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मेरठ: हॉकी संघ के संयुक्त सचिव बोले, खिलाड़ियों को मिलें दूसरे खेलों की तरह सुविधाएं

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Published : Sep 19, 2019, 10:57 AM IST

उत्तर प्रदेश के मेरठ में हॉकी संघ के पदाधिकारियों ने नाराजगी जताते हुए कहा कि राष्ट्रीय खेल हॉकी को अन्य खेलों की तरह सुविधाएं सरकार नहीं दे रही है. इन्ही कारणों से हमारे देश का राष्ट्रीय खेल विश्व में अपना परचम नहीं लहरा पा रहा है.

राष्ट्रीय खेल हॉकी को नहीं मिल रही सुविधाएं

मेरठ: जिले में हॉकी की उपेक्षा को लेकर हॉकी संघ के पदाधिकारियों ने काफी नाराजगी जताई हैं. पदाधिकारियों का कहना है कि जितनी सुविधाएं दूसरे खेलों को प्रदेश और केंद्र सरकार से मिल रही हैं उतनी सुविधा हॉकी को नहीं मिल रही. इसके कारण हमारे देश का राष्ट्रीय खेल होने के बावजूद भी हॉकी सुविधाओं के मामले में हाशिये पर है.

राष्ट्रीय खेल हॉकी को नहीं मिल रहीं सुविधाएं.
राष्ट्रीय खेलों को सरकार नहीं दे रही सुविधाएं

हॉकी संघ के संयुक्त सचिव एमपी सिंह ने बताया कि राष्ट्रीय खेल होने के बावजूद हॉकी को बढ़ावा देने के लिए पर्याप्त सुविधाएं खिलाड़ियों को नहीं मिल रहीं. सरकार जो घोषणा करती है वह भी पूरी नहीं की जाती है. बसपा सरकार ने यूपी के कई जिलों में हॉकी के लिए एस्ट्रो टर्फ मैदान बनाए जाने की घोषणा की थी. इस घोषणा पर अमल तो हुआ लेकिन काम पूरा नहीं हुआ. मेरठ जिला हो या सहारनपुर जिला हो या कोई अन्य जिला ऐसे तमाम जिले जहां एस्ट्रो टर्फ मैदान बनाए जाने का काम होना था वहां काम पूरा नहीं हुआ है. मेरठ में बजट स्वीकृत हो गया. कुछ पैसा भी मिला लेकिन बजट पूरा न मिलने से मैदान पर एस्ट्रो टर्फ बिछाने का काम पूरा नहीं हुआ.

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सुविधाएं मिलने से विश्व में फहरा सकती है परचम
संयुक्त सचिव का कहना है कि वह खुद हॉकी के नेशनल खिलाड़ी रहे हैं और भारतीय टीम में खेलें हैं इसलिए वह हॉकी के खिलाड़ियों का दर्द समझते हैं. उन्होंने बताया कि यदि हॉकी के खिलाड़ियों को भी दूसरे खेलों की तरह सुविधा और संसाधन मिले तो हमारे देश की हॉकी टीम फिर से विश्व में अपना परचम फहरा सकती है.

घोटालों से खेलों को नहीं मिल रहा बढ़ावा
कैलाश प्रकाश स्टेडियम में एस्टो टर्फ के लिए साढे 5 करोड़ रुपये का बजट स्वीकृत हुआ था. एस्ट्रो टर्फ मैदान बनाने के पीछे मकसद यही है कि खिलाड़ियों को अंतरराष्ट्रीय स्तर की सुविधाएं मिल सकें. इस मैदान के निर्माण के लिए सरकार से पहली किस्त जारी हुई लेकिन उसके बाद दूसरी और तीसरी किस्त मिली ही नहीं. निर्माण शुरू होने पर पहली किस्त से ही न्यूजीलैंड से एस्ट्रो टर्फ भी मंगा लिया गया लेकिन आगे का पैसा रिलीज नहीं होने पर एस्ट्रो टर्फ के बंडल स्टेडियम में ही धूल फांक रहे हैं. हालांकि मंगलवार को इस संबंध में लखनऊ में शासन स्तर पर हुई बैठक में अड़चनें दूर करने की बात कही जा रही है. इस बैठक में क्षेत्रीय क्रीडा अधिकारी आले हैदर मौजूद रहे और बैठक के बाद उम्मीद जताई जा रही है कि जल्द ही रुका हुआ काम शुरू हो जाएगा.

Intro:मेरठ: हाँकी संघ के संयुक्त सचिव बोले खिलाड़ियों को मिले दूसरे खेलों की तरह सुविधाए
मेरठ। हॉकी की उपेक्षा को लेकर हॉकी संघ के पदाधिकारी नाराज हैं पदाधिकारियों का कहना है कि जितनी सुविधाएं दूसरे खेलों को प्रदेश और केंद्र सरकार से मिल रही हैं उतनी सुविधा हॉकी को नहीं मिल रही। हमारे देश का राष्ट्रीय खेल होने के बावजूद हाँकी सुविधाओं के मामले में हाशिये पर है।



Body:उत्तर प्रदेश हॉकी संघ के संयुक्त सचिव एमपी सिंह ने ईटीवी भारत से खास बातचीत में बताया कि राष्ट्रीय खेल होने के बावजूद हॉकी को बढ़ावा देने के लिए पर्याप्त सुविधाएं खिलाड़ियों को नहीं मिल रही। सरकार जो घोषणा करती हैं वह भी पूरी नहीं की जाती। बसपा सरकार ने यूपी के कई जिलों में हाकी के लिए एस्ट्रो टर्फ मैदान बनाए जाने की घोषणा की थी, इस घोषणा पर अमल तो हुआ लेकिन, काम पूरा नहीं हुआ। मेरठ जिला हो, सहारनपुर जिला हो या कोई अन्य जिला। ऐसे तमाम जिले जहां एस्ट्रोटर्फ मैदान बनाए जाने का काम होना था वहां काम पूरा नहीं हुआ है। मेरठ में बजट स्वीकृत हो गया कुछ पैसा भी मिला लेकिन बजट पूरा न मिलने से मैदान पर एस्ट्रो टर्फ बिछाने का काम पूरा नहीं हुआ। संयुक्त सचिव एनपी सिंह का कहना है कि वह खुद हाँकी के नेशनल खिलाड़ी रहे हैं। भारतीय टीम में खेलें हैं, इसलिए वह हॉकी के खिलाड़ियों का दर्द समझते हैं। उन्होंने बताया कि यदि हॉकी के खिलाड़ियों को भी दूसरे खेलों की तरह सुविधा और संसाधन मिले तो हमारे देश की हॉकी टीम फिर से विश्व में अपना परचम फहरा सकती है।




Conclusion:मेरठ में यह है एस्ट्रोटर्फ की स्थिति
मेरठ के कैलाश प्रकाश स्टेडियम में एस्टोटर्फ के लिए साढे 5 करोड़ रुपए का बजट स्वीकृत हुआ था। एस्ट्रोटर्फ मैदान बनाने के पीछे मकसद यही है कि खिलाड़ियों को अंतरराष्ट्रीय स्तर की सुविधाएं मिल सकें। इस मैदान के निर्माण के लिए सरकार से पहली किस्त जारी हुई लेकिन उसके बाद दूसरी और तीसरी किस्त नहीं मिली। निर्माण शुरू होने पर पहली किस्त से ही न्यूजीलैंड से एस्ट्रोटर्फ भी मंगा लिया गया लेकिन आगे का पैसा रिलीज नहीं होने पर एस्टोटर्फ के बंडल स्टेडियम में ही धूल फांक रहे हैं। हालांकि मंगलवार को इस संबंध में लखनऊ में शासन स्तर पर हुई बैठक में अड़चनें दूर करने की बात कही जा रही है। इस बैठक में क्षेत्रीय क्रीडा अधिकारी आले हैदर मौजूद रहे। बैठक के बाद उम्मीद जताई जा रही है कि जल्द ही रुका हुआ काम शुरू हो जाएगा।

बाइट- एनपी सिंह, संयुक्त सचिव प्रदेश हाकी संघ

अजय चौहान
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