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मऊ: जीएसटी पोर्टल की खराब व्यवस्था से नाराज अधिवक्ताओं ने दी आन्दोलन की चेतावनी

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Published : Feb 6, 2020, 7:47 PM IST

मऊ जिले में जीएसटीआर-9 और 9-C की प्रस्तुति में लेट फीस के सम्बन्ध में अधिवक्ताओं ने विरोध प्रदर्शन किया. साथ ही उन्होंने कहा कि अगर हमारी मांग पूरी नहीं की गई तो हम इससे बड़े आन्दोलन करने के लिए बाध्य होंगे.

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अधिवक्ताओं प्रदर्शन.

मऊ: जिले में वर्ष 2017-18 के जीएसटीआर-9 और 9-C की प्रस्तुति में लेट फीस के सम्बन्ध में अधिवक्ताओं विरोध पत्र दिया. साथ ही वैट के लम्बित वादों के निस्तारण का बहिष्कार कर टैक्स बार एसोसिएसन के अधिवक्ताओं ने वाणिज्य कर विभाग कार्यालय परिसर में प्रदर्सन किया. प्रदर्शनकारियों ने मांग पूरा नहीं होने पर आन्दोलन की चेतावनी भी दी.

अधिवक्ताओं ने बताया कि जीएसटी पोर्टल की अक्षमता के कारण जनवरी के अन्तिम सप्ताह से ही उक्त वर्ष की जीएसटीआर-9 और 9-C की फिलिंग नहीं हो पा रही थी. प्रत्येक क्षेत्र से आग्रह अनुरोध के आधार पर सीबीआईसी द्वारा उत्तर प्रदेश में 31 जनवरी से बढ़ाकर 7 फरवरी की गई. अधिसूचना द्वारा कल यह तिथि 5 फरवरी निर्धारित की गई थी.

अधिवक्ताओं प्रदर्शन.

1 फरवरी को पोर्टल सर्वर खराब हो गया, जिससे कोई भी कार्य नहीं हो सका. 4 फरवरी से ही लेटफीस चार्ज होने लगा है. यह राशि भी नियमानुसार न होकर अनाप-शनाप लग रहा है. सात हजार का सात हजार दो सौ रुपया लग रहा है. ऐसी स्थिति में व्यापारियों के कर अधिवक्ताओं के लिए कार्य करना वार्षिक विवरण प्रस्तुत करना मुश्किल हो गया है.

अधिवक्ताओं का कहना है कि अगर जल्द से जल्द सुधार नहीं किया गया और फार्म भरने की तारीख 31 मार्च तक नहीं किया गया तो व्यापारी करदाता अधिवक्ता लम्बित वादों का निस्तारण नहीं कराएंगे, न ही होने देंगे. साथ ही पूरे प्रदेश में आंदोलन करने को विवश होंगे.


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Intro:मऊ - जिले में वर्ष 2017-18 के जीएसटी आर नाइन और नाइन सी की प्रस्तुति में लेट फीस के सम्बन्ध में विरोध पत्र और वैट के लम्बित वादों के निस्तारण का बहिष्कार कर ट्रैक्स बार एसोसिएसन के अधिवक्ताओं ने वाणिज्य कर विभाग कार्य़ालय परिसर में प्रदर्सन किया। साथ ही मांग पुरा नही होने पर आन्दोलन की चेतावनी दिया।Body:अधिवक्ताओं ने बताया की जीएसटी पोर्टल की अक्षमता के कारण जनवरी के अन्तिम सप्ताह से ही उक्त वर्ष की जीएसटी आर नाईन और नाइन सी की प्रस्तुती नही हो पा रहा था। प्रत्येक क्षेत्र से आग्रह अनुरोध के आधार पर सीबीआईसी द्वारा उत्तर प्रदेश में 31 जनवरी से बढाकर 7 फरवरी की गयी। अधिसूचना द्वारा कल यह तिथि 5 फरवरी निर्दारित की गयी। 1 फरवरी को पोर्टल सरबर मृत हो गया। कोई भी कार्य न हो सका। 4 फरवरी से ही लेटफीस चार्ज होने लगा है। यह राशि भी नियमानुसार न होकर अनाप शनाप लग रहा है। सात हजार का सात हजार दो सौ रुपया लग रहा है। ऐसी स्थिति में व्यापारियों के कर अधिवक्ताओं के लिए कार्य़ करना वार्षिक विवरण प्रस्तुत करना मुश्किल हो गया है।Conclusion:इस लिए अगर जल्द से जल्द सुधार नही किया गया और फार्म भरने की तारीख 31 मार्च तक नही किया गया तो व्यापारी कर दाता कर अधिवक्ता लम्बित वादों का निस्तारण नही करायेगे, न ही होने देगे। साथ ही पुरे प्रदेश में आंदोलन करने के विवश होगे।

वाइट-1- अमरेश सिहं (अधिवक्ता)

वेद मिश्रा, मऊ - 9415219385
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