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प्राकृतिक खेती से बढ़ेगी किसानों की आय और जमीन की गुणवत्ता: गुजरात राज्यपाल

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Published : Jun 29, 2022, 9:13 AM IST

Updated : Jun 29, 2022, 9:44 AM IST

गुजरात के गर्वनर आचार्य देवव्रत मेरठ जिले में स्थित सरदार वल्लभ भाई पटेल कृषि विश्वविद्यालय पहुंचे. जहां उन्होंने बताया कि रासायनिक और जैविक खेती से जमीन बर्बाद हो रही है. अगर प्राकृतिक खेती की जाए तो किसानों की आय भी बढ़ेगी और जमीन की गुणवत्ता भी.

गुजरात राज्यपाल.
गुजरात राज्यपाल.

मेरठ: उत्तर प्रदेश के मेरठ जिले में स्थित सरदार वल्लभ भाई पटेल कृषि विश्वविद्यालय में गुजरात के गर्वनर आचार्य देवव्रत पहुंचे. जहां वे किसानों की आय कई गुना बढ़ाने का मंत्र देते नजर आए. उन्होंने कहा कि रासायनिक और जैविक खेती से जमीन बर्बाद हो रही है. अगर प्राकृतिक खेती की जाए तो किसानों की आय भी बढ़ेगी और जमीन की गुणवत्ता भी.

जानकारी देते गुजरात के राज्यपाल आचार्य देवव्रत.

राज्यपाल ने वैज्ञानिकों को प्राकृतिक खेती के प्रति किसानों को जागरूक करने के लिए कहा. राज्यपाल देवव्रत ने कहा कि किसान गाय के मूत्र और गोबर से अपने खेतों में फिर से सूक्ष्म जीवाश्म पैदा करें और आय 4 गुना तक बढ़ाएं. गुजरात के राज्यपाल ने कहा कि सरकार किसानों के लिए अनेक योजनाएं लाई है. लोगों को स्वास्थ्य वर्धक भोजन मिले और किसानों की आय बढ़े इसका रास्ता केवल प्राकृतिक खेती में नजर आता है.

गुजरात के राज्यपाल आचार्य देवव्रत ने कहा कि देश की जमीन और किसान को प्राकृतिक खेती ही समृद्ध कर सकती है. उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने निर्णय लिया है कि गंगा के किनारे पांच 5 किलोमीटर तक और बुंदेलखंड में प्राकृतिक खेती की शुरुआत कराई जाएगी. राज्यपाल देवव्रत ने कहा कि जितना रासायनिक खेती ग्लोबल वार्मिंग के लिए जिम्मेदार है उतनी ही जैविक खेती भी है. इस संकट की घड़ी में कृषि वैज्ञानिकों को प्राकृतिक खेती के प्रति किसानों को जागरूक करना होगा. प्राकृतिक खेती में जहां लागत कम लगती है वहीं किसानों की आय बढ़ती है.

राज्यपाल आचार्य देवव्रत ने सरदार पटेल कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय के सभागार में आयोजित कार्यक्रम में कहा कि किसानों ने रासायनिक उर्वरकों का प्रयोग करके जमीन के सभी सूक्ष्म जीव खत्म कर दिया है. इसके कारण हमारी भूमि बंजर होती जा रही है. जहां दोगुनी पैदा होने की वजह फसलों की पैदावार आधी रह गई है. किसान गाय के मूत्र और गोबर से अपने खेतों में फिर से सूक्ष्म जीवाश्म पैदा कर सकते हैं. उन्होंने अपने खेतों में पैदा की जा रही फसलों का भी उदाहरण देते हुए कहा कि प्राकृतिक खेती से जहां जमीन बच रही है वहीं किसान की आय 4 गुनी हो रही है.

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Last Updated :Jun 29, 2022, 9:44 AM IST
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