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करेंगे ये पुनीत कार्य तो हार्ट अटैक समेत इन गम्भीर बीमारियों के खतरे से मिलेगी मुक्ति, पढ़िए पूरी खबर

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Published : Apr 28, 2022, 12:56 PM IST

Updated : Apr 28, 2022, 1:09 PM IST

रक्तदान
रक्तदान

डॉक्टरों का कहना है कि अगर आपको गंभीर बीमारियों से छुटकारा पाना है तो रक्तदान करना चाहिए, ईटीवी भारत ने इस संबंध में सीनियर कंसल्टेंट डॉक्टर कौशलेंद्र सिंह से बात की. उनका कहना है कि रक्तदान से हॄदयाघात की संभावना कम हो जाती है.

मेरठ: आमतौर पर देखा जाता है कि कई गम्भीर बीमारियां इंसान को अक्सर घेर लेती हैं, लेकिन कुछ बीमारियों से अगर आप खुद को बचाना चाहते हैं तो आपको उसके बदले में एक पुनित कार्य करना होगा. इस पुनित कार्य से आप किसी को जीवनदान तो दे ही सकते हैं, साथ ही खुद भी लम्बे समय तक सुरक्षित एवं स्वस्थ रह सकते हैं. जी हां, हम बात कर रहे हैं महादान यानी रक्तदान की.

चिकित्सक भी मानते हैं कि जो लोग ब्लड डोनेट समय-समय पर करते रहते हैं, उन लोगों में हृदयाघात समेत और भी कुछ गम्भीर बीमारियों का खतरा बेहद कम हो जाता है. जरूरत के समय पर रक्तदान करके एक इंसान न सिर्फ दूसरे इंसान की जान बचा सकता है, बल्कि वो स्वयं स्वस्थ भी रह सकता है. डॉक्टर्स भी मानते हैं कि जो लोग समय-समय पर रक्त दान करते रहते हैं, ऐसे लोग सामान्य लोगों की तुलना में अधिक स्वस्थ रहते हैं.

रक्तदान महादान

इस बारे में सीनियर कंसल्टेंट डॉक्टर कौशलेंद्र सिंह का कहना है कि रक्तदान महादान है. लोग अब पहले से अधिक जागरूक हुए हैं और पहले से अधिक रक्तदान कर रहे हैं. वे बताते हैं कि हॄदयाघात की संभावना रक्तदान करने से बेहद कम हो जाती है. इतना ही नहीं उनका तो ये भी कहना है कि दिमाग की नस फटने की सम्भावना भी कम हो जाती है. साथ ही बहुत से कैंसर के खतरे भी कम हो जाते हैं. कोलेस्ट्रॉल भी ऐसे लोगों में कम बढ़ता है, जो समय-समय पर रक्तदान करते हैं. डॉक्टर कौशलेंद्र बताते हैं कि जब शुरू-शुरू में कोविड आया तब चीज़ें बदल गई थीं. लोगों में भय का माहौल था, लेकिन फिर धीरे-धीरे लोग जागरूक हुए और अब तो लोग बड़ी संख्या में ब्लड डोनेट करते हैं.

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ईटीवी भारत ने कुछ ऐसे डोनर्स से भी बात की जोकि अनेकों बार रक्तदान कर चुके हैं. मेरठ जिले के ही सुनील प्रताप 50 वर्ष से ज्यादा के हैं, लेकिन 25 साल की उम्र से रक्तदान करते आ रहे हैं. वो अब तक 82 बार रक्तदान कर चुके हैं. उनका कहना है कि रक्तदान करने से उन्हें सुकून तो मिलता ही है, साथ ही वे अच्छा महसूस भी करते हैं. उन्होंने बताया कि उन्हें याद ही नहीं है कि वे कभी बीमार भी हुए थे.

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Last Updated :Apr 28, 2022, 1:09 PM IST
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