मेरठ: तमाम सियासी अटकलों के बीच भारतीय किसान यूनियन ने स्पष्ट कर दिया है कि वह उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव नहीं लड़ने वाली है. भारतीय किसान यूनियन के मुखिया नरेश टिकैत के बेटे और किसान नेता गौरव टिकैत ने कहा कि हम इस बार विधानसभा का चुनाव नहीं लड़ेंगे. इससे पूर्व ये कयास लगाए जा रहे थे कि पश्चिम बंगाल समेत तमाम चुनाव वाले राज्यों में भाजपा के खिलाफ प्रचार करनेवाली भाकियू अपने गृह राज्य उत्तर प्रदेश में विधानसभा का चुनाव लड़ेगी. ज्ञात हो कि राकेश टिकैत पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव के दौरान खुले आम चुनाव प्रचार कर रहे थे.
गौरव टिकैत ने यह बात गाजीपुर बॉर्डर पर 26 जून को होने वाली किसान महापंचायत के लिए मेरठ से कूच करने के दौरान कही. गौरतलब है कि नए कृषि कानून के खिलाफ भारतीय किसान यूनियन अपना प्रदर्शन फिर से उग्र करने जा रही है और इसके लिए फिर से ट्रैक्टर रैली निकाली जाएगी. इससे पहले गणतंत्र दिवस वाले दिन भी ट्रैक्टर रैली निकाली गई थी जोकि काफी हिंसक रूप ले चुकी थी. दिल्ली के आईटीओ, लालकिला, टिकरी, मुकरबा चौक समेत पूरी दिल्ली में हिंसक आंदोलन किए गए थे. जिसके बाद राकेश टिकैत के साथ जुड़े कई संगठनों ने अपने हाथ पीछे खींच लिए थे. एक समय यह आंदोलन खत्म माना जा रहा था, लेकिन गाजीपुर बॉर्डर पर किसानों को संबोधित करते हुए राकेश टिकैत ने कानून वापस नहीं होने पर अपनी जान दे देने की बात कही थी. उसके बाद यह आंदोलन फिर से जोर पकड़ा और दिल्ली के उत्तर प्रदेश और हरियाणा बॉर्डर पर आज भी किसान नए कृषि कानून के खिलाफ धरने पर बैठे हुए हैं. इनमें कुछ किसानों ने आत्महत्या भी कर ली. तो सैकड़ों किसान वापस अपने घर लौट गए. ऐसे में 26 जून को होनेवाली ट्रैक्टर रैली आंदोलन की मजबूती ही नहीं बल्कि राकेश टिकैत के शक्ति प्रदर्शन को भी दिखाएगी.
रही बात यूपी विधानसभा चुनाव की तो भाकियू भले ही चुनाव न लड़े, लेकिन भाजपा को नुकसान पहुंचाने की हर संभव कोशिश करेगी. खासकर पश्चिमी उत्तर प्रदेश में इसका(भाकियू) ज्यादा प्रभाव पड़ सकता है.
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