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पौराणिक एवं सांस्कृतिक विरासत को सहेजने में जुटी योगी सरकार, पुस्तकों में दर्ज होंगी 75 जिलों की अनसुनी कथाएं

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Published : Apr 22, 2022, 11:16 AM IST

योगी सरकार राज्य की पौराणिक एवं सांस्कृतिक विरासत को सहेजने में जुट गई है. सरकार के पर्यटन, धर्मार्थ कार्य, संस्कृति और भाषा विभाग अपनी कार्ययोजना तैयार कर रहे हैं.

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योगी सरकार

लखनऊ: उत्तर प्रदेश सरकार राज्य की पौराणिक एवं सांस्कृतिक विरासत को सहेजने में जुट गई है. प्रदेश के विकास का खाका इसी के इर्द-गिर्द खींचा जाएगा. इसी कड़ी में राज्य के सभी 75 जिलों की विरासतों के अनछुए पहलुओं और पौराणिक विषयों पर 75 पुस्तकें तैयार कराने में की मुहिम शुरू की जा रही है. सरकार की योजना है कि इसे 15 अगस्त 2023 तक तैयार कर जनता के बीच लाया जाए. इन पुस्तकों में कारगिल शहीदों की गौरव गाथा भी शामिल की जाएगी. सरकार के पर्यटन, धर्मार्थ कार्य, संस्कृति और भाषा विभाग इसी के आसपास अपनी कार्ययोजना तैयार कर रहे हैं.


उत्तर प्रदेश के लगभग सभी जिलों में पौराणिक और सांस्कृतिक विरासतों के अवशेष बिखरे हुए हैं. अब तक की सरकारों में इन विरासतों को सहेजने का कोई खास प्रयास नहीं किया गया. यही कारण है कि ऐसे स्थल नष्ट होते चले गए. नई पहल से हर जिले की पुस्तक के लिए सामग्री तलाशने के लिए जब जिले का इतिहास खंगाला जाएगा, तो निश्चित रूप से लुप्त होते जा रहे जा रहे स्थान और विरासतें सामने जरूर आएंगी. खासतौर से भगवान राम से जुड़ी अनेक कथाएं जिलों में बिखरी हैं. इसके साथ ही राजा-रजवाणों के किस्से और इनसे जुड़ी यादें भी सामने आएंगी. यदि सरकार ने इनका अच्छी तरह विकास कर दिया तो स्थानीय स्तर पर पर्यटन और रोजगार को बढ़ावा जरूर मिलेगा.

विरासत को सहेजने में जुटी योगी सरकार
विरासत को सहेजने में जुटी योगी सरकार

बुंदेलखंड की बात करें तो यहां साहसिक और प्रेरणा देने वाली कहानियों का अंबार है. तमाम छोटे रजवाड़े और उनके किले आदि नष्ट हो रहे हैं. यही नहीं इस क्षेत्र में सैकड़ों वर्ष पुराने तमाम मंदिर भी हैं, जो देख-रेख के अभाव में नष्ट हो रहे हैं. यदि सरकार की यह योजना कागजों से आगे बढ़ी तो निश्चित रूप से पूरा राज्य इससे लाभान्वित होगा. पिछली सरकार में वन विभाग इसी प्रकार की एक योजना लाया था, जिसमें बहुत पुराने या पौराणिक वृक्षों को सहेजने के लिए जिलेवार मुहिम चलाई गई थी. इसमें लोगों से भी सहयोग मांगा गया था. इस पहले के काफी उत्साहजनक परिणाम सामने आए थे, जिसके बाद प्रदेश के एक हजार से ज्यादा वृक्ष संरक्षित घोषित किए गए थे.

गौरतलब है कि योगी आदित्यनाथ की पिछली सरकार में केंद्र की मदद से धार्मिक क्षेत्रों में काफी काम हुए थे. इनमें काशी विश्वनाथ धाम कॉरीडोर का निर्माण, अयोध्या में राम मंदिर निर्माण, ब्रजभूमि रंगोत्सव, काशी की देव दीपावली, अयोध्या का दीपोत्सव, विंध्यधाम कॉरिडोर, नैमिषारण्य तीर्थ विकास कार्य, शुक तीर्थ पुनरोद्धार, मां अन्नपूर्णा की प्रतिमा सौ साल बाद वापस प्रतिष्ठित कराना आदि काम किए गए. इन कार्यों को लेकर लोगों में काफी खुशी भी है, क्योंकि इससे पर्यटन विकास को मदद मिली है और रोजगार के अवसर भी मिले हैं. योगी के दूसरे कार्यकाल वाली सरकार भी इसी नीति को आगे बढ़ाने वाली है, क्योंकि उसे इससे चुनावी लाभ तो मिला ही है, साथ ही पार्टी का एजेंडा भी सधा है.



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