ETV Bharat / state

गरीब बच्चों के बीच लखनऊ पुलिस की महिला कांस्टेबल जगा रही हैं शिक्षा की अलख

author img

By

Published : Nov 25, 2022, 2:58 PM IST

ो

साल 2011 बैच की सरिता शुक्ला (Women constable of Lucknow Police) 6 महीने पहले जानकीपुरम इलाके में पोस्ट हुई थीं. गस्त के दौरान उनकी नजर इस इलाके के झोपड़पट्टी में रहने वाले बच्चों पर पड़ी. यहां उन्होंने देखा कि गरीबी की वजह से मासूम स्कूल नहीं जा पाते हैं. ये देखकर सरिता को दुख हुआ और फिर उन्होंने ठान लिया कि वे इन बच्चों के जीवन में शिक्षा का दिया जलाएंगी.

लखनऊ : अच्छे पुलिसवाले सिर्फ अपनी ड्यूटी ही नहीं करते, बल्कि अभिभावक, गुरु और सामाजिक सरोकार से जुड़कर भी समाज का हित साधते हैं. ऐसा ही कुछ कर रही हैं लखनऊ पुलिस कमिश्नरेट में तैनात एक महिला कांस्टेबल सरिता शुक्ला, जो न सिर्फ शहर की कानून व्यवस्था संभालने का जिम्मा उठाती हैं बल्कि उन बच्चों के जीवन में अशिक्षा रूपी अन्धेरे को ज्ञान के प्रकाश से दूर कर रही हैं. सरिता इन दिनों गरीब परिवार के बच्चों को मुफ्त पढ़ाने के लिए चर्चा में हैं. सोशल मीडिया पर उनके पढ़ाते हुए फोटो खूब वायरल हो रहे हैं और इस नेक कार्य के लिए उन्हें तारीफें भी मिल रही हैं.

साल 2011 बैच की सरिता शुक्ला (Women constable of Lucknow Police) 6 महीने पहले जानकीपुरम इलाके में पोस्ट हुई थीं. गस्त के दौरान उनकी नजर इस इलाके के झोपड़पट्टी में रहने वाले बच्चों पर पड़ी. यहां उन्होंने देखा कि गरीबी की वजह से मासूम स्कूल नहीं जा पाते हैं. ये देखकर सरिता को दुख हुआ और फिर उन्होंने ठान लिया कि वे इन बच्चों के जीवन में शिक्षा का दिया जलाएंगी. फिर क्या था उन्होंने शुरू कर दी अपनी पाठशाला और बन गयीं पुलिस वाली दीदी. कांस्टेबल सरिता ने बताया कि हाल ही में वो जानकीपुरम में पीआरवी के साथ प्वाइंट पर खड़ी थीं, तभी उनकी नजर झुग्गी बस्ती में रहने वाले बच्चों पर पड़ी, वो खेल रहे थे, जबकि उस वक़्त उन्हें स्कूल में होना चाहिये था. सरिता ने बताया कि जब उन्होंने बच्चों से बात की तो पता चला उस बस्ती के अधिकतर बच्चे स्कूल नहीं जाते. उन्होंने बच्चों के माता-पिता से बात की तो पता चला कि कई बच्चों के आधार कार्ड व अन्य दस्तावेज न होने से दाखिला नहीं हो पा रहा है. सरिता ने कई बच्चों का सरकारी स्कूल में दाखिला करवाया.

गरीब बच्चों को पढ़ातीं महिला कांस्टेबल सरिता शुक्ला




सरिता शुक्ला ने बताया कि उनकी दो शिफ्ट में ड्यूटी होती है, जब सुबह ड्यूटी होती है तो शाम को 4:30 से 6:30 बजे तक बच्चों को पढ़ाती हैं और जब नाइट ड्यूटी होती है तो दिन में 12 बजे से 2 बजे तक बच्चों को पढ़ाती हैं. उन्हें इस कार्य के लिए उनके विभाग की ओर से प्रशस्ति पत्र दिया गया है.

गरीब बच्चों को पढ़ा रहीं लखनऊ पुलिस की महिला कांस्टेबल
गरीब बच्चों को पढ़ा रहीं लखनऊ पुलिस की महिला कांस्टेबल




सरिता ने अपनी पाठशाला की शुरूआत लखनऊ के जानकीपुरम के तिराहे के पास खुले आसमान के नीचे शुरू की. सरिता बताती हैं कि उन्हें पढ़ाने का शौक तब से है जब वो 10वीं क्लास में पढ़ती थीं. पुलिस में नौकरी लग गई तो उनका पढ़ाने का सपना थम गया. सरिता कहती हैं कि क्योकि उनके पिता पेशे से ट्रांसपोर्टर हैं, लेकिन उन्हें भी शिक्षा बांटना अच्छा लगता है, इसलिये उनके भी अन्दर पढ़ाने का जुनून था. सरिता कहती हैं जब उन्होंने बच्चों को पढ़ाना शुरू किया था तब गिनती के ही कुछ बच्चे आते थे, लेकिन धीरे-धीरे बच्चों की संख्या बढ़ने लगी और उनका कारवां बढ़ता गया.



2011 बैच की महिला सिपाही सरिता शुक्ला मूलरूप से प्रतापगढ़ जिले के गहरौली की रहने वाली हैं. सरिता बताती हैं कि उनके पिता राम निहोर शुक्ला ट्रांसपोर्ट का काम करते हैं. वह बताती हैं पिता जरूरतमंद बच्चों की मदद करते रहते हैं, लिहाजा बचपन से ही उन्हें भी ऐसे लोगों की मदद करने की प्रेरणा मिली. साल 2012 में सरिता की पहली पोस्टिंग गाजीपुर में हुई. इसके बाद 2016 से 2018 तक अंबेडकरनगर में रहीं, जहां उन्होंने गरीब बच्चों को पढ़ाना शुरू किया, इसके बाद उनकी पोस्टिंग जानकीपुरम थाने में हो गई.

यह भी पढ़ें : यूपी एंटी करप्शन ऑर्गेनाइजेशन आधुनिक उपकरणों से होगी लैस, पल भर में डिकोड होंगे मोबाइल

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.