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कान्हा का काज कियो, 'अल्लाह' का नाम लेके... देश-परदेश सब जान गयो

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Published : Aug 8, 2021, 5:37 PM IST

कान्हा की नगरी मथुरा में कारीगर भाईचारे की मिसाल कायम कर रहे हैं. यहां हिंदु-मुस्लिम कारीगर मिलकर ठाकुरजी की आकर्षक और सुंदर पोशाक तैयार करते हैं, जिसकी विदेशों तक डिमांड है.

मथुरा में हिंदू-मुस्लिम कारीगर मिलकर बनाते हैं ठाकुरजी का पोशाक.
मथुरा में हिंदू-मुस्लिम कारीगर मिलकर बनाते हैं ठाकुरजी का पोशाक.

मथुराः कान्हा की नगरी में जन्माष्टमी से पहले तैयारियां शुरू हो चुकी हैं. यहां ठाकुरजी के लिए मनमोहक और सुंदर पोशाकें तैयार की जा रही हैं. जो मथुरा के साथ ही देश-विदेश में कान्हा को धारण कराई जाएंगी. खास बात यह है कि ठाकुरजी के पोशाकें हिंदू-मुस्लिम भाई मिलकर तैयार कर रहे हैं. हिंदू के साथ मुस्लिम कारीगर भी उसी तन्मयता से ठाकुरजी को पोशाक बनाते हैं, जो एक भाईचारे की मिसाल है. इन कारीगरों द्वारा बनाई पोशाक देश ही नहीं विदेशों में भी सप्लाई की जाती है. यहां तक कि एशिया के सबसे बड़े उद्योगपति मुकेश अंबानी के घर पर विराजमान ठाकुरजी की पोशाक भी इन्हीं कारीगरों द्वारा तैयार की जाती है.

मथुरा में हिंदू-मुस्लिम कारीगर मिलकर बनाते हैं ठाकुरजी का पोशाक.


विदेश तक सप्लाई होती हैं पोशाकें
शहर के डींग गेट क्षेत्र अर्जुनपुरा इलाके में हिंदू और मुस्लिम भाईचारे का प्रेम रखते हुए ठाकुरजी के लिए भव्य और सुंदर आकर्षक दिखने वाली पोशाके तैयार की जा रही हैं. इस कारखाने में 10 से 15 युवक कई वर्षों से ठाकुरजी के लिए पोशाकें बनाते हैं. पोशाक बनाते समय विशेष ध्यान रखा जाता है कि पोशाक सुंदर और आकर्षक बने. जिससे ग्राहक को एक बार ही देखने पर यह पोशाक पसंद आ जाए. मथुरा में बनी हुई पोशाक अमेरिका, इंग्लैंड, फ्रांस, जापान, नेपाल, थाईलैंड और इंडोनेशिया तक सप्लाई की जाती है. हर साल कारीगर ठाकुरजी के लिए अद्भुत, अनोखी और सुंदर दिखने वाली पोशाके तैयार करते हैं.

कई पीढ़ियों से बना रहे पोशाक
बता दें कि मथुरा और वृंदावन में ठाकुर जी के लिए पोशाक बनाने का काम कई पीढ़ियों से चला आ रहा है. बड़े-बड़े कारखाने और अपने घरों में ठाकुरजी के लिए छोटे से लेकर विशाल ठाकुरजी के लिए पोशाकें बनाई जाती हैं. छोटे कारीगर भी अपने घरों पर कच्चा माल ले जाकर घंटों मेहनत करके अच्छी पोशाक तैयार करते हैं.

20 वर्षों से बना रहा हूं पोशाक
कारीगर राकेश ने बताया कि ठाकुरजी के लिए पोशाक बनाने का काम पिछले 20 वर्षों से करता आ रहा हूं. मेरे कारखाने से बने ठाकुरजी के लिए पोशाक विदेशों तक सप्लाई होती है. देश के सबसे बड़े उद्योगपति मुकेश अंबानी के घर पर विराजमान ठाकुरजी के लिए पोशाक भी यहीं पर तैयार होती है. उन्होंने बताया कि एक पोशाक तैयार करने में 4 से 5 दिन लग जाते हैं. प्रतिदिन 12 कारीगर पोशाक बनाते हैं.

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4 से 5 दिन में तैयार होती है एक पोशाक
मोहम्मद कादिर उस्ताद ने बताया ठाकुरजी की पोशाक बनाने का काम पिछले कई पीढ़ियों से करते आ रहे हैं. हम लोग द्वारा बनाई गई पोशाक श्रीकृष्ण जन्मभूमि, द्वारकाधीश और बांके बिहारी मंदिर में ठाकुरजी को धारण कराई जाती है. यहां से तैयार होकर पोशाक वृंदावन एक्सपोर्ट के माध्यम से विदेशों में सप्लाई की जाती है. कारीगर शाहरुख ने बताया एक पोशाक तैयार करने के लिए 4 से 5 दिन लगते हैं. उन्होंने बताया कि जितनी अच्छी पोशाक होती है उतना ही ज्यादा समय लग जाता है. पोशाक बनाने का महीन काम होता है. जरी, छोटे मोती और सिलाई-कढ़ाई के बाद ठाकुरजी की एक पोशाक तैयार होती है.

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