकता है.

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Published : Aug 1, 2023, 1:23 PM IST

आंखों की बीमारी पर संवाददाता श्रीपाल तेवतिया की खास रिपोर्ट

मेरठ: Body:इन दिनों बारिश का सीजन चल रहा है. लेकिन, पलभर में मौसम करवट बदल देता है. बारिश के बाद कहीं तेज धूप हो जाती है और उससे उमस बढ़ जाती है. इस बदलाव के कारण आखों के संक्रमण के मामलों में भी तेजी से इजाफा हुआ है. डॉक्टर्स की भाषा में मौसम परिवर्तन के साथ होने वाली आंखों से जुड़ी समस्या को कंजेक्टिवाइटिस कहा जाता है, जिसे पिंक आई के रूप में भी जाना जाता है.

कंजेक्टिवाइटिस में आंखों का सफेद भाग गुलाबी या लाल होने लगता है. ऐसे में अगर किसी को यह समस्या हो गई है तो आखिर ऐसे रोगियों को क्या करना चाहिए. पिंक आई वाले फैक्टर्स क्या हैं, कैसे बचाव करें इसके बारे में ईटीवी भारत ने मेरठ के लाला लाजपत राय मेडिकल कॉलेज के नेत्र चिकित्सक लोकेश कुमार सिंह से खास बातचीत की.

Conjunctivitis को कैसे पहचानें
Conjunctivitis को कैसे पहचानें

डॉ. लोकेश कुमार सिंह कहते हैं कि बारिश के बाद आंखों के संक्रमण के मामले बढ़ जाते हैं और वही मामले इन दिनों ज्यादा देखने को मिल रहे हैं. लोगों की आंखें इन दिनों काफी लाल हो रही हैं, आंखों से पानी निकल रहा है, आंखें चिपक रही हैं, आंखों में दर्द है, आंखों में चुभन है. इस समस्या से बचने के लिए सबसे पहले तो उन लोगों के संपर्क में आनें से बचें जिनकी आंखें लाल हैं. अपनी आंखों को बार-बार सादे पानी से धोते रहें. अपनी आंखों को कम से कम हाथ लगाएं. जब भी घर के बाहर निकलें तो काला चश्मा या कोई भी डार्क कलरफुल चश्मा लगाकर ही निकलें.

न बनें खुद से डॉक्टर, परामर्श जरूरीः डॉ. लोकेश बताते हैं कि ये हमारे देश में थोड़ा सा परेशानी का विषय है कि हम लोग किसी भी संक्रमण या बीमारी के बाद खुद से ही डॉक्टर बन जाते हैं और बिना किसी डॉक्टरी परामर्श के मेडिकल स्टोर से दवा लेकर अपने उपयोग में ले लेते हैं. इस मामले (eye flu) में ऐसा न करें. बिना डॉक्टरी सलाह के दवाई न लें. डॉक्टर से परामर्श के बाद ही आंखों में दवाई का उपयोग करें.

ठीक होने में लग सकते हैं दो से तीन हफ्तेः नेत्र चिकित्सक डॉ. लोकेश कुमार सिंह कहते हैं कि घबराने की जरूरत आई फ्लू के मरीजों को बिल्कुल नहीं है. डॉक्टर के परामर्श के बाद नियमित दवाई डालने से दस से 12 दिन में ये बिल्कुल ठीक हो जाता है. कई बार अधिक समय भी लग सकता है. लेकिन, इसमें घबराने की जरूरत नहीं है.

गलत दवाई पहुंचा सकती है नुकसानः अगर आप आंख में गलत दवाई डाल लेते हैं तो संक्रमण आपकी आंख की पुतली को भी प्रभावित कर लेता है. ऐसे में आपको दिखना कम हो सकता है. फिलहाल जिनकी आंखों में चुभन ही रही है, ऐसे मरीजों की संख्या एक दम से ज्यादा हो गई है. अकेले मेरठ में लाल लाजपत राय मेडिकल कॉलेज की ही बात करें तो यहां हर दिन सेंकड़ों की संख्या में नेत्र विकार से ग्रसित मरीज पहुंचते हैं, जिनमें लगभग 100 मरीज ऐसे होते हैं जो पिंक आई या आई फ्लू समस्या से ग्रसित हैं.

ये भी पढ़ेंः स्वास्थ्य महानिदेशक सहित 28 स्वास्थ्य अधिकारी हुए सेवानिवृत्त, देखिए पूरी लिस्ट

आंखों की बीमारी पर संवाददाता श्रीपाल तेवतिया की खास रिपोर्ट

मेरठ: Body:इन दिनों बारिश का सीजन चल रहा है. लेकिन, पलभर में मौसम करवट बदल देता है. बारिश के बाद कहीं तेज धूप हो जाती है और उससे उमस बढ़ जाती है. इस बदलाव के कारण आखों के संक्रमण के मामलों में भी तेजी से इजाफा हुआ है. डॉक्टर्स की भाषा में मौसम परिवर्तन के साथ होने वाली आंखों से जुड़ी समस्या को कंजेक्टिवाइटिस कहा जाता है, जिसे पिंक आई के रूप में भी जाना जाता है.

कंजेक्टिवाइटिस में आंखों का सफेद भाग गुलाबी या लाल होने लगता है. ऐसे में अगर किसी को यह समस्या हो गई है तो आखिर ऐसे रोगियों को क्या करना चाहिए. पिंक आई वाले फैक्टर्स क्या हैं, कैसे बचाव करें इसके बारे में ईटीवी भारत ने मेरठ के लाला लाजपत राय मेडिकल कॉलेज के नेत्र चिकित्सक लोकेश कुमार सिंह से खास बातचीत की.

Conjunctivitis को कैसे पहचानें
Conjunctivitis को कैसे पहचानें

डॉ. लोकेश कुमार सिंह कहते हैं कि बारिश के बाद आंखों के संक्रमण के मामले बढ़ जाते हैं और वही मामले इन दिनों ज्यादा देखने को मिल रहे हैं. लोगों की आंखें इन दिनों काफी लाल हो रही हैं, आंखों से पानी निकल रहा है, आंखें चिपक रही हैं, आंखों में दर्द है, आंखों में चुभन है. इस समस्या से बचने के लिए सबसे पहले तो उन लोगों के संपर्क में आनें से बचें जिनकी आंखें लाल हैं. अपनी आंखों को बार-बार सादे पानी से धोते रहें. अपनी आंखों को कम से कम हाथ लगाएं. जब भी घर के बाहर निकलें तो काला चश्मा या कोई भी डार्क कलरफुल चश्मा लगाकर ही निकलें.

न बनें खुद से डॉक्टर, परामर्श जरूरीः डॉ. लोकेश बताते हैं कि ये हमारे देश में थोड़ा सा परेशानी का विषय है कि हम लोग किसी भी संक्रमण या बीमारी के बाद खुद से ही डॉक्टर बन जाते हैं और बिना किसी डॉक्टरी परामर्श के मेडिकल स्टोर से दवा लेकर अपने उपयोग में ले लेते हैं. इस मामले (eye flu) में ऐसा न करें. बिना डॉक्टरी सलाह के दवाई न लें. डॉक्टर से परामर्श के बाद ही आंखों में दवाई का उपयोग करें.

ठीक होने में लग सकते हैं दो से तीन हफ्तेः नेत्र चिकित्सक डॉ. लोकेश कुमार सिंह कहते हैं कि घबराने की जरूरत आई फ्लू के मरीजों को बिल्कुल नहीं है. डॉक्टर के परामर्श के बाद नियमित दवाई डालने से दस से 12 दिन में ये बिल्कुल ठीक हो जाता है. कई बार अधिक समय भी लग सकता है. लेकिन, इसमें घबराने की जरूरत नहीं है.

गलत दवाई पहुंचा सकती है नुकसानः अगर आप आंख में गलत दवाई डाल लेते हैं तो संक्रमण आपकी आंख की पुतली को भी प्रभावित कर लेता है. ऐसे में आपको दिखना कम हो सकता है. फिलहाल जिनकी आंखों में चुभन ही रही है, ऐसे मरीजों की संख्या एक दम से ज्यादा हो गई है. अकेले मेरठ में लाल लाजपत राय मेडिकल कॉलेज की ही बात करें तो यहां हर दिन सेंकड़ों की संख्या में नेत्र विकार से ग्रसित मरीज पहुंचते हैं, जिनमें लगभग 100 मरीज ऐसे होते हैं जो पिंक आई या आई फ्लू समस्या से ग्रसित हैं.

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