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विश्व हिंदू परिषद की सरकार से मांग, मुस्लिम और ईसाई बनने वाले हिंदुओं को न मिले आरक्षण का लाभ

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Published : Oct 21, 2022, 3:41 PM IST

Updated : Oct 21, 2022, 5:39 PM IST

राष्ट्रीय प्रवक्ता, विश्व हिंदू परिषद (Vishwa Hindu Parishad) विजय शंकर तिवारी ने शुक्रवार को विश्व संवाद केंद्र में आयोजित प्रेस वार्ता में कहा कि अनुसूचित जाति के लोगों का ईसाई औऱ मुस्लिम में धर्मान्तरण होने की दशा में कई आदेश होने के बावजूद अब भी आरक्षण मिलता है. उनकी पूजा पद्धति बदल गई है. अनेक ऐसे मामले सामने आए, जिनमें धर्म परिवर्तन करने वालों ने देवी-देवताओं की प्रतिमाओं का अपमान किया है.

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लखनऊ : विश्व हिंदू परिषद (Vishwa Hindu Parishad) ने अब अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति के आरक्षण को लेकर सरकार पर दबाव बनाना शुरू कर दिया है. परिषद की ओर से शुक्रवार को स्पष्ट कहा गया है कि जो धर्म भारत में उदय नहीं हुए उनमें जो भी धर्म परिवर्तन होगा उसको आरक्षण का लाभ मिलना सर्वथा अनुचित है. विहिप की ओर से यह स्पष्ट कर दिया गया कि कई बार दोहरे आरक्षण का लाभ भी धर्मांतरित होने वाले लोग ले रहे हैं. ये ना केवल जातिगत आरक्षण का लाभ लेते हैं बल्कि अल्पसंख्यकों को योजनाओं में मिलने वाले फायदे भी उठाते हैं. जिसको लेकर विश्व हिंदू परिषद केंद्र सरकार पर दबाव बनाएगी की धर्म परिवर्तन करने वाले लोगों को आरक्षण का लाभ ना मिले. खासतौर पर मुस्लिम और ईसाइयों के लिए. बौद्ध और सिखों में धर्म परिवर्तन करने वालों पर विश्व हिंदू परिषद का कोई विरोध नहीं है.


राष्ट्रीय प्रवक्ता, विश्व हिंदू परिषद (Vishwa Hindu Parishad) विजय शंकर तिवारी ने शुक्रवार को विश्व संवाद केंद्र में आयोजित प्रेस वार्ता में कहा कि अनुसूचित जाति के लोगों का ईसाई औऱ मुस्लिम में धर्मान्तरण होने की दशा में कई आदेश होने के बावजूद अब भी आरक्षण मिलता है. उनकी पूजा पद्धति बदल गई है. अनेक ऐसे मामले सामने आए, जिनमें धर्म परिवर्तन करने वालों ने देवी-देवताओं की प्रतिमाओं का अपमान किया है.

विश्व हिंदू परिषद के राष्ट्रीय प्रवक्ता विजय शंकर तिवारी

यह लोग धर्म परिवर्तन के बावजूद अपना नाम नहीं बदलते, ना ही उपजाति को लगाना बंद करते हैं. ऐसे में लगातार इनको आरक्षण का लाभ मिलता रहता है. इसके बावजूद वे आरक्षण का लाभ ले रहे हैं. यहां तक की वे अल्पसंख्यक औऱ जातिगत आरक्षण का लाभ मिलेगा. यह देश विरोधी है. इसके पक्ष में बड़े नेता नहीं थे. राजीव, मनमोहन औऱ देवगौड़ा धर्म परिवर्तन के बावजूद आरक्षण के पक्ष में थे, जबकि इंदिरा औऱ नेहरू इसके विरोध में थे.

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Last Updated : Oct 21, 2022, 5:39 PM IST
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