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बुंदेली समाज ने बुंदेलखंड राज्य बनाने के लिए PM मोदी को खून से लिखा खत

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Published : Nov 1, 2019, 5:32 PM IST

उत्तर प्रदेश के महोबा जिले में बुंदेली समाज ने शुक्रवार को काला दिवस मनाया. इस दौरान उन्होंने अलग बुंदेलखंड राज्य बनाने के लिए पीएम मोदी को खून से खत भी लिखा.

महोबा में बुंदेली समाज के लोगों ने मनाया काला दिवस.

महोबा: बुंदेली समाज द्वारा शुक्रवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को खून से खत लिखकर अलग बुंदेलखंड राज्य की मांग की गई. 1 नवंबर 1956 को ही बुंदेलखंड के दो टुकड़े किए गए थे, जिसमें आधा हिस्सा उत्तर प्रदेश और आधा हिस्सा मध्य प्रदेश में चला गया था. इसी वजह से शुक्रवार का दिन काला दिवस के रूप में मनाया जा रहा है.

बुंदेली समाज के लोगों ने मनाया काला दिवस.

महोबा मुख्यालय के आल्हा चौक में बुंदेली समाज पिछले 492 दिनों से पृथक बुंदेलखंड राज्य की मांग को लेकर अनशन पर बैठा हुआ है. बुंदेली समाज के संयोजक तारा पाटकर कहते हैं कि सन 1947 में जब देश आजाद हुआ था, तब बुंदेलखंड राज्य था और नौगांव उसकी राजधानी हुआ करती थी. चरखारी के रहने वाले कामता प्रसाद सक्सेना मुख्यमंत्री थे, लेकिन 22 मार्च 1948 को बुंदेलखंड का नाम बदलकर विंध्य प्रदेश कर दिया गया और इसमें बघेलखंड को जोड़ दिया गया.

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उन्होंने बताया कि 1 नवंबर 1956 बुंदेलखंड के इतिहास का वह काला दिन है, जब बुंदेलखंड के दो टुकड़े कर दिए गए. आधा हिस्सा उत्तर प्रदेश और आधा हिस्सा मध्य प्रदेश में शामिल कर दिया गया, तभी से बुंदेलखंड दो बड़े राज्यों में बीच में पिस रहा है. इसीलिए आज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को खून से खत लिख कर बुंदेलखंड राज्य की मांग कर रहे हैं.

खून से प्रधानमंत्री को खत इसलिए लिखा गया कि जिस तरह से उन्होंने कश्मीर में धारा 370 हटाकर एक ऐतिहासिक भूल का सुधार किया है, उसी तरह वह बुंदेलखंड राज्य को बनाकर बुंदेलखंड की जनता के साथ न्याय करें.
-अजय बरसैया, अनशनकारी

Intro:एंकर- महोबा जिले में आज बुंदेली समाज द्वारा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को खून से खत लिख कर बुंदेलखंड राज्य की मांग की गई और आज का दिन काला दिवस के रूप में मनाया गया। क्योंकि 1 नवंबर 1956 को ही बुंदेलखंड के दो टुकड़े किए गए थे। जिसमें आधा हिस्सा उत्तर प्रदेश और आधा हिस्सा मध्य प्रदेश में चला गया था। इसी वजह से आज का दिन काला दिवस के रूप में मनाया जा रहा है।


Body:महोबा मुख्यालय के आल्हा चौक में बुंदेली समाज पिछले 492 दिनों से पृथक बुंदेलखंड राज्य की मांग को लेकर अनशन पर बैठा हुआ है। और आज का दिन यानी 1 नवंबर बुंदेलखंड के इतिहास में काला दिवस के रूप में मनाया गया। तारा पाटकर कहते हैं कि सन 1947 में जब देश आजाद हुआ था। तब बुंदेलखंड राज्य था और नौगांव उसकी राजधानी हुआ करती थी। चरखारी के रहने वाले कामता प्रसाद सक्सेना मुख्यमंत्री थे। लेकिन 22 मार्च 1948 को बुंदेलखंड का नाम बदलकर विंध्य प्रदेश कर दिया गया और इसमें बघेलखंड को जोड़ दिया गया 1 नवंबर 1956 बुंदेलखंड के इतिहास का वह काला दिन है। जब बुंदेलखंड के दो टुकड़े कर दिए गए। आधा हिस्सा उत्तर प्रदेश और आधा हिस्सा मध्य प्रदेश में शामिल कर दिया गया। तभी से बुंदेलखंड दो बड़े राज्यों में बीच में पीस रहा है। इसीलिए आज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को खून से खत लिख कर बुंदेलखंड राज्य मांग रहे हैं।

बुंदेली समाज के संयोजक तारा पाटकर कहते है कि आज का दिन बुंदेलखंड के इतिहास का सबसे खराब दिन है। क्योंकि आज के दिन ही बुंदेलखंड को दो हिस्सों में बांट दिया गया था। सन 1956 में आज के दिन ही मध्य प्रदेश का गठन हुआ था। उसके बाद से बुंदेलखंड बराबर पीस रहा है खून से प्रधानमंत्री को खत इसलिए लिखा गया कि जिस तरह से उन्होंने कश्मीर में धारा 370 हटाकर एक ऐतिहासिक भूल का सुधार किया है। उसी तरह वह बुंदेलखंड राज्य को बनाकर बुंदेलखंड की जनता के साथ न्याय करें।
बाइट- तारा पाटकर (संयोजक बुंदेली समाज महोबा)




Conclusion:अजय बरसैया अनशनकारी ने बताया कि आज बुंदेली समाज ने प्रधानमंत्री को खून से खत इसलिए लिखा है। कि प्रधानमंत्री जी बुंदेलखंड राज्य बनाकर यहां की जनता के साथ न्याय करें।
बाइट- अजय बरसैया (अनशनकारी)

तेज प्रताप सिंह
महोबा यूपी
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