स्कूल में अनुसूचित जाति के बच्चे धोते थे बर्तन, खुलासा होने पर प्रधानाध्यापिका निलंबित

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Published : Sep 28, 2021, 12:19 PM IST

स्कूल में बच्चों के साथ भेदभाव.

मैनपुरी जिले के बेबर ब्लॉक के अंर्तगत दौदापुर परिषदीय विद्यालय में छात्रों के साथ जातिगत भेदभाव करने का सामने आया है. मामला जांच में सही पाए जाने पर प्रधानाध्यापिका को निलंबित कर दिया गया और दो रसोईया बर्खास्त कर दी गईं हैं.

मैनपुरी: देश को आजाद हुए 74 साल का समय बीतने के बाद भी आज देश जातिवाद के चंगुल से मुक्त नहीं हो पाया है, जबकि संविधान में नागरिकों के प्रति किसी क्षेत्र में भेदभाव नहीं किए जाने की बात कही गई है. छात्रों के साथ जातिगत भेदभाव करने का मामला जिले के बेबर ब्लॉक के अंर्तगत दौदापुर परिषदीय विद्यालय में सामने आया है. विद्यालय में अनसूचित जाति के छात्रों व सामान्य जाति के छात्रों के बर्तन अलग अलग रखने और मिड-डे मील वितरण में भेदभाव करने का मामला सामने आया है.

ग्राम प्रधान पति साहब सिंह ने मामले की शिकायत उच्चाधिकारियों से की. इस मामले की जांच सीडीओ को सौंपी गई है. सीडीओ ने मामले की जांच कर रिपोर्ट डीएम को सौंप दी है. छात्रों से भेदभाव करने के मामले में दो रसोइया बर्खास्त कर दी गईं हैं, जबकि प्रधानाध्यापिका को लापरवाही के आरोप में निलंबित कर दिया गया है. साथ ही कायाकल्प के तहत काम पूरा न होने पर ग्राम प्रधान को भी जांच टीम ने नोटिस दिया है.

स्कूल में बच्चों के साथ भेदभाव.
बेबर ब्लॉक खंड के अंर्तगत आने वाले परिषदीय विद्यालय दौदापुर में करीब 80 छात्र पढ़ते है. इसमें करीब 60 छात्र अनसूचित जाति के हैं. गरिमा राजपूत विद्यालय में प्राधानाचार्य के पद पर तैनात थीं. विद्यालय में अनुसूचित जाति के छात्रों के साथ भेदभाव का मामला सामने आया है. मिड-डे मील वितरण के दौरान भी अनुसूचित जाति के छात्रों के साथ भेदभाव किया जाता है. आरोप है कि विद्यालय में अनुसूचित जाति के छात्रों और सामान्य जाति के छात्रों के खाने के बर्तन अलग-अलग रखे जाते है और अनसूचित जाति के छात्रों से जबरन झूठे बर्तन धुलवाए जाते है. जब मामले की जानकारी ग्राम प्रधान मंजू देवी को मिली तो उन्होंने विद्यालय जाकर मामले की जांच-पड़ताल की. मामला सही पाए जाने पर उन्होंने प्रधानाचार्य गरिमा से शिकायत की तो उन्होंने बात को गोलमोल कर टाल दिया. इसके बाद महिला प्रधान ने पति से शिकायत की. प्रधान पति ने उच्चाधिकारियों से शिकायत की.

प्रधान पति ने आरोप लगाया था कि प्रधानाचार्य के दोस्त प्रवीन राजपूत ने कहा था कि यहां सब ऐसा ही चलता है और ऐसा ही चलता रहेगा. सामान्य जाति के छात्रों के बर्तन क्लास रूम में रखे जाते हैं, जबकि अनसूचित जाति के छात्रों के बर्तन किचन में अलग रखे जाते हैं. शिकायत के बाद बाद डीएम महेंद्र बहादुर सिंह ने मामले की जांच सीडीओ को सौंपी थी. सीडीओ विनोद कुमार, परियोजना निदेशक केके सिंह, बीएसए कमल सिंह ने बीते शुक्रवार विद्यालय पहुंचकर मामले की जांच की. इस दौरान टीम ने मध्याह्न भोजन को खुद चखकर देखा. भोजन की खराब क्वालिटी मिलने पर प्रधानाध्यापिका को फटकार भी लगाई.

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सीडीओ की जांच में मिड-डे मिल वितरण में छात्रों के साथ भेदभाव करने का मामला सही पाया गया. जांच में पाया कि विद्यालय में तैनात रसोईया कुछ छात्रों के बर्तन धोने से इनकार करती है और छात्रों से झूठे बर्तन धुलाकर यथास्थान पर रखवाए जाते हैं. इसके बाद दोनों रसोईया को बर्खास्त कर दिया गया. साथ ही प्रधानाध्यापिका को कर्तव्यों के प्रति लापरवाही बरतने के मामले में निलंबित कर दिया गया. जांच के दौरान कायाकल्प के तहत काम पूरा न होने पर ग्राम प्रधान मंजू देवी को नोटिस दिया गया. मामले को लेकर ग्रामीण दो हिस्सों में बंट गए. कुछ ग्रामीण मामले को गलत बताकर प्रधानाध्यापिका और रसोइयों को बहाल करने की मांग कर रहे हैं तो कुछ मामले को सही ठहरा रहे हैं.

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