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राज्यपाल आनंदी बेन पटेल दीक्षांत समारोह में बोलीं, दहेज मांगने वाले रिश्तों को ठुकराएं बेटियां

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By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Oct 19, 2023, 12:58 PM IST

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चौधरी चरण सिंह विश्वविद्यालय का बुधवार 35वां दीक्षांत समारोह में राज्यपाल आनंदी बेन पटेल (Governor Anandi Ben Patel) ने बतौर मुख्य अतिथि शिरकत की. राज्यपाल ने मेधावी छात्र-छात्राओं को मेडल वितरित कर उनका उत्साह वर्धन किया.

राज्यपाल आनंदी बेन पटेल बोलीं.

मेरठ: पश्चिमी उत्तर प्रदेश के चौधरी चरण सिंह विश्वविद्यालय का बुधवार 35वां दीक्षांत समारोह था. इस मौके पर प्रदेश की राज्यपाल और कुलाधिपति आनंदीबेन पटेल ने कार्यक्रम में बतौर मुख्य अतिथि शिरकत की. यहां राज्यपाल ने मेधावी छात्र-छात्राओं को मेडल वितरित किया. इस मौके पर उन्होंने छात्र-छात्राओं को संबोधित करते हुए उनका उत्साह वर्धन किया. उन्होंने बताया कि किस तरह से जीवन में आगे बढ़ना चाहिए. साथ ही उन्होंने बेटियों से कहा कि कोई भी अगर दहेज मांगे तो ऐसा रिश्ता ठुकरा दें, दहेज मांगने वाले भिखारी के समान हैं .वहीं उन्होंने इंटरव्यू के लिए सभी को टिप्स भी दिए.

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दीक्षांत समारोह में गोल्ड मेडल के साथ छात्राएं.

राज्यपाल ने छात्रा-छात्राओं को दिया गोल्ड मेडल
चौधरी चरण सिंह विश्वविद्यालय का दीक्षांत समारोह में राज्यपाल आनंदी बेन पटेल ने मेधावी छात्र-छात्राओं को प्रमाणपत्र और गोल्ड मेडल देकर सम्मानित किया. खास बात यह है कि इस बार भी बेटियों ने मेडल पाने में विश्वविद्यालय में बाजी मारी है. उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालय के जिन छात्र-छात्राओं को मेडल दिया गया है उनको को वह बधाई देती हैं. विश्वविद्यालय में पढ़ाई करने वाले छात्रों में से महज 36 प्रतिशत छात्र-छात्राएं विश्वविद्यालय और उससे संबद्ध कोलेजों में सफल हुए हैं. जबकि बेटियों की बात करें तो छात्राओं का प्रतिशत एक दम उलट है. यहां विश्वविद्यालय में 63 प्रतिशत छात्राएं उत्तीर्ण हुई हैं.

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चौधरी चरण सिंह विश्वविद्यालय का बुधवार 35वां दीक्षांत समारोह में छात्र-छात्राएं.

200 छात्र-छात्राओं को मिला मेडल
राज्यपाल आनंदी बेन पटेल ने कहा कि लगभग 200 मेडल इस बार मेधावी छात्र-छात्राओं को दिए गए हैं. उनमें 146 छात्राएं हैं जो कि सम्पूर्ण का 72 फीसदी है. उन्होंने कहा कि 72 फीसदी छात्राओं ने गोल्ड मेडल हासिल किया है. छात्राओं ने अपनी मेहनत से माता-पिता का मान बढ़ाया है. राज्यपाल ने कहा कि बेटियां रिकॉर्ड बना रही हैं. वह सभी टॉपर बेटियों को बधाई देती हैं. उन्होंने कहा कि छात्र भी ऐसा काम करें. जिससे विश्व का मान बढ़े.

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छात्राओं को सम्मानित करती राज्यपाल.


विश्वविद्यालयों में है 219 वीं रैंकिंग
राज्यपाल ने कहा कि एशिया रैंकिंग और वर्ल्ड रैंकिंग के लिए उनका प्रयास है. उसके लिए प्रदेश के 11 से 12 विश्वविद्यालयों को मार्गदर्शन दिया जा रहा है. साऊथ एशिया में 4200 विश्वविद्यालय हैं. जिसमें 219 वीं रैंकिंग चौधरी चरण सिंह विश्वविद्यालय की है. इस रैंकिंग से क्या होता है, यह समझना चाहिए. आज रैंकिंग की वजह से ही देश के बाहर के विश्वविद्यालय हमारे साथ समझौता ज्ञापन (MOU) कर रहे हैं. राज्यपाल ने कहा कि पहले कहां विश्वविद्यालय चलते थे. यह भी लोगों को नहीं पता चलता था. जबकि एशिया में 13 हजार विश्वविद्यालय हैं. रैंकिग की दिशा में विश्वविद्यालय ने जिस तरह कदम बढ़ाए हैं. उसके लिए वह सभी को बधाई देती हैं. बता दें कि विश्वविद्यालय को कुछ माह पूर्व ही नेक की तरफ से A++ ग्रेड मिला था. राज्यपाल ने कहा कि बच्चों की प्रगति में सबसे बड़ा स्थान माता-पिता का होता है. उन्होंने कहा कि मेडल जीतकर सभी को अपने माता-पिता का घर जाकर पैर छूना चाहिए.


नवाचार होने से ही होगा विकास
राज्यपाल ने छात्र-छात्राओं को बताया कि पढ़ाई के बाद जब नौकरी के लिए या फिर किसी भी साक्षात्कार के लिए जाना हो तो, छात्रा-छात्राएं दबाव में रहते हैं. जिसकी वजह से फेल हो जाते हैं. उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालयों को सिखाना चाहिए की छात्र-छात्राओं को कैसे इंटरव्यू देना चाहिए. राज्यपाल ने कहा कि जहां भी इंटरव्यू देने छात्र-छात्राएं जा रहे हों. सबसे पहले वहां की समस्या के बारे में जानना जरूरी है. उस कंपनी के बारे में जानना जरूरी है. उन्होंने छात्र-छात्राओं को संबोधित करते हुए कहा कि सैलरी पर ध्यान नहीं देना चाहिए. बल्कि काम पर ध्यान देना चाहिए. जहां काम करके आए हो, वहां जॉब क्यों छोड़ी. वहां की नकारात्मक बात कभी नहीं कहनी चाहिए. छात्र-छात्राओं को सकारात्मक बातें करनी चाहिए न की नकारात्मक बातें.

बेटियों के साथ नहीं होना चाहिए भेदभाव
राज्यपाल ने कहा कि उन्होंने देखा है कि सरकारी विद्यालयों में लड़कियां अधिक पढ़ती हैं. जबकि निजी विद्यालयों में लड़के अधिक पढ़ाई करते हैं. जबकि बेटी को सरकारी स्कूल और बेटे को निजी विद्यालय में भेजने का भेदभाव नहीं होना चाहिए. उन्होंने कहा कि बेटियां अधिक गंभीरता से पढ़ती हैं. क्योंकि बेटों को लगता है कि पिता की इंडस्ट्री है. कम पढ़ेंगे तब भी सेट हो जाएंगे. बेटियों को इसलिए पढ़ना चाहिए कि क्योंकि उन्हें ससुरला जाना है. अगर कोई आपत्ति आती है तो वह आत्मनिर्भर बन सकें. राज्यपाल ने नोयडा की एक घटना का जिक्र करते हुए कहा कि दहेज में स्कूटर की मांग की गई थी. मांग पूरी न होने पर बहू को जहर दे दिया गया. उन्होंने कहा कि जहां दहेज की मांग हो. वहां बोल देना चाहिए कि वह तो भिखारी है. वह इससे शादी नहीं करेंगी. उन्होंने कहा कि उन्होंने कहा कि शिक्षा सदाचार, संस्कृति और प्रेम देती है. साथ ही आगे ले जाना सिखाती है.

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