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मथुरा: बाल गृह सदन में मासूमों का हो रहा शोषण, निरीक्षण में सामने आई हकीकत

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Published : Sep 3, 2019, 9:23 AM IST

उत्तर प्रदेश के मथुरा में राज्य बाल संरक्षण अधिकार आयोग की टीम ने बाल शिशु सदन का निरीक्षण किया. इस दौरान सदन में बच्चों को लेकर भारी लापरवाही और अनियमितताएं सामने आयी हैं.

बाल संरक्षण आयोग की टीम ने बाल शिशु सदन का किया निरीक्षण.

मथुरा: राज्य बाल संरक्षण आयोग की टीम ने राजकीय बाल शिशु सदन पहुंचकर निरीक्षण किया. इस दौरान सदन में भारी लापरवाही और अनियमितताएं पायी गईं. बच्चों के लिए आ रहा पैसा और सामग्री संबंधित अधिकारी और कर्मचारी डकार रहे हैं. बच्चों को किसी प्रकार की कोई सुविधाएं मुहैया नहीं कराई जा रही है.

बाल संरक्षण आयोग की टीम ने बाल शिशु सदन का किया निरीक्षण.

हर साल दिए जाते हैं 24 लाख रुपये

  • राजकीय बाल संरक्षण गृह को हर साल करीब 24 लाख रुपये दिए जाते हैं.
  • शिशु सदन में करीब 50 बच्चे हैं. प्रत्येक बच्चे पर हर महीने 4 हजार रुपये खर्च के लिए होते हैं.
  • निरीक्षण के दौरान भारी लापरवाही और अनियमितताएं सामने आई हैं.
  • दवाइयां, पाउडर, कपड़े-जूते और अन्य सामान भारी मात्रा में स्टॉक में रखा हैं.
  • कर्मचारी बच्चों को प्रयोग के लिए नहीं देते हैं.
  • बच्चों को एक्सपायरी डेट के पाउडर लगाए जा रहे हैं.
  • मेन्यू के हिसाब से खाना भी नहीं दिया जाता है.

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निरीक्षण के दौरान काफी अनियमितताएं मिली हैं. जिनकी जांच की जा रही है. पूरी रिपोर्ट मुख्यमंत्री को प्रेषित की जाएगी.
-विशेष गुप्ता, अध्यक्ष, राज्य बाल अधिकार संरक्षण आयोग

Intro:प्रदेश अध्यक्ष विशेष गुप्ता के नेतृत्व में पहुंची राज्य बाल संरक्षण आयोग की टीम ने गहनता से राजकीय बाल शिशु सदन मथुरा की जांच की .टीम ने पाया कि 2 बच्चों की मौत के बाद भी विभाग नहीं चेता है, शिशु सदन में संबंधित अधिकारी व कर्मचारियों द्वारा बच्चों के साथ लापरवाही बरती जा रही है. बच्चों के लिए आ रहा पैसा व सामग्री संबंधित अधिकारी व कर्मचारी डकार रहे हैं. बच्चों को किसी प्रकार की कोई सुविधाएं मुहैया नहीं कराई जा रही है.


Body:राजकीय बाल संरक्षण गृह को हर साल करीब 24 लाख की सरकार की ओर से आर्थिक मदद दी जा रही है. इस समय शिशु सदन में करीब 50 बच्चे हैं प्रत्येक बच्चे पर हर महीने 4 हजार रुपे सरकार की ओर से सदन को अनुदान दिया जा रहा है. इस हिसाब से करीब 24 लाख रुपए सालाना खर्च आ रहा है. लेकिन निरीक्षण में कई चौकाने वाली कमियों के साथ भारी लापरवाही और अनियमितताएं सामने आई है .निरीक्षण के दौरान बच्चों की दवाइयां ,पाउडर ,अंडर गारमेंट, जूते कपड़े व अन्य उपयोगी वस्तु भारी मात्रा में स्टॉक में रखी होने के बावजूद, राजकीय बाल शिशु सदन के कर्मचारियों ने आज तक बच्चों को प्रयोग करने के लिए नहीं दी है .वहीं बच्चों को एक्सपायरी डेट के पाउडर लगाई जा रहे थे. बच्चों के साथ संबंधित कर्मचारी व अधिकारी शोषण कर रहे हैं मैन्यू के हिसाब से भी बच्चों को खाना नहीं दिया जाता.


Conclusion:उत्तर प्रदेश राज्य बाल अधिकार संरक्षण आयोग के अध्यक्ष विशेष गुप्ता ने बताया कि यहां काफी अनियमितताएं मिली है. जिनकी जांच की जा रही है .और पूरी रिपोर्ट मुख्यमंत्री महोदय को प्रेषित की जाएगी ,जिस पर कड़ी कार्यवाही करवाई जाएगी. राजकीय बाल शिशु सदन में भारी लापरवाही और अनियमितताएं मिली है .बच्चों के साथ संबंधित अधिकारी व कर्मचारियों द्वारा लापरवाही बरती जा रही है. बच्चों के लिए आने वाली सामग्री व पैसा संबंधित अधिकारी व कर्मचारी डकार रहे हैं.
बाइट- राज्य बाल अधिकार संरक्षण आयोग के अध्यक्ष विशेष गुप्ता
स्ट्रिंगर मथुरा
राहुल खरे
mb-9897000608
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