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श्रीकृष्ण जन्मभूमि-शाही ईदगाह विवाद: सुप्रीम कोर्ट ने कहा, यह स्वीकार करना कठिन है कि पक्षकारों के पास हाई कोर्ट जाने के लिए साधन नहीं

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By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Nov 10, 2023, 7:35 AM IST

Updated : Nov 10, 2023, 7:47 PM IST

मथुरा के श्रीकृष्ण जन्मभूमि और शाही ईदगाह विवाद मामले में सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई (Shri Krishna Janmabhoomi case hearing in Supreme Court) हुई. सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने अहम टिप्पणी की.

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नई दिल्लीः मथुरा के श्रीकृष्ण जन्मभूमि और शाही ईदगाह विवाद मामले की शुक्रवार को सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई. सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने टिप्पणी की कि मथुरा में शाही मस्जिद ईदगाह की प्रबंधन समिति द्वारा दिया गया यह तर्क गले के नीचे नहीं उतरता कि सभी पक्षों के पास इलाहाबाद उच्‍च न्‍यायालय जाने के लिए साधन नहीं हैं.

न्यायमूर्ति एस.के. कौल की अध्यक्षता वाली पीठ ने मई में इलाहाबाद उच्च न्यायालय द्वारा पारित एक आदेश के खिलाफ मस्जिद प्रबंधन समिति द्वारा दायर याचिका पर सुनवाई के दौरान यह टिप्‍पणी की. पीठ ने कृष्ण जन्मभूमि-शाही ईदगाह विवाद के संबंध में विभिन्न राहतों की मांग करने वाली याचिकाओं का एक समूह अपने पास स्थानांतरित कर लिया. पीठ में न्यायमूर्ति सुधांशु धूलिया और न्यायमूर्ति अहसानुद्दीन अमानुल्ला भी शामिल हैं. पीठ ने कहा, "यह हमें स्वीकार्य नहीं है कि आप दिल्ली आ सकते हैं, लेकिन इलाहाबाद नहीं जा सकते."

9 जनवरी तक सुनवाई स्थगितः जब मस्जिद समिति की ओर से पेश वकील ने बताया कि इलाहाबाद और मथुरा के बीच की दूरी है 600 किमी है, लेकिन मथुरा से दिल्ली की दूरी लगभग 100 किमी है. इस पर शीर्ष अदालत ने कहा कि दिल्ली की अदालतें पहले से ही काम के बोझ से दबी हुई हैं और किसी अन्य राज्य से उत्पन्न मुद्दे को राष्ट्रीय राजधानी में स्थानांतरित करना "उचित" नहीं होगा. सुप्रीम कोर्ट ने इलाहाबाद उच्च न्यायालय को उन सिविल मुकदमों की सुनवाई से रोकने वाला कोई भी आदेश पारित करने से इनकार कर दिया. जिन्हें उसने अपने पास स्थानांतरित कर लिया था और सुनवाई 9 जनवरी तक के लिए स्थगित कर दी. इस बीच, पक्षकारों से तीन पृष्ठों से अधिक का संक्षिप्त सारांश दाखिल करने को कहा.

16 सिविल मुकदमे हाईकोर्ट में स्थानांतरितः वहीं, शीर्ष अदालत के समक्ष दायर एक हलफनामे में रजिस्ट्रार जनरल ने बताया कि मथुरा जिला न्यायाधीश द्वारा कुल 16 सिविल मुकदमों को इलाहाबाद उच्च न्यायालय में स्थानांतरित कर दिया गया है. मस्जिद प्रबंधन समिति द्वारा दायर विशेष अनुमति याचिका में कहा गया है कि हाई कोर्ट द्वारा मुकदमों को अपने पास स्थानांतरित करके पार्टियों को उनके अपीलीय क्षेत्राधिकार से वंचित किया गया है और सभी पक्षों के पास उच्च न्यायालय तक जाने का साधन नहीं है. पिछली सुनवाई में शीर्ष अदालत ने राय दी थी कि देरी और बार-बार एक ही कार्यवाही से बचने के लिए यदि मामले की सुनवाई होई कोर्ट द्वारा ही की जाए तो यह एक बेहतर विकल्प होगा. पीठ ने रजिस्ट्रार जनरल से उन सभी लंबित मुकदमों की जानकारी मांगी जिन्हें उच्च न्यायालय ने एक साथ जोड़ने और अपने पास स्थानांतरित करने का आदेश दिया था.

हाईकोर्ट के आदेश को दी है चुनौतीः गौरतलब है कि हिंदू भक्तों ने इलाहाबाद उच्च न्यायालय के समक्ष अपनी स्थानांतरण याचिका में कहा था कि मथुरा में कृष्ण जन्मभूमि मामला राष्ट्रीय महत्व रखता है और इसकी सुनवाई उच्च न्यायालय में होनी चाहिए. इसके बाद हाईकोर्ट ने मथुरा की निचली अदालत में चल रहे मामलों को अपने पास स्‍थानांतरित कर लिया है. कृष्ण जन्मभूमि-शाही ईदगाह विवाद में मथुरा की विभिन्न अदालतों में कई मुकदमे दायर किए गए थे, जिसमें एक आम दावा था कि ईदगाह परिसर उस भूमि पर बनाया गया है जिसे भगवान कृष्ण का जन्मस्थान माना जाता है और जहां पहले से एक मंदिर मौजूद था.

(आईएएनएस)

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Last Updated : Nov 10, 2023, 7:47 PM IST
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