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योगी सरकार का दूसरा कार्यकाल शुरू, लखनऊ मेट्रो का काम अभी भी अधूरा

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Published : Apr 23, 2022, 8:46 AM IST

योगी आदित्यनाथ की सरकार के दूसरे कार्यकाल में मेट्रो के दूसरे फेज का काम अभी नहीं शुरू हुआ है. इससे लोगों में निराशा है. वहीं दूसरे शहरों में मेट्रो का काम तेजी से चल रहा है. कानपुर में मेट्रो की शुरुआत हो चुकी है.

योगी सरकार का दूसरा कार्यकाल शुरू
योगी सरकार का दूसरा कार्यकाल शुरू

लखनऊ: छह साल पहले लखनऊ में पहली बार मेट्रो की नींव रखी गई थी. 27 सितंबर 2014 को साढ़े आठ किलोमीटर की दूरी के लिए निर्माण कार्य शुरू हुआ था. तीन साल पहले कॉमर्शियल रन शुरू हुआ. आधे शहर में मेट्रो दौड़ रही है, लेकिन आधे शहर का काम पिछले पांच साल से अधर में ही लटका हुआ है. सरकार की तरफ से बजट पास न हो पाने के कारण शहरवासियों को अब तक पूरे शहर में मेट्रो की सौगात नहीं मिल पाई है. योगी सरकार ने लखनऊ में मेट्रो के अधूरे पड़े काम को पूरा करने के बजाय चुनाव में जनता को लुभाने के लिए प्रदेश के तीन और शहरों की मेट्रो परियोजना को हरी झंडी दे दी. इनमें कानपुर, गोरखपुर और आगरा शामिल हैं. कानपुर में तो मेट्रो का संचालन भी शुरू हो गया है, जबकि आगरा में निर्माण कार्य हो रहा है और गोरखपुर में जल्द शुरू होने वाला है.

2017 में शहरवासियों को पहली बार मेट्रो में सफर का तोहफा मिला था. वर्तमान में 22.87 किलोमीटर रूट पर 22 स्टेशन के साथ लखनऊ मेट्रो चौधरी चरण सिंह इंटरनेशनल एयरपोर्ट मेट्रो स्टेशन से मुंशीपुलिया तक दौड़ रही है. शहरवासियों को उम्मीद थी कि दूसरे फेज का जो अधूरा काम पड़ा है, जिसमें चारबाग से लेकर वसंत कुंज तक मेट्रो का संचालन होना था यह काम भी पूरा हो जाएगा, लेकिन उम्मीदों पर पानी फिर गया.

अपने पहले कार्यकाल में योगी सरकार ने दूसरे फेज के लिए मेट्रो का काम तक शुरू नहीं कराया. अब योगी सरकार का दूसरा कार्यकाल शुरू हो गया है, लेकिन अभी भी राजधानी लखनऊ में अधूरे पड़े मेट्रो के काम को लेकर सरकार की गंभीरता नहीं दिख रही है. हालांकि, अभी हाल ही में यह बात सामने आई है कि राज्य सरकार ने मेट्रो रेल कारपोरेशन से 2018 में जो डीपीआर चारबाग से बसंत कुंज के लिए पास की गई थी उसका नए सिरे से अवलोकन करने के लिए कहा है.

लखनऊ मेट्रो रेल परियोजना का जो पहला डीपीआर बना था, उसमें दो फेज हैं. एक अमौसी एयरपोर्ट से मुंशीपुलिया तक करीब 23 किलोमीटर का है. यह सितंबर 2017 में शुरू हो गया था, जबकि दूसरा करीब 16 किलोमीटर का है. यह चारबाग से वसंतकुंज के बीच बनाया जाना था, लेकिन योगी आदित्यनाथ की पहली सरकार में इस कॉरिडोर पर कोई काम शुरू नहीं कराया गया. सरकार लखनऊ के अलावा अन्य जिलों में मेट्रो रेल परियोजना चलाना चाहती थी, इसलिए आगरा, कानपुर में मेट्रो के काम ने तेजी पकड़ी, जबकि लखनऊ में ईस्ट-वेस्ट कॉरिडोर पर कोई काम नहीं हुआ.

कानपुर मेट्रो का काम पूरा हो चुका है. आगरा मेट्रो का काम जारी है. पुराने लखनऊ को जोड़ने वाले इस कॉरिडोर पर भी काम किए जाने की तैयारी की चर्चा हो रही है. इस रूट पर कुल 16 स्टेशन हैं. आठ स्टेशन अंडर ग्राउंड और आठ स्टेशन एलिवेटेड बनाए जाएंगे. चारबाग में ईस्ट वेस्ट कॉरिडोर आपस में मिलेंगे. इससे यात्रियों को काफी फायदा होगा.

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जानकारी के मुताबिक, उत्तर प्रदेश मेट्रो रेल कारपोरेशन की तरफ से भी जल्द नया प्रस्ताव तैयार किया जा रहा है और इसमें जो भी औपचारिकताएं हैं, उन्हें पूरा कर सरकार को सौंपा जाएगा. साल के अंत तक उम्मीद जताई जा रही है कि ईस्ट-वेस्ट कॉरिडोर का भी शिलान्यास हो सकता है. अगर ऐसा हो गया तो साल 2025 तक चारबाग से हरदोई रोड के बसंत कुंज तक मेट्रो ट्रेन की सुविधा शुरू होगी, जिससे पुराने लखनऊ के लाखों लोग लाभान्वित होंगे. उत्तर प्रदेश मेट्रो रेल कॉरपोरेशन के प्रबंध निदेशक कुमार कहते हैं कि निश्चित तौर पर प्रक्रिया जारी है. उम्मीद है कि जल्द काम शुरू होगा.

एक दिन पहले ही मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने गोरखपुर में छह महीने के अंदर काम शुरू कराने और आगरा में दो साल की समय सीमा में मेट्रो सेवा प्रारंभ करने का निर्देश दिया है. सीएम ने प्रदेश के काशी, मेरठ, गोरखपुर, बरेली, झांसी और प्रयागराज शहरों को भी मेट्रो रेल सेवा से जोड़ने की बात कही है.

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